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Budaun News: गंगा के कटान से अहमदनगर गांव का अस्तित्व पांच फीसदी ही शेष
सार
बदायूं जिले के दातागंज क्षेत्र में गंगा और रामगंगा नदी के कटान से अहमदनगर बछौरा गांव का 95 प्रतिशत हिस्सा नदी में समा गया है। प्रशासन और विधायक के निर्देश पर कटान रोकने और पीड़ितों को सहायता देने के प्रयास जारी हैं।
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बाढ़ खंड के अधिकारियों के साथ विधायक पहुंचे मकरंदापुर, कटान रोकने का कार्य देखते हुए। संवाद
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विस्तार
बदायूं। दातागंज क्षेत्र जिले का सबसे निचला क्षेत्र है। गंगा और रामगंगा इसी क्षेत्र में सबसे ज्यादा तबाही मचाती हैं। गंगा और रामगंगा में पिछले एक सप्ताह से तेजी से पानी घटने का सिलसिला शुरू हुआ है। इस बीच कटान ने आफत मचा दी है।
उसहैत क्षेत्र में आने वाले अहमदनगर बछौरा में हुए कटान का प्रशासन ने बृहस्पतिवार को संज्ञान लिया तो पता लगा कि गंगा की धाराओं में फंसा यह गांव लगभग अपना अस्तित्व ही खो बैठा है। केवल पांच प्रतिशत मकान ही गांव में बचे हैं। सरकारी स्कूल और गांव के तमाम मकानों को गंगा पहले ही निगल चुकी है।
इधर, इसी तहसील क्षेत्र में रामगंगा के कटान से तीन गांव अभी भी कटान की जद में हैं। इसमें मकरंदापुर गांव के पास गंगा पूरी तरह पहुंच चुकी है। विधायक राजीव कुमार सिंह बृहस्पतिवार को यहां बाढ़ खंड की टीम के साथ पहुंच गए और निर्देश दिए कि गांव को कटान से बचाया जाए। इसके लिए हर संभव प्रयास किए जाएं।
ग्रामीणों की गुहार पर अहमदनगर पहुंची राजस्व टीम
उसहैत। गंगा में पानी के एक साथ घटने के साथ ही गंगा का रुख बदल रहा है। पानी कम होने से जहां बाढ़ पीड़ितों को राहत मिली है, वहीं कटान से अहमद नगर बछौरा गांव पिछले कई दिनों से कटान के जद में हैं। 95 प्रतिशत गांव गंगा में समा गया है। परेशान ग्रामीणों की गुहार पर दातागंज के एसडीएम धर्मेंद्र कुमार सिंह के निर्देश पर नायब तहसीलदार दक्षिणी छविराम सिंह अहमद नगर बछौरा पहुंचे। कटान पीड़ितों से मिले। लेखपाल और कानूनगो को गंगा कटान में ध्वस्त हुए मकानों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए ताकि सरकारी सहायता उपलब्ध कराई जा सके।
नायब तहसीलदार ने बताया कि करीब 95 प्रतिशत मकान तथा सरकारी प्राथमिक विद्यालय कटान के कारण गंगा नदी की भेंट चढ़ गया है। उन्होंने बताया कि लेखपाल और कानूनगो गंगा में धराशाही हुए मकानों का सर्वे कर सूची तहसील में जमा करेंगे। प्रशासन ने इन ग्रामीणों को जगह का आवंटन बाकरपुर में कई वर्ष पहले ही कर दिया था। जो मकान यहां कट गए हैं। उनकी क्षतिपूर्ति की सिफारिश की जाएगी ताकि जहां उन्हें जमीन दी गई हैं, वहां अपना आशियाना बना सकें। संवाद
रामगंगा से कटने के कगार पर है मकरंदापुर
दातागंज। रामगंगा के कटान की जद में आए तीन गांवों को निरीक्षण करने खुद विधायक राजीव कुमार सिंह पहुंच गए। यहां कटान अभी भी जारी है। मकरंदापुर की ओर मोड़ पर आई रामगंगा ने यहां गांव मकरंदापुर को खतरे में डाल दिया है। विधायक ने बाढ़ खंड के एक्सईएन उमेश चंद्रा को निर्देश दिए हैं कि कटान को रोकने के जाे संभव उपाय हों, किए जाएं।
