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Hapur News: फर्जी कंपनियों के जरिये 10.59 करोड़ रुपये की जीएसटी हड़पी
संवाद न्यूज एजेंसी, हापुड़
Updated Thu, 04 Dec 2025 10:39 PM IST
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पिलखुवा (हापुड़)। जीएसटी में पंजीकरण कराने के बाद चार स्क्रैप कंपनियों ने कागजों में ही करोड़ों रुपये का कारोबार दिखाकर 10 करोड़ 59 लाख 49 हजार रुपये की आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) हड़प ली। चारों कंपनियां पिलखुवा क्षेत्र में पंजीकृत थीं। मामले में राज्य कर विभाग के सहायक आयुक्त जयप्रकाश ने कोतवाली में चार कंपनी संचालकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।
राज्यकर विभाग खंड चार के सहायक आयुक्त जयप्रकाश ने दर्ज रिपोर्ट में बताया कि किंग एंटरप्राइजेज, केएमएस स्कूल रोड पिलखुवा निवासी शादाब मलिक ने नौ सितंबर 2017 में पंजीकरण कराने के लिए हापुड़ में आवेदन किया था। घोषित पते का बिजली का बिल भी संलग्न किया गया। इसके बाद कंपनी के माध्यम से करोड़ों रुपये का कागजों में ही कारोबार दिखा दिया।
गाजियाबाद की विशेष अनुसंधान शाखा टीम ने एक जनवरी 2020 को व्यापार स्थल की जांच की। जांच के दौरान फर्म अस्तित्व में नहीं पाई गई। व्यापार स्थल से कोई व्यापारिक गतिविधि और स्टाॅक भी नहीं मिला। इस दौरान पता चला कि कंपनी संचालक ने तथ्यों को छिपाते हुए टैक्स बचाने की मंशा से 2018-19 में 30,98,024 रुपये तथा 2019-20 में 12,66,989 रुपये का फर्जीवाड़ा किया है।
दूसरे मामले में केएमएस पिलखुवा निवासी शहजाद ने फर्म स्काई ट्रेडिंग कंपनी के लिए 25 सितंबर 2017 को पंजीयन लेने के लिए खण्ड-चार, हापुड़ में आवेदन किया था। एसआईबी राज्य कर रेंज-बी गाजियाबाद इकाई की टीम ने 25 मई 2019 को मौके पर जाकर कंपनी की जांच की। व्यापार स्थल पर स्टाॅक लगभग नगण्य पाया गया। आसपास के लोगों ने बताया कि यहां पर व्यापार नहीं होता है। जांच में पता चला कि फर्म द्वारा कोई वास्तविक व्यापार तथा आउटवर्ड सप्लाई नहीं की जा रही है। केवल बिलों के लेन-देन का कार्य किया जा रहा है। जांच से पता चला कि कंपनी संचालक ने जानबूझकर तथ्यों को छिपाते हुए 2017-18 में 64,14,316 रुपये, 2018-19 में 5,08,15,014 रुपये तथा वर्ष 2019-20 में 1,31,24,086 रुपये का फर्जीवाड़ा किया है।
तीसरे मामले की जांच में पता चला कि मोहल्ला गढ़ी निवासी फरमान ने एसएफ ट्रेडर्स का पंजीकरण कराने के लिए एक जुलाई 2017 को खंड चार हापुड़ में आवेदन किया था। फर्म द्वारा राज ट्रेडिंग कंपनी मेरठ से आपूर्ति प्राप्त की गई है। 29 नवंबर 2018 को इकाई राज्य कर, रेंज बी मेरठ ने जांच की थी। इसमें घोषित स्थल पर कोई व्यापारिक गतिविधि नहीं पाई गई और न ही कोई स्टाॅक मिला। जांच में पता चला कि कंपनी संचालक ने वास्तविक खरीद-बिक्री न करके मात्र प्रपत्रों में इसे प्रदर्शित किया है। इस फर्म ने वर्ष 2018-19 में 48,81,960 रुपये का फर्जीवाड़ा किया है।
चौथे मामले में मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया कि मोहल्ला मंडी रेलवे रोड निवासी कपिल शर्मा ने इशांत स्टील का पंजीकरण लिया। इसकी जांच में पहली फर्म जैसी स्थिति मिली और वर्ष 2017-18 में 2,63,49,192 रुपये का फर्जीवाड़ा किया गया।
