{"_id":"691cc5d48be8d6d58b0df62a","slug":"arto-is-moving-towards-the-intersection-hamirpur-news-c-223-1-sknp1030-132676-2025-11-19","type":"story","status":"publish","title_hn":"Hamirpur News: कदौरा पार कर चुके एसडीएम... एआरटीओ तिराहे की ओर बढ़ रहे","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Hamirpur News: कदौरा पार कर चुके एसडीएम... एआरटीओ तिराहे की ओर बढ़ रहे
संवाद न्यूज एजेंसी, हमीरपुर
Updated Wed, 19 Nov 2025 12:45 AM IST
विज्ञापन
विज्ञापन
हमीरपुर। ओवरलोडिंग को लेकर अमर उजाला की ओर से प्रकाशित खबर के डीएम व एसपी ने चार सदस्यीय जांच टीम गठित की। टीम ने वाट्सएप ग्रुपों को खंगाला और सोमवार की पूरी रात चिकासी, राठ, सरीला व हमीरपुर के करीब 25 से अधिक लोकेशन ठिकानों पर छापामारी की। लोकेशन के खेल का खुलासा करते हुए टीम के अधिकारियों ने बताया कि जैसे ही कोई सरकारी वाहन किसी क्षेत्र में पहुंचता तो वाट्सएप ग्रुप में तत्काल संदेश भेजा जाता था। संदेश कुछ इस प्रकार से हुआ करते थे कि सरीला एसडीएम कदौरा पार कर चुके हैं। हमीरपुर एआरटीओ राठ तिराहे की तरफ बढ़ रहे हैं। चिकासी नहर पर पीटीओ दिखाई दिए। इन्हीं संदेशों के आधार पर ओवरलोड ट्रक ग्रामीण मार्गों या खेतों के रास्तों में छुप जाते थे। इससे कार्रवाई के दौरान टीमों को बार–बार खाली स्थान मिलता था। लगातार कई दिनों तक ऐसे ही घटनाक्रम के बाद प्रशासन को शक हुआ कि सरकारी टीम की लोकेशन किसी को पहले से मिल रही है। चार सदस्यीय टीम में शामिल एआरटीओ प्रर्वतन अमिताभ राय, खनिज अधिकारी विकास परमार, खनिज इंस्पेक्टर उमाकांत व पीटीओ चंदन पांडेय हिरासत में लिए गए दो लोगों से पूछताछ कर रहे हैं। वहीं प्रशासन की इस कार्रवाई से लोकेशन सिंडीकेट पूरी तरीके से भूमिगत हो गया है। ज्यादातर लोकेटर जनपद छोड़ अन्य प्रांतों की ओर भाग निकले हैं।
-- -- -- -- -- -- -- --
न्यू नरायच ट्रांसपोर्ट ग्रुप से खुलासा
डीएम घनश्याम मीना व एसपी डॉ. दीक्षा शर्मा द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफार्म के वाट्सएप ग्रुपों की जांच के आदेश दिए। खनिज इंस्पेक्टर उमाकांत की ओर से जब अवैध परिवहन में शामिल चालकों के मोबाइल खंगाले गए तो न्यू नरायच ट्रांसपोर्ट नाम का एक वाट्सएप ग्रुप मिला। इसमें 200 से अधिक लोग जुड़े थे। इसी ग्रुप से लोकेशन भेजी जा रही थी। कई ऑडियो और स्क्रीनशॉट में सरकारी टीम की सही लोकेशन दिशा और समय दर्ज मिला है। टीम ने इस नेटवर्क को सरकारी कार्य में बाधा और राजस्व हानि का बड़ा कारण माना है। ऐसे ग्रुपों पर अमर उजाला ने 14 नवंबर को प्रकाशित खबर में ही बड़ा खुलासा कर दिया था। एआटीओ प्रर्वतन अमिताभ राय ने बताया कि हाल के दिनों में कार्रवाई के दौरान कई बार ऐसा हुआ कि गाड़ियां अचानक रास्ते से गायब हो जाती थीं। पुलिस ने दो लोगों को पकड़ा है। इनसे पूछताछ की जा रही है।
-- -- -- -- -- -- --
इन लोगों के खिलाफ दर्ज हुई रिपोर्ट
