{"_id":"691cc7cfe6d0eeaa6d010a9d","slug":"sumerpurs-shoe-industry-is-not-getting-recognition-hamirpur-news-c-223-1-hmp1028-132667-2025-11-19","type":"story","status":"publish","title_hn":"Hamirpur News: सुमेरपुर की जूती उद्योग को नहीं मिल रही पहचान","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Hamirpur News: सुमेरपुर की जूती उद्योग को नहीं मिल रही पहचान
विज्ञापन
विज्ञापन
Trending Videos
भरुआ सुमेरपुर। एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना में शामिल सुमेरपुर कस्बे का पारंपरिक जूती उद्योग आज भी उपेक्षा का शिकार है।
जूती मार्केट कस्बे की सब्जी मंडी के अंदर गली में संचालित है। छोटी सी गली में कारीगरों का यह व्यापार नई ऊंचाइयां हासिल नहीं कर पा रहा है। जूती उद्योग के ओडीओपी में शामिल होने पर कारीगरों को आशा जगी थी कि नई मार्केट बनेगी, उनका व्यापार चमकेगा। कारीगरों का कहना है कि सरकारी दस्तावेज़ जमा कराने से लेकर प्रशिक्षण व मार्केटिंग तक सहायता का आश्वासन तो मिलता है, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस पहल नहीं दिख रही।
कारीगरों की मेहनत और परंपरा के बावजूद सरकारी उदासीनता के चलते यह उद्योग अपनी क्षमता के अनुरूप उड़ान नहीं भर पा रहा। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि विभाग गंभीरता से कदम उठाए, प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता समय पर उपलब्ध कराए, तो सुमेरपुर की हस्तनिर्मित जूतियों को राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी पहचान मिल सकती है।
विज्ञापन
विज्ञापन
राजनेताओं को खूब भाती रहीं यहां की जूती
यहां की जूतियां पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह, पूर्व राज्यपाल रोमेश भंडारी, राष्ट्रपति वीवी गिरी,पूर्व प्रधानमंत्री बीपी सिंह, पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव आदि राजनेताओं को खूब भाती रहीं।
जूती कारीगर दिनेश ने बातचीत में बताया कि साहब लोग फॉर्म भरवा लेते हैं, लेकिन उसके बाद कोई सूचना नहीं आती। हमारी जूती की मांग अच्छी है, पर बिना ब्रांडिंग और मशीनों के हम आगे कैसे बढ़ें।
कारीगर राजेंद्र वर्मा ने कहा कि ओडीओपी में शामिल होने से बाजार बड़ा मिलता, पर अधिकारी सुनते ही नहीं। अगर थोड़ा सहयोग मिल जाए तो सुमेरपुर की जूती पूरे प्रदेश में नाम कमा सकती है।