UP: इसे जिले में टूटे शराब पीने के सारे पुराने रिकॉर्ड, देशी पर बुलंदशहर वालों का भरोसा; झूमा आबकारी विभाग
आबकारी विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, फेस्टिव सीजन के इन छह दिनों में शराब की बिक्री में जबरदस्त उछाल दर्ज किया गया है। बुलंदशहर के शराब प्रेमियों ने सभी श्रेणियों की शराब की जमकर खरीदारी की, लेकिन हमेशा की तरह देशी शराब ने इस रिकॉर्ड बिक्री में सबसे बड़ी हिस्सेदारी निभाई।
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दिवाली के त्योहारी सीजन में यूपी के बुलंदशहर में शराब प्रेमियों ने बिक्री के सारे पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। जिले में 19 अक्तूबर से लेकर 24 अक्तूबर तक, महज छह दिनों के भीतर मदिरावीरों ने कुल 10 करोड़ 47 लाख रुपये की शराब गटक ली। आबकारी विभाग के लिए भी यह बंपर बिक्री झूमने वाली रही, जो बताती है कि जिले में दिवाली का जश्न बड़े ही जोश और जाम के साथ मनाया गया।
देशी शराब ने इस रिकॉर्ड बिक्री में सबसे बड़ी हिस्सेदारी निभाई
आबकारी विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, फेस्टिव सीजन के इन छह दिनों में शराब की बिक्री में जबरदस्त उछाल दर्ज किया गया है। बुलंदशहर के शराब प्रेमियों ने सभी श्रेणियों की शराब की जमकर खरीदारी की, लेकिन हमेशा की तरह देशी शराब ने इस रिकॉर्ड बिक्री में सबसे बड़ी हिस्सेदारी निभाई। आंकड़ों के मुताबिक, मदिरावीरों ने 5 करोड़ 19 लाख रुपये की रिकॉर्ड देशी शराब पीकर यह साबित कर दिया कि सस्ती और सुलभ देशी ही जिले में उनकी पहली पसंद है। हालांकि, अंग्रेजी शराब पीने वालों ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी।
बीयर प्रेमी भी नहीं रहे पीछे
बुलंदशहर वालों ने इस दौरान 3 करोड़ 47 लाख रुपये की अंग्रेजी शराब पर हाथ साफ किया। वहीं, बीयर प्रेमियों ने भी ठंड की शुरुआत होने के बावजूद पीछे नहीं रहे और उन्होंने 1 करोड़ 79 लाख रुपये खर्च कर डाले। आबकारी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फेस्टिव सीजन के दौरान बंपर बिक्री की उम्मीद थी, लेकिन महज छह दिनों में 10.47 करोड़ रुपये की कुल बिक्री ने विभाग को भी हैरान कर दिया है। यह आंकड़ा साफ दर्शाता है कि दिवाली के जश्न को दोगुना करने के लिए जिले के लोगों ने जमकर शराब खरीदी और सेवन किया। यह बिक्री पिछले कई वर्षों में दिवाली सीजन में हुई बिक्री के मुकाबले एक नया कीर्तिमान है।
औसतन प्रतिदिन 1.74 करोड़ रुपये का 'जाम'
दिवाली के छह दिनों में हुई 10.47 करोड़ की बिक्री ने यह साबित कर दिया है कि बुलंदशहर में मदिरा सेवन का ट्रेंड कितना जबरदस्त है। आबकारी विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 19 से 24 अक्टूबर के बीच, जिले में औसतन प्रति दिन 1 करोड़ 74 लाख की शराब बेची गई। यदि इस बिक्री को कार्य समय (प्रतिदिन 12 घंटे) के हिसाब से देखें, तो जिले के लोग हर घंटे औसतन 14 लाख 50 हजार की शराब गटक रहे थे। इससे भी चौंकाने वाली बात यह है कि इस अवधि में हर मिनट लगभग 24,166 रूपये की शराब की बोतलें खुलीं। यह आंकड़े साफ बताते हैं कि फेस्टिव सीजन में बुलंदशहर की आबकारी राजस्व तिजोरी कितनी तेजी से भरी है।
देशी शराब बनी दिवाली की क्वीन, 49 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ राज कायम
मदिरावीरों ने इस दिवाली भी अपनी वर्षों पुरानी पसंद पर भरोसा कायम रखा। कुल 10.47 करोड़ की रिकॉर्ड तोड़ बिक्री में, देशी शराब ने अकेले 5 करोड़ 19 लाख रुपये का योगदान दिया। यह कुल बिक्री का लगभग 49.5 प्रतिशत हिस्सा है। अंग्रेजी शराब (3.47 करोड़) और बीयर (1.79 करोड़) की बढ़ती लोकप्रियता के बावजूद, सस्ती और सुलभ देशी मदिरा आज भी जिले के आम आदमी की पहली और सबसे बड़ी पसंद है। देशी शराब की यह रिकॉर्ड बिक्री न केवल राजस्व के मामले में अव्वल रही, बल्कि इसने यह भी दर्शा दिया कि जब जश्न का मौका होता है, तो बुलंदशहर वालों का देसी कनेक्शन सबसे मजबूत होता है।
आबकारी विभाग का बयान
जनपदभर में करीब 10.47 करोड़ रूपये की देशी, अंग्रेजी शराब और बीयर की बिक्री 19 अक्तूबर से 24 अक्तूबर के बीच हुई है। ग्रामीण अंचल में अधिकतर देशी शराब की बिक्री अधिक हुई है, इसी के चलते देशी का राजस्व लगभग 49 प्रतिशत रहा है। - राजेंद्र कुमार, जिला आबकारी अधिकारी, बुलंदशहर।