खनन इंस्पेक्टर उमाकांत ने 24 नामजद लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। इनमें जालौन के आटा निवासी पवन, दीपक, मनीष द्विवेदी, मेरापुर निवासी बदलू निषाद, कुछेछा निवासी कल्लू सविता, रोहित हमीरपुर, राहुल, आलोक अवस्थी घाटमपुर के नाम शामिल हैं। इसी तरह धमेंद्र घाटमपुर, सिराज कुरैशी सेवा आश्रम हमीरपुर, बृजेश कुमार रामपुर, नवनीत पाल हमीरपुर, दीपक कुछेछा, अखिलेश उर्फ अंशू नई बस्ती राठ को भी आरोपी बनाया गया है। जयराम यादव हमीरपुर, ऋषि तिवारी हमीरपुर, गंभीर यादव हमीरपुर, जगदीश हमीरपुर, भूपेंद्र द्विवेदी राठ, चंदन, बृजेश, मातादीन यादव बिंवार, मनीष चिकासी के नाम रिपोर्ट में दर्ज हैं। इनके अलावा 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान, खनिज अधिनियम सहित विभिन्न धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
साइबर टीम को मोबाइल डेटा एनालिसिस करने और वाट्सएप ग्रुप की तकनीकी जांच के आदेश दिए गए हैं। पुलिस अब ग्रुप के एडमिन ट्रक मालिकों और अन्य जुड़े लोगों की भूमिका की जांच कर रही है। अभी और भी लोगों के नाम सामने आ सकते हैं।
- डॉ. दीक्षा शर्मा, एसपी।
-- -- -- -- -- -- -- --
मुंडेरा से लेकर कुंडौरा तक मिला सन्नाटा, भूमिगत हुए लोकेटर
भरुआ सुमेरपुर। थाना सिसोलर में केन नदी की खदानों से खनन होता है। इन सभी खदानों के ओवरलोड ट्रक सिसोलर-मुंडेरा मार्ग होते हुए कस्बा आते हैं। कस्बा से हाईवे के रास्ते कानपुर, उन्नाव, लखनऊ, गोरखपुर आदि जनपदों को जाते हैं। लोकेटरों का प्रमुख अड्डा मुख्यालय का रानी लक्ष्मीबाई तिराहा, कुंडौरा, बस स्टैंड, देवगांव चौराहा, पंधरी में बांदा-मुंडेरा तिराहा सहित मुंडेरा बस स्टैंड है।
यहां पर बैठे लोकेटर मुख्यालय से मिलने वाली सूचना को एक-दूसरे से शेयर करके ट्रकों को आगे बढ़ाने अथवा रोकने की सूचना उपलब्ध कराते हैं। इनकी सूचना पर ही ट्रक चालक बगैर रॉयल्टी के चलने वाले ओवरलोड ट्रकों के चक्के चलते अथवा थमते हैं। गाड़ियों को अधिकारियों की नजर से बचाने के लिए चालकों को किस मार्ग में घुसकर खड़ा होना है। इसकी लोकेशन भी यही लोकेटर चालकों को देकर सुरक्षित मार्ग में पहुंचाते हैं।
सोमवार रात लोकेटर के खिलाफ हुई कार्रवाई से ज्यादातर लोकेटर अपने अड्डों पर खड़े नहीं दिखे। मंगलवार दोपहर कुंडौरा से लेकर मुंडेरा तक की गई पड़ताल में लोकेटर गायब मिले। एक लोकेटर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि प्रशासन इस समय बहुत सख्त रुख अपना रहा है। 100-200 रुपये के लालच में मुकदमा नहीं लिखवाना है। इससे अब अड्डे से हटकर अन्य कार्यों में लग गए हैं।
Trending Videos
न्यू नरायच ट्रांसपोर्ट ग्रुप से खुलासा
डीएम घनश्याम मीना व एसपी डॉ. दीक्षा शर्मा द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफार्म के वाट्सएप ग्रुपों की जांच के आदेश दिए। खनिज इंस्पेक्टर उमाकांत की ओर से जब अवैध परिवहन में शामिल चालकों के मोबाइल खंगाले गए तो न्यू नरायच ट्रांसपोर्ट नाम का एक वाट्सएप ग्रुप मिला। इसमें 200 से अधिक लोग जुड़े थे। इसी ग्रुप से लोकेशन भेजी जा रही थी। कई ऑडियो और स्क्रीनशॉट में सरकारी टीम की सही लोकेशन दिशा और समय दर्ज मिला है। टीम ने इस नेटवर्क को सरकारी कार्य में बाधा और राजस्व हानि का बड़ा कारण माना है। ऐसे ग्रुपों पर अमर उजाला ने 14 नवंबर को प्रकाशित खबर में ही बड़ा खुलासा कर दिया था। एआटीओ प्रर्वतन अमिताभ राय ने बताया कि हाल के दिनों में कार्रवाई के दौरान कई बार ऐसा हुआ कि गाड़ियां अचानक रास्ते से गायब हो जाती थीं। पुलिस ने दो लोगों को पकड़ा है। इनसे पूछताछ की जा रही है।
