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Deoria News: देवरिया में शराब फैक्टरी में की जांच
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उसरा बाजार डिस्टलरी
- फोटो : 1
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देवरिया। ऊसरा बाजार इंडस्ट्रियल एस्टेट में मंगलवार की सुबह करीब 6.30 बजे आयकर विभाग की टीम ने शराब बनाने वाली फैक्टरी फॉरएवर डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड पर छापा मारा। सीतापुर से पांच गाड़ियों से आए अफसर फैक्टरी के मेन गेट से अंदर पहुंचे और फिर गेट बंद करा दिया गया। देर शाम तक गेट बंद रहा और टीम अंदर जांच करती रही। फैक्टरी से जुड़े वरिष्ठ अफसरों के मोबाइल भी सुबह से ही बंद हैं। जिला प्रशासन के अफसरों का कहना है कि इस मामले में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
फॉरएवर डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड गोरखपुर के कारोबारी तन्मय मोदी, अनीष मोदी और मनीष केडिया की संयुक्त फर्म है। इन लोगों का गोरखपुर में भी बड़ा कारोबार है। बताया जा रहा है कि सुबह करीब 6.30 बजे पांच गाड़ियों से अफसर यहां पहुंचे और गेट को अंदर से बंद करवा दिया। इस दौरान गेट पर पीएसी के जवानों तैनात हो गए। इसके बाद पूरे दिन फैक्टरी में कर्मचारियों की आवाजाही ठप रही। दोपहर की शिफ्ट में कुछ कर्मचारी बाहर निकले, लेकिन उन्होंने अंदर हो रही जांच से खुद को अंजान बताया। शाम छह बजे तक भी गेट पर पीएसी के जवान पहरा दे रहे थे।
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फैक्टरी के कर्मचारियों का मोबाइल किया जब्त
पैकौली। सुबह सात बजे लोगों को यह जानकारी हुई कि एनजीटी की एक टीम ने शराब फैक्टरी पर जांच के लिए छापा मारा है। हालांकि प्रशासन की तरफ से किसी जांच से इन्कार किए जाने के बाद मामला फिर शांत हो गया। इसके बाद सुबह साढ़े नौ बजे चर्चा उठी कि यह कार्रवाई प्रवर्तन निदेशालय से जुड़ी है। हालांकि दोपहर बाद फिर चर्चा होने लगी कि यह आयकर विभाग की टीम है। फैक्टरी में दोपहर के शिफ्ट में निकले एक कर्मचारी ने नाम उजागर नहीं होने की शर्त पर बताया कि कुछ लोग प्रबंधक ऑफिस पहुंचे और वहां जितने लोग काम करते हैं, उन सबका मोबाइल जब्त करा लिया। कार्यालय के बाहर पुलिसकर्मी तैनात हैं, जो किसी अन्य को वहां जाने नहीं दे रहे हैं। करीब पांच-छह की संख्या में अफसर हैं, जो अंदर जांच कर रहे हैं। दोपहर में दो-तीन अफसर लंच के बाद कैंपस में टहलते देखे गए। हालांकि कोई कुछ स्पष्ट रूप से बता नहीं पा रहा है।
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सीतापुर से आई थी यह टीम
पुलिस सूत्रों के मुताबिक आयकर की एक विशेष टीम को ऊसरा बाजार इंडस्ट्रियल एरिया के शराब फैक्टरी की जांच के लिए भेजा गया है। इसमें सीतापुर के अफसर शामिल हैं। रात में सीतापुर से ही पीएसी के 10 जवानों को इन अफसरों की सुरक्षा के लिए साथ भेजा गया। रात में 10 बजे इस टीम ने अयोध्या में भोजन के बाद कुछ देर विश्राम किया। इसके बाद रात में डेढ़ बजे टीम देवरिया के लिए रवाना हुई। सुबह 6:30 बजे यह टीम डिस्टलरी के गेट पर पहुंची। सुरक्षा में लगे चार जवानों को गेट पर और छह जवानों को अंदर तैनात किया गया। चर्चा है कि पांच आयकर अफसर रिकॉर्ड खंगाल रहे हैं।
डिस्टलरी से प्रदूषण फैलने की एनजीटी भी कर रही है जांच
फोटो समाचार
- पूर्व विधायक ने ट्रिब्यूनल के समक्ष दाखिल किया है वाद
संवाद न्यूज एजेंसी।
रुद्रपुर। इंडस्ट्रियल एस्टेट ऊसरा बाजार स्थित शराब फैक्टरी फॉरएवर डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड पर पहले से ही प्रदूषण फैलाने का एक मामला नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में भी चल रहा है। आयकर टीम की छापामारी को पहले लोगों ने एनजीटी की तरफ से कराई जा रही जांच समझा। दोपहर बाद यह स्पष्ट हुआ कि छापा आयकर विभाग की टीम ने डाला है।
औद्योगिक क्षेत्र में पर्यावरण प्रदूषण को लेकर पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण सिंह ने एनजीटी के समक्ष वाद दाखिल था, जिसमें 19 जनवरी को सुनवाई की तिथि भी तय की गई है। एनजीटी की मुख्य पीठ ने संयुक्त समिति बनाकर आठ सप्ताह के अंदर न्यायाधिकरण के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश पारित किया है। एनजीटी की ओर से बनाई गई समिति में राष्ट्रीय पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय लखनऊ और जिला मजिस्ट्रेट देवरिया के प्रतिनिधि शामिल हैं। संयुक्त समिति स्थल का दौरा कर पर्यावरण प्रदूषण एवं पर्यावरण मानदंडों के उल्लंघन के आरोपी प्रतिवादी संख्या-5 फॉरएवर डिस्टलरी की ओर से पर्यावरण मानदंडों के अनुपालन और मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी की ओर से दी गई पर्यावरण स्वीकृति की शर्तों का पता लगाकर न्यायाधिकरण के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगी। मामले में पूर्व विधायक ने ट्रिब्यूनल के समक्ष प्रतिवादी पर यह आरोप लगाया है, कि वह इस क्षेत्र में शराब का निर्माण कर हवा में जहर घोल रहे हैं।
