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Chitrakoot News: एक दूसरे के डिजिटल हस्ताक्षरों का खूब किया इस्तेमाल

Kanpur	 Bureau कानपुर ब्यूरो
Updated Mon, 24 Nov 2025 12:23 AM IST
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Extensive use of each other's digital signatures
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कोषागार घोटाला :
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करोड़ों के घपले मामले की अवकाश के दिन भी जारी रही जांच
संवाद न्यूज एजेंसी
चित्रकूट। रविवार को सरकारी दफ्तरों में अवकाश था। इस छुट्टी के बाद भी रविवार को कोषागार कार्यालय खुला और वहां पर दिनभर चहल पहल रही। घोटाले की जांच के लिए कार्यालय गई एसआईटी टीम ने वहां पर ऑनलाइन आंकडों के संग भुगतान प्रक्रिया को भी जांचा। जांच में टीम ने यह भी जाना, कि पेंशन आहरण में किस तरह से घालमेल हुआ। आरापियों ने एक दूसरे को आवंटित हुए डिजिटल हस्ताक्षरों का बखूबी प्रयोग किया है। जानकारी के बाद जब यह आरोपी आपस में बैठते थे तो यही आश्वासन होता था कि कागज नियमानुसार ही पास हुआ है। बस समय की जल्दी से ऐसा किया गया।
43.13 करोड़ के कोषागार विभाग के घोटाले की एसआईटी की जांच जारी है। पहली विभागीय जांच पूरी हो चुकी है। इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है। इसी आधार पर आरोपी एटीओ व एकाउंटेंट को निलंबित किया गया है। एक माह से अधिक समय से एसआईटी की जांच जारी है। 2018 से लेकर 2025 तक चले इस घपलेबाजी में नामजद 99 लोगों की संपत्ति का ब्यौरा भी एसआईटी ने मांगा है। इस मामले में नामजद पेंशनर, बिचौलिए व विभागीय अधिकारी कुल 32 लोग जेल जा चुके हैं। तीन करोड़ 60 लाख से अधिक की रिकवरी हो चुकी है। एक नामजद एटीओ संदीप की विवेचना के दौरान मृत्यु हो चुकी है। एक नामजद एटीओ अवधेश सिंह अदालत से स्टे पर हैं। इसकी जांच लगातार जारी है। रविवार को अवकाश के बाद भी कोषागार विभाग पहुंची एसआईटी ने छह घंटे तक पूछताछ की। विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों के डिजिटल हस्ताक्षर व पेंशनरों को भेजी गई रकम का मिलान कराया।
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जांच के दौरान यह पाया गया कि कई नामजद एटीओ व एकांउटेंट ने अन्य अधिकारी व कर्मचारी के डिजिटल हस्ताक्षर का उनकी अनुपस्थिती या फिर उनकी मर्जी से ही अवैध रकम भेजने मेें प्रयोग किया है। इसकी जानकारी भी संबधित को है लेकिन यह भी सामने आया कि इन संबधितों ने शायद रुपये की लालच में इसका विरोध नहीं किया। इससे लगातार सात साल तक करोड़ों रुपये का व्यारा न्यारा होता रहा। कर्मचारी व अधिकारी पेंशनर व बिचौलियों की मदद से लाखों रुपये का प्रयोग निजी संपत्ति के लिए किया है। इन सब की जांच जारी है। दस आरोपियों की संपत्ति का आधा अधूरा ब्यौरा मिला है। इसके लिए जांच टीम ने नोटिस भी जारी की है।
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