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Gonda News: हादसों से सबक नहीं, दौड़ रहीं डग्गामार बसें
संवाद न्यूज एजेंसी, गोंडा
Updated Sun, 26 Oct 2025 11:28 PM IST
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गोंडा। निजी बसों से हादसों के बाद भी परिवहन विभाग सबक नहीं ले रहा है। स्थानीय रूट ही नहीं दिल्ली, लुधियाना आदि लंबे रूटों पर भी डग्गामार बसें बिना रोक-टोक के संचालित हो रही हैं। परिवहन विभाग के अफसर बसों के रूट परमिट के साथ ही फिटनेस का दावा तो करते हैं, लेकिन हादसे के जब जांच शुरू होती है तो दावे की सच्चाई सामने आ जाती है।
गोंडा से दिल्ली, लुधियाना के लिए करीब 350 बसें संचालित हैं। इनमें से करीब 100 बसें ऐसी हैं, जिन्हें रूट परमिट के बिना ही संचालित किया जा रहा है। चेकिंग में पकड़े जाने पर बस संचालक अफसरों से मिलकर मामला रफा-दफा कर लेते हैं। इससे डग्गामारी पर रोक नहीं लग पा रही है। जून 2024 में गोंडा की एक निजी बस सवारियां लेकर दिल्ली जा रही थी। गाजियाबाद के पास बस में आग लग गई थी। गनीमत रही कि यात्रियों को सुरक्षित बचा लिया गया था। मामला अफसरों तक पहुंचा तो बस के परमिट निलंबन की कार्रवाई कर दी गई। पिछले वर्ष ही काॅन्ट्रैक्ट कैरिज की एक बस लखनऊ से सवारियां लेकर करनैलगंज के रास्ते परसपुर जाते समय चकरौत के पास बाइक सवार से टकराकर बिल्डिंग मेटेरियल की दुकान में घुस गई थी। हादसे में बाइक सवार युवक की मौत हो गई थी। हादसे के बाद परिवहन विभाग के अफसरों ने बस के परमिट के निलंबन की कार्रवाई का दावा किया था। करनैलगंज रेलवे क्राॅसिंग के पास भी दो बसें हादसे का शिकार हो चुकी हैं, लेकिन डग्गामार बसों के संचालन पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।
एआरटीओ आरसी भारतीय का कहना है कि बसों की चेकिंग की जाती है, पकड़े जाने पर उन्हें एमवी एक्ट में सीज किया जाता है। डग्गामार बसों का संचालन किसी भी दशा में नहीं करने दिया जाएगा।
गोंडा में बसों की स्थिति
-- ऑल इंडिया परमिट-- 170
-- काॅन्ट्रैक्ट कैरिज-- 162
-- स्टेज कैरिज-- 352
पीटीओ की चेकिंग में वेल्ड मिले थे इमरजेंसी गेट
बसों की डग्गामारी को लेकर अमर उजाला ने अभियान चलाकर सुरक्षित सफर की हकीकत बयां की तो परिवहन विभाग के अफसरों ने चेकिंग शुरू की थी। तत्कालीन यात्री कर अधिकारी शैलेंद्र तिवारी की जांच में कई बसें तो ऐसी मिलीं, जिनका परमिट पड़ोस के बलरामपुर जिले से बनवाया गया था, लेकिन संचालन गोंडा में हो रहा था। अधिक सवारियां बैठान के लिए दो बसों के इमरजेंसी गेट वेल्डिंग करके बंद करा दिए गए थे। बस संचालकों को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा गया, लेकिन अवैध तरीके से संचालन नहीं बंद हुआ। अभी भी गैर रूटों पर बसों को संचालित किया जा रहा है।
गोंडा से दिल्ली, लुधियाना के लिए करीब 350 बसें संचालित हैं। इनमें से करीब 100 बसें ऐसी हैं, जिन्हें रूट परमिट के बिना ही संचालित किया जा रहा है। चेकिंग में पकड़े जाने पर बस संचालक अफसरों से मिलकर मामला रफा-दफा कर लेते हैं। इससे डग्गामारी पर रोक नहीं लग पा रही है। जून 2024 में गोंडा की एक निजी बस सवारियां लेकर दिल्ली जा रही थी। गाजियाबाद के पास बस में आग लग गई थी। गनीमत रही कि यात्रियों को सुरक्षित बचा लिया गया था। मामला अफसरों तक पहुंचा तो बस के परमिट निलंबन की कार्रवाई कर दी गई। पिछले वर्ष ही काॅन्ट्रैक्ट कैरिज की एक बस लखनऊ से सवारियां लेकर करनैलगंज के रास्ते परसपुर जाते समय चकरौत के पास बाइक सवार से टकराकर बिल्डिंग मेटेरियल की दुकान में घुस गई थी। हादसे में बाइक सवार युवक की मौत हो गई थी। हादसे के बाद परिवहन विभाग के अफसरों ने बस के परमिट के निलंबन की कार्रवाई का दावा किया था। करनैलगंज रेलवे क्राॅसिंग के पास भी दो बसें हादसे का शिकार हो चुकी हैं, लेकिन डग्गामार बसों के संचालन पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।
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एआरटीओ आरसी भारतीय का कहना है कि बसों की चेकिंग की जाती है, पकड़े जाने पर उन्हें एमवी एक्ट में सीज किया जाता है। डग्गामार बसों का संचालन किसी भी दशा में नहीं करने दिया जाएगा।
गोंडा में बसों की स्थिति
पीटीओ की चेकिंग में वेल्ड मिले थे इमरजेंसी गेट
बसों की डग्गामारी को लेकर अमर उजाला ने अभियान चलाकर सुरक्षित सफर की हकीकत बयां की तो परिवहन विभाग के अफसरों ने चेकिंग शुरू की थी। तत्कालीन यात्री कर अधिकारी शैलेंद्र तिवारी की जांच में कई बसें तो ऐसी मिलीं, जिनका परमिट पड़ोस के बलरामपुर जिले से बनवाया गया था, लेकिन संचालन गोंडा में हो रहा था। अधिक सवारियां बैठान के लिए दो बसों के इमरजेंसी गेट वेल्डिंग करके बंद करा दिए गए थे। बस संचालकों को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा गया, लेकिन अवैध तरीके से संचालन नहीं बंद हुआ। अभी भी गैर रूटों पर बसों को संचालित किया जा रहा है।