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फॉरएवर डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड गोरखपुर के कारोबारी तन्मय मोदी, अनीष मोदी और मनीष केडिया की संयुक्त फर्म है। इन लोगों का गोरखपुर में भी बड़ा कारोबार है। बताया जा रहा है कि सुबह करीब 6.30 बजे पांच गाड़ियों से अफसर यहां पहुंचे और गेट को अंदर से बंद करवा दिया। इस दौरान गेट पर पीएसी के जवानों तैनात हो गए। इसके बाद पूरे दिन फैक्टरी में कर्मचारियों की आवाजाही ठप रही। दोपहर की शिफ्ट में कुछ कर्मचारी बाहर निकले, लेकिन उन्होंने अंदर हो रही जांच से खुद को अंजान बताया। शाम छह बजे तक भी गेट पर पीएसी के जवान पहरा दे रहे थे।
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फैक्टरी के कर्मचारियों का मोबाइल किया जब्त
पैकौली। सुबह सात बजे लोगों को यह जानकारी हुई कि एनजीटी की एक टीम ने शराब फैक्टरी पर जांच के लिए छापा मारा है। हालांकि प्रशासन की तरफ से किसी जांच से इन्कार किए जाने के बाद मामला फिर शांत हो गया। इसके बाद सुबह साढ़े नौ बजे चर्चा उठी कि यह कार्रवाई प्रवर्तन निदेशालय से जुड़ी है। हालांकि दोपहर बाद फिर चर्चा होने लगी कि यह आयकर विभाग की टीम है। फैक्टरी में दोपहर के शिफ्ट में निकले एक कर्मचारी ने नाम उजागर नहीं होने की शर्त पर बताया कि कुछ लोग प्रबंधक ऑफिस पहुंचे और वहां जितने लोग काम करते हैं, उन सबका मोबाइल जब्त करा लिया। कार्यालय के बाहर पुलिसकर्मी तैनात हैं, जो किसी अन्य को वहां जाने नहीं दे रहे हैं। करीब पांच-छह की संख्या में अफसर हैं, जो अंदर जांच कर रहे हैं। दोपहर में दो-तीन अफसर लंच के बाद कैंपस में टहलते देखे गए। हालांकि कोई कुछ स्पष्ट रूप से बता नहीं पा रहा है।
सीतापुर से आई थी यह टीम
पुलिस सूत्रों के मुताबिक आयकर की एक विशेष टीम को ऊसरा बाजार इंडस्ट्रियल एरिया के शराब फैक्टरी की जांच के लिए भेजा गया है। इसमें सीतापुर के अफसर शामिल हैं। रात में सीतापुर से ही पीएसी के 10 जवानों को इन अफसरों की सुरक्षा के लिए साथ भेजा गया। रात में 10 बजे इस टीम ने अयोध्या में भोजन के बाद कुछ देर विश्राम किया। इसके बाद रात में डेढ़ बजे टीम देवरिया के लिए रवाना हुई। सुबह 6:30 बजे यह टीम डिस्टलरी के गेट पर पहुंची। सुरक्षा में लगे चार जवानों को गेट पर और छह जवानों को अंदर तैनात किया गया। चर्चा है कि पांच आयकर अफसर रिकॉर्ड खंगाल रहे हैं।
डिस्टलरी से प्रदूषण फैलने की एनजीटी भी कर रही है जांच
फोटो समाचार
- पूर्व विधायक ने ट्रिब्यूनल के समक्ष दाखिल किया है वाद
संवाद न्यूज एजेंसी।
रुद्रपुर। इंडस्ट्रियल एस्टेट ऊसरा बाजार स्थित शराब फैक्टरी फॉरएवर डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड पर पहले से ही प्रदूषण फैलाने का एक मामला नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में भी चल रहा है। आयकर टीम की छापामारी को पहले लोगों ने एनजीटी की तरफ से कराई जा रही जांच समझा। दोपहर बाद यह स्पष्ट हुआ कि छापा आयकर विभाग की टीम ने डाला है।
औद्योगिक क्षेत्र में पर्यावरण प्रदूषण को लेकर पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण सिंह ने एनजीटी के समक्ष वाद दाखिल था, जिसमें 19 जनवरी को सुनवाई की तिथि भी तय की गई है। एनजीटी की मुख्य पीठ ने संयुक्त समिति बनाकर आठ सप्ताह के अंदर न्यायाधिकरण के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश पारित किया है। एनजीटी की ओर से बनाई गई समिति में राष्ट्रीय पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय लखनऊ और जिला मजिस्ट्रेट देवरिया के प्रतिनिधि शामिल हैं। संयुक्त समिति स्थल का दौरा कर पर्यावरण प्रदूषण एवं पर्यावरण मानदंडों के उल्लंघन के आरोपी प्रतिवादी संख्या-5 फॉरएवर डिस्टलरी की ओर से पर्यावरण मानदंडों के अनुपालन और मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी की ओर से दी गई पर्यावरण स्वीकृति की शर्तों का पता लगाकर न्यायाधिकरण के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगी। मामले में पूर्व विधायक ने ट्रिब्यूनल के समक्ष प्रतिवादी पर यह आरोप लगाया है, कि वह इस क्षेत्र में शराब का निर्माण कर हवा में जहर घोल रहे हैं।
