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Chandauli News: आधी रात में जन्मे प्रभु यीशु खुशियों से झूमा ईसाई समुदाय
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क्रिसमस के मौके पर पीडीडीयू नगर के बाल यीशु चर्च में सजी चरनी की झांकी। संवाद
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पीडीडीयू नगर। इंसानों में मानवता और प्रेम का संदेश देने और लोगों के पापों से मुक्त कराते हुए उद्धार करने वाले प्रभु यीशु का जन्म बुधवार को आधी रात में हुआ। प्रभु यीशु के जन्म लेते ईसाई समुदाय खुशियों से झूम उठा। मसीही समाज पूरी श्रद्धा से तालियां बजाकर उनका स्वागत किया। साथ ही एक दूसरे से गले मिलकर क्रिसमस की बधाई दी। इस अवसर पर जनपद सहित नगर के विभिन्न चर्चों को सजाया गया। यूरोपियन कालोनी स्थित बाल यीशु कैथोलिक चर्च रोशन रहा। वहीं क्रिसमस ट्री को आकर्षक ढंग से सजाया।
ईश्वर के प्रेम, आनंद व श्रद्धा के साथ ईसाई समुदाय ने क्रिसमस के आगमन का स्वागत किया। ईसा मसीह के जन्म सम्मान में सामूहिक प्रार्थना की जाती है। इसे बड़ा दिन भी कहा जाता है। प्रभु ने मैरी नामक एक कुंवारी लड़की के पास गैब्रियल नामक दूत भेजा था। गैब्रियल ने मैरी को बताया कि वह प्रभु के पुत्र को जन्म देगी। बच्चे का नाम जीसस रखा जाएगा।
मैरी की सगाई युसुफ नामक बढ़ई से हुई थी। मैरी ने आधी रात को जीसस को जन्म दिया। उसके बाद उन्हें एक नाद में लिटा दिया। इस प्रकार प्रभु के पुत्र जीसस का जन्म हुआ। तभी से ईसाई समुदाय क्रिसमस का पर्व मनाते आ रहे हैं।
नगर में यूरोपियन कालोनी स्थित बाल यीशु चर्च में यीशु जन्म की आकर्षक झांकी सजाई गई। फादर विजय शांतिराज ने रात 11 बजे मीसा का बलिदान पाठ किया। रात 12 बजे प्रभु यीशु के जन्म लेते ही जश्न शुरू हो गया। इस दौरान क्रिसमस ट्री के पास मोमबत्ती जलाकर प्रभु का आशीर्वाद लिया। सेंटा क्लॉज ने लोगों को उपहार बांटे। इस दौरान फादर विजय शांतिराज ने कहा कि बृहस्पतिवार को पादरी श्रद्धालुओं को आशीष देंगे। लोग कैंडिल जलाएंगे और अपनी मन्नतें व प्रार्थना लिखकर बालक यीशु से प्रार्थना कर दानपेटी में डालेंगे।
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ईश्वर के प्रेम, आनंद व श्रद्धा के साथ ईसाई समुदाय ने क्रिसमस के आगमन का स्वागत किया। ईसा मसीह के जन्म सम्मान में सामूहिक प्रार्थना की जाती है। इसे बड़ा दिन भी कहा जाता है। प्रभु ने मैरी नामक एक कुंवारी लड़की के पास गैब्रियल नामक दूत भेजा था। गैब्रियल ने मैरी को बताया कि वह प्रभु के पुत्र को जन्म देगी। बच्चे का नाम जीसस रखा जाएगा।
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मैरी की सगाई युसुफ नामक बढ़ई से हुई थी। मैरी ने आधी रात को जीसस को जन्म दिया। उसके बाद उन्हें एक नाद में लिटा दिया। इस प्रकार प्रभु के पुत्र जीसस का जन्म हुआ। तभी से ईसाई समुदाय क्रिसमस का पर्व मनाते आ रहे हैं।
नगर में यूरोपियन कालोनी स्थित बाल यीशु चर्च में यीशु जन्म की आकर्षक झांकी सजाई गई। फादर विजय शांतिराज ने रात 11 बजे मीसा का बलिदान पाठ किया। रात 12 बजे प्रभु यीशु के जन्म लेते ही जश्न शुरू हो गया। इस दौरान क्रिसमस ट्री के पास मोमबत्ती जलाकर प्रभु का आशीर्वाद लिया। सेंटा क्लॉज ने लोगों को उपहार बांटे। इस दौरान फादर विजय शांतिराज ने कहा कि बृहस्पतिवार को पादरी श्रद्धालुओं को आशीष देंगे। लोग कैंडिल जलाएंगे और अपनी मन्नतें व प्रार्थना लिखकर बालक यीशु से प्रार्थना कर दानपेटी में डालेंगे।
