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Bulandshahar News: महिला अस्पताल की ओपीडी में आने वाली हर तीसरी गर्भवती में विटामिन बी-12 की कमी
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जिला महिला चिकित्सालय की ओपीडी में गर्भवती को परामर्श देती चिकित्सक। संवाद
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बुलंदशहर। जिला महिला चिकित्सालय की ओपीडी में आने वाली हर तीसरी गर्भवती में विटामिन बी-12 की कमी मिल रही है। चिकित्सक ऐसी महिलाओं को दवा के साथ पौष्टिक आहार का सेवन करने की सलाह दे रहे हैं।
चिकित्सालय की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मधुबाला ने बताया कि ओपीडी में प्रतिदिन 100 से 150 गर्भवती परामर्श लेने आती हैं। सभी गर्भवतियों की विटामिन बी-12 की जांंच कराई जाती है। लगभग 30 फीसदी से अधिक महिलाओं में विटामिन बी-12 की कमी की पुष्टि हो रही है।
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सुधा शर्मा ने बताया कि विटामिन बी-12 की कमी से थकान, कमजोरी, एनीमिया, तंत्रिका तंत्र संबंधी समस्याएं होने के साथ ही भ्रूण के विकास पर असर पड़ता है। इसकी पर्याप्त मात्रा नहीं मिलने से गर्भ में पल रहे बच्चे में न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट (मस्तिष्क व रीढ़ की हड्डी संबंधी जन्म दोष) का खतरा भी बढ़ सकता है।-- -- -
ये हैं कारण
डॉ. सुधा ने बताया कि शाकाहारी भोजन, आंतों की बीमारियां, दवाओं का लंबे समय तक सेवन और खान-पान में पोषक तत्वों की कमी इसके प्रमुख कारण हैं। इसलिए गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए।
ये हैं लक्षण
डॉ. सुधा ने बताया कि किसी प्रकार की कमजोरी, चक्कर या असामान्य थकान के लक्षण दिखने पर विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए।
इनका करें सेवन
सोयाबीन, बादाम, दूध, दही, पनीर, मशरूम, सूरजमुखी के बीज, हरी सब्जी, दाल, अंडा, मछली आदि।
प्रतिदिन ओपीडी में गर्भवती व सामान्य महिलाएं परामर्श के लिए आती हैं। अधिकांश में विटामिन बी-12 की कमी देखने को मिल रही है। ऐसी महिलाओं को दवा का सेवन करने की सलाह दी जा रही है।
-डॉ. अजय पटेल, सीएमएस जिला महिला चिकित्सालय
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चिकित्सालय की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मधुबाला ने बताया कि ओपीडी में प्रतिदिन 100 से 150 गर्भवती परामर्श लेने आती हैं। सभी गर्भवतियों की विटामिन बी-12 की जांंच कराई जाती है। लगभग 30 फीसदी से अधिक महिलाओं में विटामिन बी-12 की कमी की पुष्टि हो रही है।
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स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सुधा शर्मा ने बताया कि विटामिन बी-12 की कमी से थकान, कमजोरी, एनीमिया, तंत्रिका तंत्र संबंधी समस्याएं होने के साथ ही भ्रूण के विकास पर असर पड़ता है। इसकी पर्याप्त मात्रा नहीं मिलने से गर्भ में पल रहे बच्चे में न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट (मस्तिष्क व रीढ़ की हड्डी संबंधी जन्म दोष) का खतरा भी बढ़ सकता है।
ये हैं कारण
डॉ. सुधा ने बताया कि शाकाहारी भोजन, आंतों की बीमारियां, दवाओं का लंबे समय तक सेवन और खान-पान में पोषक तत्वों की कमी इसके प्रमुख कारण हैं। इसलिए गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए।
ये हैं लक्षण
डॉ. सुधा ने बताया कि किसी प्रकार की कमजोरी, चक्कर या असामान्य थकान के लक्षण दिखने पर विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए।
इनका करें सेवन
सोयाबीन, बादाम, दूध, दही, पनीर, मशरूम, सूरजमुखी के बीज, हरी सब्जी, दाल, अंडा, मछली आदि।
प्रतिदिन ओपीडी में गर्भवती व सामान्य महिलाएं परामर्श के लिए आती हैं। अधिकांश में विटामिन बी-12 की कमी देखने को मिल रही है। ऐसी महिलाओं को दवा का सेवन करने की सलाह दी जा रही है।
-डॉ. अजय पटेल, सीएमएस जिला महिला चिकित्सालय