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UP: 10 साल की मासूम से दरिंदगी न कर सका, तो घोंट दिया गला...दोषी को कोर्ट ने 47वें दिन सुनाई ये सजा

संवाद न्यूज एजेंसी, फिरोजाबाद Updated Tue, 14 Oct 2025 12:10 AM IST
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सार

फिरोजाबाद में 10 साल की मासूम बच्ची की दुष्कर्म में विफल होने पर रस्सी से गला घोंटकर हत्या करने के आरोपी ध्यानपाल उर्फ पप्पू को डीजे विशेष पॉक्सो एक्ट मुमताज अली की कोर्ट से दोषी करार दिया। उसे आजीवन कारावास और 62 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया है। 

Life imprisonment for the person guilty of murdering an innocent
सांकेतिक  - फोटो : सांकेतिक
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विस्तार
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फिरोजाबाद के रजावली थाना क्षेत्र में बीती 27 अगस्त को 10 साल की मासूम बच्ची की दुष्कर्म में विफल होने पर रस्सी से गला घोंटकर हत्या करने के आरोपी ध्यानपाल उर्फ पप्पू को सोमवार को एडीजे विशेष पॉक्सो एक्ट मुमताज अली की कोर्ट से दोषी करार दिया। उसे आजीवन कारावास और 62 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया है। यह फैसला घटना के 47वें दिन आया है। पुलिस की कड़ी पैरवी से कोर्ट में रिकॉर्ड 22 कार्यदिवस में ट्रायल पूरा हुआ और दोषी को सजा सुनाई गई है।

 


एसएसपी सौरभ दीक्षित ने बताया कि रजावली के एक गांव निवासी 10 वर्षीय बालिका 27 अगस्त 2025 की सुबह अपने पिता के साथ बकरी चराने गई थी। कुछ देर बाद पिता बच्ची को अपना मोबाइल देकर चाय पीने चले गए। एक घंटे बाद पिता वापस पहुंचे तो बालिका गायब थी। तलाश करने पर उसका शव कुछ दूर पर बाजरे के खेत में मिला। उसके गले में रस्सी बंधी थी। जिससे साफ था कि गला दबाकर हत्या की गई थी। हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस ने गांव के लोगों से पूछताछ शुरू की गई। गांव के संदिग्ध लोगों के बारे में जानकारी जुटाई गई है। 55 वर्षीय ध्यानपाल उर्फ पप्पू के बारे में पता चला। यह भी पता चला कि वह नशेड़ी किस्म का है।


 
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अक्सर बच्चों को टॉफी-मिठाई का लालच देकर उनके साथ उठते-बैठते देखा जाता है। इस पर पुलिस ने उसे 30 अगस्त की सुबह एटा-टूंडला मार्ग से गिरफ्तार किया था। ध्यानपाल ने गुनाह कबूलते हुए बताया था कि घटना वाले दिन वह बालिका के पास गया। उसे मोबाइल दिखाने लगा। जब बालिका ने उसकी गलत हरकत का विरोध करते हुए घरवालों से बताने की बात कही तो वह डर गया। इस पर उसने झांसा दिया कि तुम्हारी बकरियां बाजारे के खेत में चली गई हैं। चलो निकलवा दें। यह कहकर बालिका के साथ खेत में ले गया। इसके बाद उसने पीछे से उसे जमीन पर गिरा दिया और रस्सी से गला दबा दिया था। इतना ही नहीं उसने रस्सी में गांठ लगा थी किसी भी सूरत में बच्ची जिंदा न बचे। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने बच्ची का घूर से टूटा हुआ मोबाइल भी बरामद कर लिया था।


 

रिकॉर्ड आठ दिनों में आरोप पत्र दाखिल
अपर पुलिस अधीक्षक नगर रविशंकर प्रसाद ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने भौतिक और तकनीकी साक्ष्य संकलन करते हुए विवेचना के बाद मात्र 8 दिनों के रिकॉर्ड समय में आरोप पत्र तैयार कर न्यायालय में दाखिल कर दिया था।

 

तीन बच्चों का पिता है दोषी
दोषी ध्यानपाल तीन बच्चों का पिता है। उसके तीनों दो बच्चे मुंबई और पुणे में नौकरी करते हैं। जबकि एक बेटा यहीं पर कारखाने में काम करता है।

 

नौ गवाह पुलिस ने कोर्ट में किए थे पेश
न्यायालय में पुलिस ने पेश किए गए सबूतों में 9 गवाहों की गवाही शामिल थी, जिसमें वादी (पिता), मृतका की मां, चाचा, डॉक्टर और पुलिस अधिकारी शामिल थे।
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