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एमडीएम : चावल, सब्जी, तेल और मसालों में मिली गड़बड़ी

Bareily Bureau बरेली ब्यूरो
Updated Sat, 20 Dec 2025 12:52 AM IST
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MDM: Irregularities found in rice, vegetables, oil and spices.
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बदायूं। जिले के परिषदीय व सहायता प्राप्त विद्यालयों में बच्चों को परोसे जा रहे मध्यान्ह भोजन (एमडीएम) की गुणवत्ता को लेकर खाद्य सुरक्षा विभाग की जांच ने चौंकाने वाली सच्चाई उजागर की है। वित्तीय वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 के दौरान विद्यालयों से लिए गए खाद्य पदार्थों के नमूनों की प्रयोगशाला जांच में मिलावट, घटिया गुणवत्ता व खाद्य मानकों का उल्लंघन सामने आया है। कई नमूने अधोमानक, असुरक्षित और मिथ्याछाप पाए गए हैं, जो सीधे तौर पर बच्चों के स्वास्थ्य के लिए खतरा माने जा रहे हैं।
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जांच रिपोर्ट के अनुसार, एमडीएम में उपयोग होने वाले चावल, तैयार सब्जी, सरसों का तेल और हल्दी पाउडर में गंभीर खामियां पाई गईं। चावल के कुछ नमूनों में नमी अधिक, टूटे दानों की मात्रा ज्यादा और गुणवत्ता बेहद निम्न पाई गई। ऐसे चावल लंबे समय तक भंडारण में फंगल संक्रमण (फफूंद) का कारण बन सकते हैं।
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तैयार सब्जी (आलू, सोयाबीन बड़ी, काशी फल, मसाले व सरसों तेल से निर्मित) में मानक से कम पोषक तत्व, खराब तेल के उपयोग और मसालों की गुणवत्ता घटिया पाई गई। सरसों का तेल जांच में तेल अधोमानक/अधीमानक पाया गया, जिससे आशंका जताई गई कि इसमें अन्य सस्ते तेलों की मिलावट या गुणवत्ता से समझौता किया गया। हल्दी पाउडर के कुछ नमूनों में रंग, गुणवत्ता और शुद्धता मानकों पर खरे नहीं उतरे, जिससे मिलावटी या घटिया हल्दी के उपयोग की पुष्टि होती है।

बच्चों के स्वास्थ्य पर क्या हो सकता है असर
विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह का अधोमानक और मिलावटी भोजन बच्चों के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। इससे पेट दर्द, उल्टी, दस्त और फूड पॉइजनिंग की आशंका बढ़ जाती है। मिलावटी तेल व मसालों से लीवर और पाचन तंत्र पर बुरा असर पड़ सकता है। लंबे समय तक ऐसा भोजन मिलने से कुपोषण, कमजोरी, रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी और बच्चों के शारीरिक-मानसिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। दूषित या फफूंद लगे चावल से संक्रमण और एलर्जी की समस्या हो सकती है।

कई विद्यालयों के नमूने हुए हैं फेल
सहायक आयुक्त द्वितीय खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन सीएल यादव ने बताया कि जांच रिपोर्ट में पीएस कन्या जगत, संविलियन विद्यालय बेहटा माधो, प्रा.वि. अमादपुर, कम्पोजिट विद्यालय डकारा, केजीबीवी बिल्सी, प्रा.वि. बनकोटा (वजीरगंज), संविलियन विद्यालय बौरा दातागंज समेत कई संस्थानों से लिए गए नमूने मानकों पर फेल पाए गए हैं।
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