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Bulandshahar News: मस्जिद के गेट पर वृद्ध की गोली मारकर हत्या में सात दोषियों को आजीवन कारावास
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इदरीश हत्याकांड में दोष सिद्ध आरोपियों को लेकर जाते पुलिसकर्मी। संवाद
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बुलंदशहर। तीन वर्ष पहले नमाज पढ़ने गए वृद्ध की मस्जिद के गेट पर गोलियां बरसाकर हत्या के मामले में एडीजे प्रथम प्रीति श्रीवास्तव के न्यायालय ने सात लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोषियों पर 50-50 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया गया है।
खुर्जा नगर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला शेखपेन में पुरानी रंजिश के चलते हुई इस घटना के दो आरोपियों को न्यायालय ने साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया है। तीन दोषी आपस में पिता-पुत्र और एक उनका रिश्तेदार है।
घटना 15 जुलाई 2022 को हुई थी। वादी इरफान ने खुर्जा नगर कोतवाली में तहरीर देकर बताया था कि तड़के करीब पांच बजे वह अपने पिता 65 वर्षीय इदरीश और छोटे भाई इमरान के साथ नमाज पढ़ने जा रहे थे। मस्जिद के रास्ते में मोहल्ला शेखपेन निवासी रियासुद्दीन, उसके पुत्र सरफराज व उमरदीन, उनका साथी अफसर और सरफराज का मामा मुस्तकीम उर्फ मुरारी निवासी जेवर, गौतमबुद्धनगर व एक अज्ञात आरोपी घात लगाए बैठे थे।
उन्होंने पुरानी रंजिश के चलते पिता-पुत्रों के साथ मारपीट शुरू कर दी। इस दौरान इदरीश ने मस्जिद में घुसकर जान बचाने की कोशिश की, लेकिन आरोपियों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। उनकी मस्जिद के गेट पर ही मौत हो गई। इसके बाद आरोपी दोनों भाइयों को जान से मारने की धमकी देते हुए भाग निकले।
पुलिस ने पांच लोगों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की तो चार अन्य आरिफ निवासी मोहल्ला शेखपेन, आरिफ निवासी मोहल्ला कालापीर थाना सिकंदराबाद, मुबारक निवासी मोहल्ला गोरखी थाना सिकंदराबाद और कासिम निवासी मोहल्ला शेखपेन के नाम भी प्रकाश में आए। इसके बाद पुलिस ने सभी नौ आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट तैयार कर न्यायालय में दाखिल की।
मामले में गत 18 नवंबर को न्यायालय ने दोनों पक्षों के गवाहों के बयान, अधिवक्ताओं की दलील और साक्ष्यों का अवलोकन कर सरफराज, उमरदीन, रियासुद्दीन, अफसर, मुस्तकीम, मुबारक और आरिफ निवासी शेखपेन को दोषी करार दिया था। बृहस्पतिवार दोपहर सभी दोषियों को सजा सुनाई गई। वहीं, आरिफ निवासी कालापीर और कासिम को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया था।
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खुर्जा नगर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला शेखपेन में पुरानी रंजिश के चलते हुई इस घटना के दो आरोपियों को न्यायालय ने साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया है। तीन दोषी आपस में पिता-पुत्र और एक उनका रिश्तेदार है।
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घटना 15 जुलाई 2022 को हुई थी। वादी इरफान ने खुर्जा नगर कोतवाली में तहरीर देकर बताया था कि तड़के करीब पांच बजे वह अपने पिता 65 वर्षीय इदरीश और छोटे भाई इमरान के साथ नमाज पढ़ने जा रहे थे। मस्जिद के रास्ते में मोहल्ला शेखपेन निवासी रियासुद्दीन, उसके पुत्र सरफराज व उमरदीन, उनका साथी अफसर और सरफराज का मामा मुस्तकीम उर्फ मुरारी निवासी जेवर, गौतमबुद्धनगर व एक अज्ञात आरोपी घात लगाए बैठे थे।
उन्होंने पुरानी रंजिश के चलते पिता-पुत्रों के साथ मारपीट शुरू कर दी। इस दौरान इदरीश ने मस्जिद में घुसकर जान बचाने की कोशिश की, लेकिन आरोपियों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। उनकी मस्जिद के गेट पर ही मौत हो गई। इसके बाद आरोपी दोनों भाइयों को जान से मारने की धमकी देते हुए भाग निकले।
पुलिस ने पांच लोगों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की तो चार अन्य आरिफ निवासी मोहल्ला शेखपेन, आरिफ निवासी मोहल्ला कालापीर थाना सिकंदराबाद, मुबारक निवासी मोहल्ला गोरखी थाना सिकंदराबाद और कासिम निवासी मोहल्ला शेखपेन के नाम भी प्रकाश में आए। इसके बाद पुलिस ने सभी नौ आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट तैयार कर न्यायालय में दाखिल की।
मामले में गत 18 नवंबर को न्यायालय ने दोनों पक्षों के गवाहों के बयान, अधिवक्ताओं की दलील और साक्ष्यों का अवलोकन कर सरफराज, उमरदीन, रियासुद्दीन, अफसर, मुस्तकीम, मुबारक और आरिफ निवासी शेखपेन को दोषी करार दिया था। बृहस्पतिवार दोपहर सभी दोषियों को सजा सुनाई गई। वहीं, आरिफ निवासी कालापीर और कासिम को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया था।