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न्यायालय के फैसले की सराहना की
Deoria
Updated Sun, 09 Jun 2013 05:30 AM IST
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देवरिया। आतंकियों के केस वापसी पर उच्च न्यायालय के रुख का अधिवक्ताओं ने स्वागत किया है। उन्होंने शनिवार को कैंप कार्यालय पर बैठक कर खुशी जताई और सरकार के तर्क को समाज विरोधी बताया।
डिस्ट्रिक्ट बार के पूर्व अध्यक्ष सुभाषचंद्र राव ने कहा कि प्रदेश सरकार अपनी सीमाओं को लांघ रही है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण आतंकियों से केस वापस लेने का है। सरकार का कृत्य गैरकानूनी है। उच्च न्यायालय ने सरकार को उसकी सीमा का ज्ञान कराया है। गंभीर आरोपियों की रिहाई में केेंद्र सरकार की सहमति लेनी जरुरी है। इसे न्यायालय ने स्पष्ट किया है। पूर्व अध्यक्ष सिंहासन गिरि ने कहा कि न्यायालय के निर्णय ने न्यायपालिका की गरिमा को बढ़ाया है। ऐसा न होने पर समाज में खौफ का माहौल कायम रहता है। यह कदम पीड़ितों के जख्म पर मरहम है। शशिनाथ पांडेय ने कहा कि आतंकी का कोई धर्म नहीं होता है। उसका कृत्य माफी योग्य नहीं है। उनकी जगह जेल है। ये समाज के लिए कलंक है। इस दौरान श्रीनिवास मिश्र, जटाशंकर सिंह, आनंद राय, बृजबांके तिवारी, अनिल सिंह, राधेश्याम पाठक, सुभाष मिश्र और नितेंद्र त्रिपाठी मौजूद रहे।

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डिस्ट्रिक्ट बार के पूर्व अध्यक्ष सुभाषचंद्र राव ने कहा कि प्रदेश सरकार अपनी सीमाओं को लांघ रही है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण आतंकियों से केस वापस लेने का है। सरकार का कृत्य गैरकानूनी है। उच्च न्यायालय ने सरकार को उसकी सीमा का ज्ञान कराया है। गंभीर आरोपियों की रिहाई में केेंद्र सरकार की सहमति लेनी जरुरी है। इसे न्यायालय ने स्पष्ट किया है। पूर्व अध्यक्ष सिंहासन गिरि ने कहा कि न्यायालय के निर्णय ने न्यायपालिका की गरिमा को बढ़ाया है। ऐसा न होने पर समाज में खौफ का माहौल कायम रहता है। यह कदम पीड़ितों के जख्म पर मरहम है। शशिनाथ पांडेय ने कहा कि आतंकी का कोई धर्म नहीं होता है। उसका कृत्य माफी योग्य नहीं है। उनकी जगह जेल है। ये समाज के लिए कलंक है। इस दौरान श्रीनिवास मिश्र, जटाशंकर सिंह, आनंद राय, बृजबांके तिवारी, अनिल सिंह, राधेश्याम पाठक, सुभाष मिश्र और नितेंद्र त्रिपाठी मौजूद रहे।
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