रामगंगा की धारा के बदलाव के कारण तहसील क्षेत्र के गांव मकरंदापुर, बिहारीपुर और गोटिंया के पास जबर्दस्त कटान शुरू कर दिया है। इसमें मकरंदापुर गांव के पास रामगंगा तेजी से कटान करते हुए बढ़ रही है। बाढ़ खंड की टीम यहां करीब एक सप्ताह से लगातार कटान रोकने के प्रयास में है, लेकिन अब तक कटान रुक नहीं सका है। विधायक ने बाढ़ खंड की टीम को तब तक गांव में कैंप करने के निर्देश दिए हैं जब तक कटान पर रोक न लग जाए। बाढ़ खंड के प्रयास जारी हैं। गांव में कटान से 12 घरों को खतरे में डाल दिया है। संवाद
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उसहैत क्षेत्र में आने वाले अहमदनगर बछौरा में हुए कटान का प्रशासन ने बृहस्पतिवार को संज्ञान लिया तो पता लगा कि गंगा की धाराओं में फंसा यह गांव लगभग अपना अस्तित्व ही खो बैठा है। केवल पांच प्रतिशत मकान ही गांव में बचे हैं। सरकारी स्कूल और गांव के तमाम मकानों को गंगा पहले ही निगल चुकी है।
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इधर, इसी तहसील क्षेत्र में रामगंगा के कटान से तीन गांव अभी भी कटान की जद में हैं। इसमें मकरंदापुर गांव के पास गंगा पूरी तरह पहुंच चुकी है। विधायक राजीव कुमार सिंह बृहस्पतिवार को यहां बाढ़ खंड की टीम के साथ पहुंच गए और निर्देश दिए कि गांव को कटान से बचाया जाए। इसके लिए हर संभव प्रयास किए जाएं।
ग्रामीणों की गुहार पर अहमदनगर पहुंची राजस्व टीम
उसहैत। गंगा में पानी के एक साथ घटने के साथ ही गंगा का रुख बदल रहा है। पानी कम होने से जहां बाढ़ पीड़ितों को राहत मिली है, वहीं कटान से अहमद नगर बछौरा गांव पिछले कई दिनों से कटान के जद में हैं। 95 प्रतिशत गांव गंगा में समा गया है। परेशान ग्रामीणों की गुहार पर दातागंज के एसडीएम धर्मेंद्र कुमार सिंह के निर्देश पर नायब तहसीलदार दक्षिणी छविराम सिंह अहमद नगर बछौरा पहुंचे। कटान पीड़ितों से मिले। लेखपाल और कानूनगो को गंगा कटान में ध्वस्त हुए मकानों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए ताकि सरकारी सहायता उपलब्ध कराई जा सके।
नायब तहसीलदार ने बताया कि करीब 95 प्रतिशत मकान तथा सरकारी प्राथमिक विद्यालय कटान के कारण गंगा नदी की भेंट चढ़ गया है। उन्होंने बताया कि लेखपाल और कानूनगो गंगा में धराशाही हुए मकानों का सर्वे कर सूची तहसील में जमा करेंगे। प्रशासन ने इन ग्रामीणों को जगह का आवंटन बाकरपुर में कई वर्ष पहले ही कर दिया था। जो मकान यहां कट गए हैं। उनकी क्षतिपूर्ति की सिफारिश की जाएगी ताकि जहां उन्हें जमीन दी गई हैं, वहां अपना आशियाना बना सकें। संवाद
रामगंगा से कटने के कगार पर है मकरंदापुर
दातागंज। रामगंगा के कटान की जद में आए तीन गांवों को निरीक्षण करने खुद विधायक राजीव कुमार सिंह पहुंच गए। यहां कटान अभी भी जारी है। मकरंदापुर की ओर मोड़ पर आई रामगंगा ने यहां गांव मकरंदापुर को खतरे में डाल दिया है। विधायक ने बाढ़ खंड के एक्सईएन उमेश चंद्रा को निर्देश दिए हैं कि कटान को रोकने के जाे संभव उपाय हों, किए जाएं।
रामगंगा की धारा के बदलाव के कारण तहसील क्षेत्र के गांव मकरंदापुर, बिहारीपुर और गोटिंया के पास जबर्दस्त कटान शुरू कर दिया है। इसमें मकरंदापुर गांव के पास रामगंगा तेजी से कटान करते हुए बढ़ रही है। बाढ़ खंड की टीम यहां करीब एक सप्ताह से लगातार कटान रोकने के प्रयास में है, लेकिन अब तक कटान रुक नहीं सका है। विधायक ने बाढ़ खंड की टीम को तब तक गांव में कैंप करने के निर्देश दिए हैं जब तक कटान पर रोक न लग जाए। बाढ़ खंड के प्रयास जारी हैं। गांव में कटान से 12 घरों को खतरे में डाल दिया है। संवाद

बाढ़ खंड के अधिकारियों के साथ विधायक पहुंचे मकरंदापुर, कटान रोकने का कार्य देखते हुए। संवाद