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Etah News: राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी में शेखर-अंशुल के मॉडल की प्रशंसा
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भोपाल में राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी में मॉडल प्रस्तुत करते शेखर मिश्रा। स्रोत विद्यालय
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एटा। शहर के श्री गांधी स्मारक इंटर कॉलेज के छात्र शेखर मिश्रा, अंशुल मिश्रा ने सहयोगी शिक्षक शैलेंद्र मिश्रा के मार्गदर्शन में स्वत: स्मार्ट मेडिसन बॉक्स बनाया। पर्यावरण संस्कृति संरक्षण एवं मानव कल्याण ट्रस्ट अध्यक्ष सुशील कुमार जैन ने इनको विशेष अनुसंधान के लिए सम्मानित किया है।
शेखर मिश्रा ने बताया कि यह परियोजना स्वनिधा एवं स्वचालित स्मार्ट मेडिसिन बॉक्स प्रणाली है जिसका उद्देश्य हृदय रोगी, किडनी रोगी, मानसिक रोगी या कलर ब्लाइंडनेस आदि के मरीजों को सही समय पर सही दवा खिलाना है। कलर ब्लाइंड व्यक्ति दवा न पहचानने के कारण गलत दवा खा लेता तो उनकी मृत्यु तक हो सकती है।
स्मार्ट मेडिसन बॉक्स लोगों को सही समय पर (आरटीसी मॉड्यूल) के जरिए दवा का सटीक समय होते ही बजता है जिसकी आवाज से मरीज को याद दिलाया जाता है। साथ ही तीन स्लॉट में अलग अलग (एलईडी) लगे होने के कारण जिस दवा का समय होता है उस स्लॉट का (एलईडी) जल जाता है जिससे पता चल जाता है कि हमें कौन सी दवा खानी है।
इसका उद्देश्य यह है जो लोग समय पर दवा लेना भूल जाते है या दवा पहचानने में असमर्थ है उनकी समस्या दूर करना है। वहीं 52वीं राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी में शेखर मिश्रा ने भोपाल में प्रतिभाग किया। उनके मॉडल को एनसीआईआरटी ने पसंद किया। शेखर ने यहां पर एक ऐसे यंत्र की प्रस्तुति दी जिसमें किसान अपने खेत पर जाए बिना ही घर से पानी दे सकता है। इसके लिए राजस्थान के उपकुलपति ने उन्हें सम्मानित किया।
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शेखर मिश्रा ने बताया कि यह परियोजना स्वनिधा एवं स्वचालित स्मार्ट मेडिसिन बॉक्स प्रणाली है जिसका उद्देश्य हृदय रोगी, किडनी रोगी, मानसिक रोगी या कलर ब्लाइंडनेस आदि के मरीजों को सही समय पर सही दवा खिलाना है। कलर ब्लाइंड व्यक्ति दवा न पहचानने के कारण गलत दवा खा लेता तो उनकी मृत्यु तक हो सकती है।
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स्मार्ट मेडिसन बॉक्स लोगों को सही समय पर (आरटीसी मॉड्यूल) के जरिए दवा का सटीक समय होते ही बजता है जिसकी आवाज से मरीज को याद दिलाया जाता है। साथ ही तीन स्लॉट में अलग अलग (एलईडी) लगे होने के कारण जिस दवा का समय होता है उस स्लॉट का (एलईडी) जल जाता है जिससे पता चल जाता है कि हमें कौन सी दवा खानी है।
इसका उद्देश्य यह है जो लोग समय पर दवा लेना भूल जाते है या दवा पहचानने में असमर्थ है उनकी समस्या दूर करना है। वहीं 52वीं राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी में शेखर मिश्रा ने भोपाल में प्रतिभाग किया। उनके मॉडल को एनसीआईआरटी ने पसंद किया। शेखर ने यहां पर एक ऐसे यंत्र की प्रस्तुति दी जिसमें किसान अपने खेत पर जाए बिना ही घर से पानी दे सकता है। इसके लिए राजस्थान के उपकुलपति ने उन्हें सम्मानित किया।