{"_id":"6931c0a9109023da5f03b27d","slug":"pollution-increases-hapur-news-c-135-1-hpr1005-133738-2025-12-04","type":"story","status":"publish","title_hn":"Hapur News: देश में फिर सबसे ज्यादा प्रदूषित हापुड़ की हवा","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Hapur News: देश में फिर सबसे ज्यादा प्रदूषित हापुड़ की हवा
संवाद न्यूज एजेंसी, हापुड़
Updated Thu, 04 Dec 2025 10:41 PM IST
विज्ञापन
विज्ञापन
हापुड़। एनसीआर में शामिल बड़े शहरों के बावजूद बृहस्पतिवार को जिले की हवा देश में सबसे अधिक प्रदूषित रही, जबकि आसपास के जिलों में हालात बेहतर हैं। सीपीसीबी द्वारा शाम चार बजे जारी किए बुलेटिन की बात करें तो बृहस्पतिवार को औसत एक्यूआई 336 दर्ज हुआ। हालांकि, पिछले दो दिनों के मुकाबले वायु प्रदूषण कम रहा है। वहीं, बहुत खराब श्रेणी में हवा होने के कारण आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ की समस्या बनी हुई है।
लगातार दो दिनों से जिले का वायु प्रदूषण देश में दूसरे नंबर पर बना हुआ था। दो दिसंबर को जिले का एक्यूआई 379, तीन दिसंबर को 363 और चार दिसंबर को औसत एक्यूआई 336 दर्ज हुआ।
बता दें कि 19 अक्तूबर से लेकर 27 नवंबर तक लगातार जिले की हवा गंभीर, बहुत खराब और खराब श्रेणी में बनी हुई थी। इस बीच मात्र एक दिन एक्यूआई 300 से कम हुआ है। शेष करीब सभी दिनों में एक्यूआई 300 से ऊपर दर्ज हुआ है। जिले के लोग करीब डेढ़ माह से प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर हैं। इसका असर अस्पतालों में भी दिख रहा हे। यह हवा अब लोगों का दम भी घोट रही है।
गले में खराश और खांसी की समस्या
लगातार दूषित हवा में सांस लेने के कारण अस्पतालों में खांसी और आंखों के मरीजों की संख्या बढ़कर दो गुना तक पहुंच रही है। बहुत से मरीजों को खांसी की समस्या एक माह से अधिक समय से बनी हुई है। वहीं, आंखों में जलन के मामले भी बढ़ रहे हैं। सड़कों पर उड़ती धूल के कारण बिना चश्मे के वाहन चलाने पर लोगों की आंखें लाल हो रही हैं।
आसपास के जिलों में ये रही स्थिति
जिले का नाम औसत एक्यूआई
गाजियाबाद 302
ग्रेटर नोएडा 285
मेरठ 243
बुलंदशहर 205
नोएडा 308
दिल्ली 304
नोट : सीपीसीबी के अनुसार।
-- --
बृहस्पतिवार को ऐसे घटा-बढ़ा प्रदूषण
समय एक्यूआई
सुबह पांच बजे 343
सात बजे 342
नौ बजे 336
11 बजे 333
दोपहर एक बजे 333
तीन बजे 331
शाम पांच बजे 332
शाम छह बजे 329
नोट : सीपीसीबी के अनुसार।
कोट -जिले में प्रदूषण का स्तर लगातार कम हो रहा है। हवा की रफ्तार कम होने के कारण प्रदूषण की समस्या बनी हुई है। विभागीय स्तरों पर सभी प्रयास प्रदूषण को कम करने के अपनाए जा रहे हैं। - विपुल कुमार, सहायक अभियंता, प्रदूषण नियंत्रण विभाग
-- -- -- -- -- -- -
Trending Videos
लगातार दो दिनों से जिले का वायु प्रदूषण देश में दूसरे नंबर पर बना हुआ था। दो दिसंबर को जिले का एक्यूआई 379, तीन दिसंबर को 363 और चार दिसंबर को औसत एक्यूआई 336 दर्ज हुआ।
विज्ञापन
विज्ञापन
बता दें कि 19 अक्तूबर से लेकर 27 नवंबर तक लगातार जिले की हवा गंभीर, बहुत खराब और खराब श्रेणी में बनी हुई थी। इस बीच मात्र एक दिन एक्यूआई 300 से कम हुआ है। शेष करीब सभी दिनों में एक्यूआई 300 से ऊपर दर्ज हुआ है। जिले के लोग करीब डेढ़ माह से प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर हैं। इसका असर अस्पतालों में भी दिख रहा हे। यह हवा अब लोगों का दम भी घोट रही है।
गले में खराश और खांसी की समस्या
लगातार दूषित हवा में सांस लेने के कारण अस्पतालों में खांसी और आंखों के मरीजों की संख्या बढ़कर दो गुना तक पहुंच रही है। बहुत से मरीजों को खांसी की समस्या एक माह से अधिक समय से बनी हुई है। वहीं, आंखों में जलन के मामले भी बढ़ रहे हैं। सड़कों पर उड़ती धूल के कारण बिना चश्मे के वाहन चलाने पर लोगों की आंखें लाल हो रही हैं।
आसपास के जिलों में ये रही स्थिति
जिले का नाम औसत एक्यूआई
गाजियाबाद 302
ग्रेटर नोएडा 285
मेरठ 243
बुलंदशहर 205
नोएडा 308
दिल्ली 304
नोट : सीपीसीबी के अनुसार।
बृहस्पतिवार को ऐसे घटा-बढ़ा प्रदूषण
समय एक्यूआई
सुबह पांच बजे 343
सात बजे 342
नौ बजे 336
11 बजे 333
दोपहर एक बजे 333
तीन बजे 331
शाम पांच बजे 332
शाम छह बजे 329
नोट : सीपीसीबी के अनुसार।
कोट -जिले में प्रदूषण का स्तर लगातार कम हो रहा है। हवा की रफ्तार कम होने के कारण प्रदूषण की समस्या बनी हुई है। विभागीय स्तरों पर सभी प्रयास प्रदूषण को कम करने के अपनाए जा रहे हैं। - विपुल कुमार, सहायक अभियंता, प्रदूषण नियंत्रण विभाग