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बच्ची का कत्ल: दरिंदे को नहीं आया रहम, रस्सी से कस दिया गला...फिर किया भयानक काम; मोबाइल ने दिलाई सजा

राहुल दक्ष, संवाद न्यूज एजेंसी, फिरोजाबाद Published by: धीरेन्द्र सिंह Updated Tue, 14 Oct 2025 12:52 PM IST
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सार

फिरोजाबाद में 10 साल की मासूम की हत्या के मामले में आरोपी ध्यानपाल उर्फ पप्पू को सोमवार को एडीजे विशेष पॉक्सो एक्ट मुमताज अली की कोर्ट से दोषी करार दिया। उसे आजीवन कारावास और 62 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया है।

Dhyanpal’s Confession and Recovered Mobile Seal Conviction in Firozabad Child Murder Case
arrested, arrest demo - फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
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फिरोजाबाद में हुए इस जघन्य मामले में पुलिस की अच्छी विवेचना और साक्ष्यों ने कोर्ट में केस को मजबूत किया। ध्यानपाल ने अपने पकड़ने के बाद उसने बच्ची का मोबाइल फोन छिपाने की जगह बताई। पुलिस ने अभियुक्त की निशानदेही पर ही वह मोबाइल घूरे के ढेर से बरामद किया। ध्यानपाल ने यह भी माना कि फोन पर कॉल आ रहे थे, जिससे घबराकर उसने उसे तोड़कर छिपा दिया था। इस बरामदगी ने ध्यानपाल के अपराध को अकाट्य रूप से सिद्ध किया।


पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने पुष्टि की थी कि बच्ची की मौत रस्सी से गला घोंटने के कारण दम घुटने से हुई थी। इसके अलावा विवेचना के दौरान ध्यानपाल ने पुलिस से स्वीकार किया था कि वह पीड़िता को गलत काम करने के इरादे से खेत में ले गया था। उसके विरोध करने और शोर मचाने पर डरकर उसने गला दबा दिया और रस्सी कसकर गांठ लगा दी, ताकि वह जिंदा न बच सके।
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मृतका के पिता अपने बयानों में कोर्ट को बताया कि जब वह चाय पीकर वापस बेटी के पास जा रहे थे, तभी उन्होंने आरोपी ध्यानपाल उर्फ पप्पू को बदहवाश स्थिति में तेजी से गांव की ओर आते देखा था। जब वह घटनास्थल पर पहुंचे तो बेटी गायब थी। मृतका के चाचा ने गवाही दी कि जब उनका भाई पीड़िता को छोड़कर आया था, तब वहां ध्यानपाल मौजूद था। उन्होंने पहले भी अपने भाई को बताया था कि ध्यानपाल की हरकतें सही नहीं हैं, क्योंकि वह अक्सर बच्ची के आस-पास बैठा दिखता था। एक अन्य स्वतंत्र साक्षी शीलेंद्र सिंह ने कोर्ट को बताया कि घटना वाले दिन जब वह ध्यानपाल को अपनी मोटरसाइकिल पर ले जा रहे थे, तो बच्ची के गायब होने की बात सुनकर ध्यानपाल ने कहा, मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गयी है, और उसके बाद वह चुप हो गया था।


 

न्यायालय की सख्त टिप्पणी
एडीजीसी अवधेश भारद्वाज ने बताया कि विशेष न्यायालय पॉक्सो अधिनियम/एडीजे मुमताज अली ने आरोपी ध्यानपाल उर्फ पप्पू को दोषी ठहराते हुए अपने निर्णय में अभियोजन साक्ष्यों की सत्यता को स्थापित किया। न्यायालय के निष्कर्ष इस बात की पुष्टि करते हैं कि पुलिस द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य इतने ठोस थे कि अभियुक्त को दोषमुक्त करने का कोई आधार नहीं बचा। न्यायालय ने अभियोजन पक्ष के उस आरोप को स्वीकार किया कि अभियुक्त के द्वारा दस वर्षीय अबोध बालिका का अश्लील प्रयोजनों के लिए लैंगिक उत्पीड़न किया गया और फिर गलत नियत से बहला-फुसलाकर उसकी हत्या कर दी गई।

 

सजा सुनते ही सहम गया ध्यानपाल
सजा की घोषणा होते ही ध्यानपाल खुद को संभाल नहीं पाया। वह सहम कर खड़ा रहा, फिर उसकी आंखों से आंसू बह निकले और वह जोर-जोर से रोने लगा। उसने बार-बार अपनी सजा कम करने की गुहार लगाने की कोशिश भी की, लेकिन न्यायालय ने पुलिस द्वारा प्रस्तुत अकाट्य साक्ष्यों और अपराध की जघन्यता को देखते हुए अपने ऐतिहासिक फैसले पर मुहर लगा दी।
 
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