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Chitrakoot News: सांस्कृतिक कार्यक्रमों में ऊर्जा, उत्साह और फिल्म प्रेमियों की दिखी भागीदारी
संवाद न्यूज एजेंसी, चित्रकूट
Updated Sun, 21 Dec 2025 12:01 AM IST
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28 सीकेटीपी-6- परिचय- खजुराहो फिल्म फेस्टिवल में मंच से बुंदेली गीत संगीत प्रस्तुत करतीं कलाकार
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चित्रकूट। खजुराहो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2025 में विभिन्न रचनात्मक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति हुई। पूरे फेस्टिवल में ऊर्जा, उत्साह और फिल्म प्रेमियों की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली।फ़िल्म अभिनेत्री पूनम ढिल्लों सिने गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया।
फिल्म फेस्टिवल के कार्यक्रम की शुरुआत फेस्टिवल के लोकप्रिय सेक्शन टपरा टॉकीज से हुई। कुल 17 फिल्मों की स्क्रीनिंग की गई। ये सभी फिल्में विभिन्न राज्यों और शहरों से आई थीं, और इनके निर्देशक, कलाकार और पूरी टीम स्वयं उपस्थित रही। खासकर बुंदेली भाषा व आदिवासी जीवन पर आधारित फिल्मों को खूब सराहा गया। बुंदेली व आदिवासी गीत संगीत पर दर्शक जमकर झूमे।
इसी दौरान मंच पर फिल्म अभिनेत्री पूनम ढिल्लो ने अपने करिअर, भारतीय सिनेमा में बदलाव और नई पीढ़ी के फिल्मकारों के महत्व पर अपने विचार साझा किए।कहा कि खजुराहो केवल एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और कलात्मक विरासत का जीवंत प्रतीक है। बुंदेलखंड के ऐसे ऐतिहासिक स्थलों पर फिल्म और सांस्कृतिक आयोजनों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, जिससे पर्यटन के साथ स्थानीय युवाओं को भी नए अवसर मिल सकें। उन्होंने भारतीय सिनेमा में आए बदलावों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज का सिनेमा नई सोच, नए विषयों और तकनीक के साथ आगे बढ़ रहा है, जो स्वागत योग्य है। साथ ही उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि कला, अभिनय और रचनात्मकता के क्षेत्र में मेहनत और अनुशासन ही सफलता की कुंजी है।
इसी दौरान फिल्म फेस्टिवल के संस्थापक आयोजक राजा बुंदेला ने उन्हें सिने गौरव सम्मान से नवाजा। अध्यक्ष अरुण अवस्थी, मुख्य नगरपालिका अधिकारी बसंत चतुर्वेदी, सृजन गुप्ता, कल्याण सिंह, केतकी बाल्मीक,महेश ओमरे, रेखा बाल्मीक, शोभराज सिंह श्रीमति मीना बाल्मीक, राजेश शिवहरे, करण बाल्मीक, सत्यम शुक्ला, संदीप राजपूत, , रमेश बाल्मीक, आदित्य सिंह, समयपाल आदि को भी युवा कलाकार व समाज सेवा में बेहतर योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इस मौके पर यूपी प्रभारी अजीत सिंह आदि मौजूद रहे।
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इसी दौरान मंच पर फिल्म अभिनेत्री पूनम ढिल्लो ने अपने करिअर, भारतीय सिनेमा में बदलाव और नई पीढ़ी के फिल्मकारों के महत्व पर अपने विचार साझा किए।कहा कि खजुराहो केवल एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और कलात्मक विरासत का जीवंत प्रतीक है। बुंदेलखंड के ऐसे ऐतिहासिक स्थलों पर फिल्म और सांस्कृतिक आयोजनों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, जिससे पर्यटन के साथ स्थानीय युवाओं को भी नए अवसर मिल सकें। उन्होंने भारतीय सिनेमा में आए बदलावों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज का सिनेमा नई सोच, नए विषयों और तकनीक के साथ आगे बढ़ रहा है, जो स्वागत योग्य है। साथ ही उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि कला, अभिनय और रचनात्मकता के क्षेत्र में मेहनत और अनुशासन ही सफलता की कुंजी है।
इसी दौरान फिल्म फेस्टिवल के संस्थापक आयोजक राजा बुंदेला ने उन्हें सिने गौरव सम्मान से नवाजा। अध्यक्ष अरुण अवस्थी, मुख्य नगरपालिका अधिकारी बसंत चतुर्वेदी, सृजन गुप्ता, कल्याण सिंह, केतकी बाल्मीक,महेश ओमरे, रेखा बाल्मीक, शोभराज सिंह श्रीमति मीना बाल्मीक, राजेश शिवहरे, करण बाल्मीक, सत्यम शुक्ला, संदीप राजपूत, , रमेश बाल्मीक, आदित्य सिंह, समयपाल आदि को भी युवा कलाकार व समाज सेवा में बेहतर योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इस मौके पर यूपी प्रभारी अजीत सिंह आदि मौजूद रहे।

28 सीकेटीपी-6- परिचय- खजुराहो फिल्म फेस्टिवल में मंच से बुंदेली गीत संगीत प्रस्तुत करतीं कलाकार