सीओ अनीता चौहान ने बताया कि सहायक आयुक्त की तहरीर पर शहजाद, फरमान, कपिल शर्मा और शादाब के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। आरोपियों की तलाश की जा रही है।
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राज्यकर विभाग खंड चार के सहायक आयुक्त जयप्रकाश ने दर्ज रिपोर्ट में बताया कि किंग एंटरप्राइजेज, केएमएस स्कूल रोड पिलखुवा निवासी शादाब मलिक ने नौ सितंबर 2017 में पंजीकरण कराने के लिए हापुड़ में आवेदन किया था। घोषित पते का बिजली का बिल भी संलग्न किया गया। इसके बाद कंपनी के माध्यम से करोड़ों रुपये का कागजों में ही कारोबार दिखा दिया।
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गाजियाबाद की विशेष अनुसंधान शाखा टीम ने एक जनवरी 2020 को व्यापार स्थल की जांच की। जांच के दौरान फर्म अस्तित्व में नहीं पाई गई। व्यापार स्थल से कोई व्यापारिक गतिविधि और स्टाॅक भी नहीं मिला। इस दौरान पता चला कि कंपनी संचालक ने तथ्यों को छिपाते हुए टैक्स बचाने की मंशा से 2018-19 में 30,98,024 रुपये तथा 2019-20 में 12,66,989 रुपये का फर्जीवाड़ा किया है।
दूसरे मामले में केएमएस पिलखुवा निवासी शहजाद ने फर्म स्काई ट्रेडिंग कंपनी के लिए 25 सितंबर 2017 को पंजीयन लेने के लिए खण्ड-चार, हापुड़ में आवेदन किया था। एसआईबी राज्य कर रेंज-बी गाजियाबाद इकाई की टीम ने 25 मई 2019 को मौके पर जाकर कंपनी की जांच की। व्यापार स्थल पर स्टाॅक लगभग नगण्य पाया गया। आसपास के लोगों ने बताया कि यहां पर व्यापार नहीं होता है। जांच में पता चला कि फर्म द्वारा कोई वास्तविक व्यापार तथा आउटवर्ड सप्लाई नहीं की जा रही है। केवल बिलों के लेन-देन का कार्य किया जा रहा है। जांच से पता चला कि कंपनी संचालक ने जानबूझकर तथ्यों को छिपाते हुए 2017-18 में 64,14,316 रुपये, 2018-19 में 5,08,15,014 रुपये तथा वर्ष 2019-20 में 1,31,24,086 रुपये का फर्जीवाड़ा किया है।
तीसरे मामले की जांच में पता चला कि मोहल्ला गढ़ी निवासी फरमान ने एसएफ ट्रेडर्स का पंजीकरण कराने के लिए एक जुलाई 2017 को खंड चार हापुड़ में आवेदन किया था। फर्म द्वारा राज ट्रेडिंग कंपनी मेरठ से आपूर्ति प्राप्त की गई है। 29 नवंबर 2018 को इकाई राज्य कर, रेंज बी मेरठ ने जांच की थी। इसमें घोषित स्थल पर कोई व्यापारिक गतिविधि नहीं पाई गई और न ही कोई स्टाॅक मिला। जांच में पता चला कि कंपनी संचालक ने वास्तविक खरीद-बिक्री न करके मात्र प्रपत्रों में इसे प्रदर्शित किया है। इस फर्म ने वर्ष 2018-19 में 48,81,960 रुपये का फर्जीवाड़ा किया है।
चौथे मामले में मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया कि मोहल्ला मंडी रेलवे रोड निवासी कपिल शर्मा ने इशांत स्टील का पंजीकरण लिया। इसकी जांच में पहली फर्म जैसी स्थिति मिली और वर्ष 2017-18 में 2,63,49,192 रुपये का फर्जीवाड़ा किया गया।
सीओ अनीता चौहान ने बताया कि सहायक आयुक्त की तहरीर पर शहजाद, फरमान, कपिल शर्मा और शादाब के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। आरोपियों की तलाश की जा रही है।