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Gonda News: कोहरा कुछ कम, लेकिन सर्द हवा व गलन से बढ़ी ठिठुरन

संवाद न्यूज एजेंसी, गोंडा Updated Wed, 31 Dec 2025 12:02 AM IST
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Fog reduced slightly, but cold wind and melting increased the chill
पोर्टरगंज में अलाव से हाथ सेंकते लोग। -संवाद
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गोंडा। पछुआ हवा चलने से गलन भरी ठंड बढ़ गई है। मंगलवार सुबह कोहरे का असर कुछ कम हुआ, लेकिन सर्द हवा के चलते लोगों को राहत नहीं मिल सकी। ठंड के कारण जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित है। मौसम विभाग ने अगले एक-दो दिन में बूंदाबांदी के साथ बारिश होने का अनुमान लगाया है।
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मंगलवार को दोपहर बाद मौसम साफ दिखा, लेकिन सर्द हवा और गलन के चलते ठिठुरन बनी रही। इसके चलते सड़कों पर आवाजाही कम हो गई। लोग ठंड से बचाव के लिए घर में हीटर व अलाव का सहारा लेते रहे। जिला आपदा विशेषज्ञ राजेश श्रीवास्तव के अनुसार मंगलवार को अधिकतम तापमान 18.2 डिग्री व न्यूनतम नौ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। करीब पांच किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चली। मौसम के मौजूदा रुख को देखते हुए फिलहाल ठंड से राहत मिलने के आसार नहीं हैं।
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फसलों की नियमित निगरानी करें किसान
कृषि विज्ञान केंद्र गोपालग्राम के वैज्ञानिक डॉ. सुधांशु ने बताया कि लगातार नमी व धूप की कमी के कारण आलू, मटर, सरसों, गोभी, टमाटर, बैंगन व हरी सब्जियों में रोग लगने की आशंका बढ़ गई है। तिलहनी फसलों में पत्तियां पीली पड़ने व फूल गिरने की समस्या हो सकती है। उन्होंने किसानों को फसलों की नियमित निगरानी करने की सलाह दी। कृषि उपनिदेशक प्रेमकुमार ठाकुर ने बताया कि ठंड में किसान फसलों का बचाव करें।
ये सावधानी बरतें किसान
-खेतों में जलभराव न होने दें, उचित जलनिकासी रखें।
-मौसम साफ होने पर ही सिंचाई करें।
-फसलों की नियमित निगरानी करें।
-रोग के लक्षण दिखें तो तुरंत कृषि विशेषज्ञ से संपर्क करें।
-सब्जियों में फफूंदनाशी का छिड़काव करें।
-तिलहनी फसलों में संतुलित उर्वरक का प्रयोग करें
सर्द मौसम में मरीजों की बढ़ी परेशानी
मेडिकल कॉलेज के फिजीशियन डॉ. अखिलेश त्रिपाठी ने बताया कि ठंड में मरीजों की समस्याएं बढ़ जाती हैं। सांस व हृदयरोग के मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। ओपीडी में प्रतिदिन 70 से 80 मरीज पुरानी बीमारियों से पीड़ित होकर आते हैं। महीने भर पहले ऐसे 40 से 50 मरीज ही आते थे। ठंड के कारण रक्त संचार प्रभावित होता है, जिससे मांसपेशियों व जोड़ों में अकड़न बढ़ जाती है। सुबह के समय दर्द अधिक महसूस होता है। डॉ. अखिलेश ने मरीजों को ऊनी कपड़े पहनने, हल्का व्यायाम करने और संतुलित आहार लेने की सलाह दी।
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