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छोटे तालाब में तब्दील हो गए सड़को पर बने गढ्ढे
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गोंडा। यहां गड्ढों में सड़क है या सड़क पर गड्ढा है यह पता ही नहीं चलता। आये दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। राज्य मार्ग 13 करनैलगंज-हुजूरपुर मार्ग का हाल बेहाल है। इस जलभराव और कीचड़ युक्त रास्ते पर आम लोगों का आवागमन मुश्किल हो रहा है।
जल भराव को देखकर अगर सड़क को तालाब में तब्दील कहा जाये तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगा। हल्की बारिश में ही सड़क पर डेढ़ से दो फीट तक पानी का जमाव हो जाता है। लाखों की आबादी इसी सड़क से आवागमन करती है।
करनैलगंज से जगदीशपुर तक 12 किलोमीटर सड़क के चौड़ीकरण का कार्य करीब एक वर्ष पूर्व शुरू हुआ था। मगर कार्यदायी संस्था व जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते कार्य आधा अधूरा ही छोड़ दिया गया।
जिससे सड़क कुछ ही दिनों में गड्ढों में तब्दील हो गई। अब थोड़ी सी बारिश होने पर घुटनों तक जलजमाव हो जाता है। राहगीरों को उसी पानी में ही प्रवेश कर जाना पड़ता है। पानी की गहराई नहीं मालूम होने या सड़क के ऊबड़ खाबड़ की वजह से बाइक या साइकिल सवार पानी में गिरकर चोटिल हो जाते हैं।
स्कूली बच्चों व पैदल राहगीरों को बेहद परेशानी है। सड़क के किनारे जो घर वाले हैं वो लोग अपने अपने घरों के सामने मिट्टी पाटकर ऊंचा कर दिये हैं। जलनिकासी का कोई भी रास्ता नहीं है।
आवासीय घरों के सामने जलभराव से विभिन्न बीमारियों के फैलने की आशंका जताई जा रही है। उक्त रास्ते से बराबर जनप्रतिनिधि व अधिकारी आते -जाते रहते हैं, लेकिन किसी ने पानी के निकासी की जहमत नहीं उठाई। स्थानीय लोगों में जबर्दस्त आक्रोश व्याप्त है।
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जल भराव को देखकर अगर सड़क को तालाब में तब्दील कहा जाये तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगा। हल्की बारिश में ही सड़क पर डेढ़ से दो फीट तक पानी का जमाव हो जाता है। लाखों की आबादी इसी सड़क से आवागमन करती है।
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करनैलगंज से जगदीशपुर तक 12 किलोमीटर सड़क के चौड़ीकरण का कार्य करीब एक वर्ष पूर्व शुरू हुआ था। मगर कार्यदायी संस्था व जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते कार्य आधा अधूरा ही छोड़ दिया गया।
जिससे सड़क कुछ ही दिनों में गड्ढों में तब्दील हो गई। अब थोड़ी सी बारिश होने पर घुटनों तक जलजमाव हो जाता है। राहगीरों को उसी पानी में ही प्रवेश कर जाना पड़ता है। पानी की गहराई नहीं मालूम होने या सड़क के ऊबड़ खाबड़ की वजह से बाइक या साइकिल सवार पानी में गिरकर चोटिल हो जाते हैं।
स्कूली बच्चों व पैदल राहगीरों को बेहद परेशानी है। सड़क के किनारे जो घर वाले हैं वो लोग अपने अपने घरों के सामने मिट्टी पाटकर ऊंचा कर दिये हैं। जलनिकासी का कोई भी रास्ता नहीं है।
आवासीय घरों के सामने जलभराव से विभिन्न बीमारियों के फैलने की आशंका जताई जा रही है। उक्त रास्ते से बराबर जनप्रतिनिधि व अधिकारी आते -जाते रहते हैं, लेकिन किसी ने पानी के निकासी की जहमत नहीं उठाई। स्थानीय लोगों में जबर्दस्त आक्रोश व्याप्त है।