विज्ञापन
विज्ञापन
इन लोगों के खिलाफ दर्ज हुई रिपोर्ट
खनन इंस्पेक्टर उमाकांत ने 24 नामजद लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। इनमें जालौन के आटा निवासी पवन, दीपक, मनीष द्विवेदी, मेरापुर निवासी बदलू निषाद, कुछेछा निवासी कल्लू सविता, रोहित हमीरपुर, राहुल, आलोक अवस्थी घाटमपुर के नाम शामिल हैं। इसी तरह धमेंद्र घाटमपुर, सिराज कुरैशी सेवा आश्रम हमीरपुर, बृजेश कुमार रामपुर, नवनीत पाल हमीरपुर, दीपक कुछेछा, अखिलेश उर्फ अंशू नई बस्ती राठ को भी आरोपी बनाया गया है। जयराम यादव हमीरपुर, ऋषि तिवारी हमीरपुर, गंभीर यादव हमीरपुर, जगदीश हमीरपुर, भूपेंद्र द्विवेदी राठ, चंदन, बृजेश, मातादीन यादव बिंवार, मनीष चिकासी के नाम रिपोर्ट में दर्ज हैं। इनके अलावा 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान, खनिज अधिनियम सहित विभिन्न धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
साइबर टीम को मोबाइल डेटा एनालिसिस करने और वाट्सएप ग्रुप की तकनीकी जांच के आदेश दिए गए हैं। पुलिस अब ग्रुप के एडमिन ट्रक मालिकों और अन्य जुड़े लोगों की भूमिका की जांच कर रही है। अभी और भी लोगों के नाम सामने आ सकते हैं।
- डॉ. दीक्षा शर्मा, एसपी।
मुंडेरा से लेकर कुंडौरा तक मिला सन्नाटा, भूमिगत हुए लोकेटर
भरुआ सुमेरपुर। थाना सिसोलर में केन नदी की खदानों से खनन होता है। इन सभी खदानों के ओवरलोड ट्रक सिसोलर-मुंडेरा मार्ग होते हुए कस्बा आते हैं। कस्बा से हाईवे के रास्ते कानपुर, उन्नाव, लखनऊ, गोरखपुर आदि जनपदों को जाते हैं। लोकेटरों का प्रमुख अड्डा मुख्यालय का रानी लक्ष्मीबाई तिराहा, कुंडौरा, बस स्टैंड, देवगांव चौराहा, पंधरी में बांदा-मुंडेरा तिराहा सहित मुंडेरा बस स्टैंड है।
यहां पर बैठे लोकेटर मुख्यालय से मिलने वाली सूचना को एक-दूसरे से शेयर करके ट्रकों को आगे बढ़ाने अथवा रोकने की सूचना उपलब्ध कराते हैं। इनकी सूचना पर ही ट्रक चालक बगैर रॉयल्टी के चलने वाले ओवरलोड ट्रकों के चक्के चलते अथवा थमते हैं। गाड़ियों को अधिकारियों की नजर से बचाने के लिए चालकों को किस मार्ग में घुसकर खड़ा होना है। इसकी लोकेशन भी यही लोकेटर चालकों को देकर सुरक्षित मार्ग में पहुंचाते हैं।
सोमवार रात लोकेटर के खिलाफ हुई कार्रवाई से ज्यादातर लोकेटर अपने अड्डों पर खड़े नहीं दिखे। मंगलवार दोपहर कुंडौरा से लेकर मुंडेरा तक की गई पड़ताल में लोकेटर गायब मिले। एक लोकेटर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि प्रशासन इस समय बहुत सख्त रुख अपना रहा है। 100-200 रुपये के लालच में मुकदमा नहीं लिखवाना है। इससे अब अड्डे से हटकर अन्य कार्यों में लग गए हैं।