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बहू बना कर रखो या बेटी, हम यहां से नहीं जाऊंगी
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भीतरगांव। साढ़ थाना क्षेत्र के परौली गांव में शाहजहांपुर से अपने प्रेमी के घर आई युवती इस घर को छोड़कर जाना नहीं चाहती। गुरुवार को वह प्रेमी के साथ शादी करने की जिद पर अड़ी थी लेकिन युवक के घरवाले शादी को तैयार नहीं हुए तो शुक्रवार को परिजनों के सामने यह कहकर और उलझा दिया कि अब हम घर से नहीं जाएंगे चाहे हम आपकी बेटी बनकर रहें।
भीतरगांव चौकी प्रभारी राजेश बाजपेई ने बताया कि प्रेमी के घर आई युवती का मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में भी है। युवती को बहुत समझाने का प्रयास किया कि वह शाहजहांपुर माता-पिता के घर वापस लौट जाए लेकिन एक ना सुनी। युवक के माता-पिता युवती के अल्पसंख्यक होने से घर में रखने से बार-बार इंकार करते रहे। युवती ने भीतरगांव पुलिस को बताया कि घर से आने के पहले शाहजहांपुर के सदर कोतवाली में सौतेली मां की प्रताड़ना से परेशान होकर अपने साथी के घर जाने की लिखित सूचना देकर आए हैं।
पुलिस के मुताबिक, युवती के पिता और मां उसके स्वतंत्र फैसला लेने की बात कर रहे हैं। उन्होंने परौली गांव आने से इंकार किया है। जबकि, परौली गांव में युवक के पिता अपने बेटे के कम उम्र का हवाला देकर शादी न करने की बात कह युवती को लौट जाने की बात कह रहे हैं। युवती ने यह कहकर और उलझा दिया कि यदि हम घर में बहू बनकर नहीं रहेंगे तो हम इसी घर में बेटी बनकर जीवन निर्वाह करेंगे। लेकिन इस घर को छोड़कर नहीं जाऊंगी।
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भीतरगांव चौकी प्रभारी राजेश बाजपेई ने बताया कि प्रेमी के घर आई युवती का मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में भी है। युवती को बहुत समझाने का प्रयास किया कि वह शाहजहांपुर माता-पिता के घर वापस लौट जाए लेकिन एक ना सुनी। युवक के माता-पिता युवती के अल्पसंख्यक होने से घर में रखने से बार-बार इंकार करते रहे। युवती ने भीतरगांव पुलिस को बताया कि घर से आने के पहले शाहजहांपुर के सदर कोतवाली में सौतेली मां की प्रताड़ना से परेशान होकर अपने साथी के घर जाने की लिखित सूचना देकर आए हैं।
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पुलिस के मुताबिक, युवती के पिता और मां उसके स्वतंत्र फैसला लेने की बात कर रहे हैं। उन्होंने परौली गांव आने से इंकार किया है। जबकि, परौली गांव में युवक के पिता अपने बेटे के कम उम्र का हवाला देकर शादी न करने की बात कह युवती को लौट जाने की बात कह रहे हैं। युवती ने यह कहकर और उलझा दिया कि यदि हम घर में बहू बनकर नहीं रहेंगे तो हम इसी घर में बेटी बनकर जीवन निर्वाह करेंगे। लेकिन इस घर को छोड़कर नहीं जाऊंगी।
