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Budaun News: बरेली के तस्करों से समरेर पुलिस चौकी में किया अफीम का सौदा
सार
दातागंज की समरेर चौकी में पुलिसकर्मियों और अफीम तस्करों की साठगांठ का खुलासा हुआ है। पुलिस ने दो सिपाहियों को लाइनहाजिर कर चौकी प्रभारी को हटाया और जांच शुरू की है। इस घटना ने स्थानीय कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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विस्तार
दातागंज (बदायूं)। समरेर चौकी में तस्करों और पुलिस के बीच एक बड़ी साठगांठ का खुलासा हुआ है। यहां पर बरेली के तस्करों को बुलाकर पुलिस कर्मियों ने ही अफीम खरीद-फरोख्त की सौदेबाजी की। मामला तूल पकड़ने लगा तो एसपी ने दो सिपाहियों को लाइन हाजिर करने के साथ चौकी प्रभारी को हटा दिया है। पूरे मामले की जांच सीओ दातागंज को सौंपी गई है। सीओ की जांच रिपोर्ट के बाद दोषी पुलिस कर्मियों पर अन्य बड़ी कार्रवाई हो सकती है। इस मामले में पुलिस ने छह लोगो को हिरासत लेकर उनसे पूछताछ शुरू की है।
मामला इतना गंभीर है कि इसे केवल अपराध नहीं, बल्कि व्यवस्था पर हमला कहा जा सकता है। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि चौकी पुलिसकर्मी अफीम तस्करों के साथ मिलकर खुलेआम अफीम की तस्करी कर रहे थे। इसमें खुद हिस्सेदारी ले रहे थे। यह मामला दो दिन पहले सामने आया जब बरेली के थाना और कस्बा बिशारतगंज से अफीम की एक खेप लाई गई।
अफीम तस्कर समरेर चौकी परिसर में ही सौदा करने पहुंचे। आरोप है कि चौकी के एक सिपाही ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर तस्करों को बुलाया और सौदेबाजी में शामिल हो गया। इस दौरान दो अन्य पुलिसकर्मियों ने भी इस अपराध में भाग लिया। उन्होंने अफीम सौंपने और रकम लेने का कार्य अंजाम दिया। बताया जा रहा है कि इस पूरे मामले के मास्टर माइंड एक अन्य सिपाही पर अब भी कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।
प्रधान अफीम लेकर भागा तो खुला मामला
जब तस्कर अफीम लेकर जा रहा था तो पुलिस ने उसे पकड़ लिया और चौकी में ही उससे लेनदेन का सौदा पूरा किया। उससे तस्कर से अफीम भी ले ली। मोटी रकम वसूलने के बाद तस्कर को छोड़ दिया गया, लेकिन इस बीच मामला अंदरखाने विवादित हो गया। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, सौदे में सूत्रधार होने के बाद भी हिस्सा न मिलने से एक गांव का प्रधान नाराज हो गया और अफीम लेकर भाग गया। यह घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई। इसके बाद एसएसपी ने कार्रवाई शुरू की है।
समरेर चौकी तस्करों का सुरक्षित अड्डा
स्थानीय लोगों का आरोप है कि समरेर चौकी लंबे समय से अफीम तस्करों के लिए सुरक्षित अड्डा बन चुकी है। यहां पुलिसकर्मी तस्करों के संपर्क में रहते हैं और समय-समय पर सौदेबाजी करते रहते हैं। यही वजह है कि इलाके में अफीम तस्करी निरंतर बढ़ रही है। ग्रामीणों का कहना है कि यह केवल एक घटना नहीं, बल्कि पुलिस और तस्करों के बीच लंबे समय से चल रही गहरी साठगांठ का हिस्सा है। इस पूरे घटनाक्रम ने स्थानीय पुलिस- प्रशासन और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले ने यह साबित कर दिया है कि अपराध सिर्फ सड़क पर नहीं, बल्कि पुलिस चौकी के भीतर भी फलफूल रहा है। इसे रोकने के लिए केवल जांच ही नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम में पारदर्शिता और जवाबदेही जरूरी है।
होगी सख्त कार्रवाई : एसएसपी
एसएसपी डॉ. बृजेश कुमार सिंह ने इस मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि आरक्षी अक्षय आरै और अरविंद तोमर को लाइनहाजिर कर दिया गया है। चौकी प्रभारी का तत्काल तबादला किया गया है। साथ ही इस मामले की जांच सीओ दातागंज को सौंपी गई है।
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मामला इतना गंभीर है कि इसे केवल अपराध नहीं, बल्कि व्यवस्था पर हमला कहा जा सकता है। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि चौकी पुलिसकर्मी अफीम तस्करों के साथ मिलकर खुलेआम अफीम की तस्करी कर रहे थे। इसमें खुद हिस्सेदारी ले रहे थे। यह मामला दो दिन पहले सामने आया जब बरेली के थाना और कस्बा बिशारतगंज से अफीम की एक खेप लाई गई।
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अफीम तस्कर समरेर चौकी परिसर में ही सौदा करने पहुंचे। आरोप है कि चौकी के एक सिपाही ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर तस्करों को बुलाया और सौदेबाजी में शामिल हो गया। इस दौरान दो अन्य पुलिसकर्मियों ने भी इस अपराध में भाग लिया। उन्होंने अफीम सौंपने और रकम लेने का कार्य अंजाम दिया। बताया जा रहा है कि इस पूरे मामले के मास्टर माइंड एक अन्य सिपाही पर अब भी कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।
प्रधान अफीम लेकर भागा तो खुला मामला
जब तस्कर अफीम लेकर जा रहा था तो पुलिस ने उसे पकड़ लिया और चौकी में ही उससे लेनदेन का सौदा पूरा किया। उससे तस्कर से अफीम भी ले ली। मोटी रकम वसूलने के बाद तस्कर को छोड़ दिया गया, लेकिन इस बीच मामला अंदरखाने विवादित हो गया। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, सौदे में सूत्रधार होने के बाद भी हिस्सा न मिलने से एक गांव का प्रधान नाराज हो गया और अफीम लेकर भाग गया। यह घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई। इसके बाद एसएसपी ने कार्रवाई शुरू की है।
समरेर चौकी तस्करों का सुरक्षित अड्डा
स्थानीय लोगों का आरोप है कि समरेर चौकी लंबे समय से अफीम तस्करों के लिए सुरक्षित अड्डा बन चुकी है। यहां पुलिसकर्मी तस्करों के संपर्क में रहते हैं और समय-समय पर सौदेबाजी करते रहते हैं। यही वजह है कि इलाके में अफीम तस्करी निरंतर बढ़ रही है। ग्रामीणों का कहना है कि यह केवल एक घटना नहीं, बल्कि पुलिस और तस्करों के बीच लंबे समय से चल रही गहरी साठगांठ का हिस्सा है। इस पूरे घटनाक्रम ने स्थानीय पुलिस- प्रशासन और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले ने यह साबित कर दिया है कि अपराध सिर्फ सड़क पर नहीं, बल्कि पुलिस चौकी के भीतर भी फलफूल रहा है। इसे रोकने के लिए केवल जांच ही नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम में पारदर्शिता और जवाबदेही जरूरी है।
होगी सख्त कार्रवाई : एसएसपी
एसएसपी डॉ. बृजेश कुमार सिंह ने इस मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि आरक्षी अक्षय आरै और अरविंद तोमर को लाइनहाजिर कर दिया गया है। चौकी प्रभारी का तत्काल तबादला किया गया है। साथ ही इस मामले की जांच सीओ दातागंज को सौंपी गई है।