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Hardoi News: डेढ़ साल में पुलिस नहीं पकड़ पाई आरोपी, अब सुनवाई अटकी
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हरदोई। जेबकतरों और चोरों को घेरकर मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लेने वाली हाईटेक पुलिस गैरइरादतन हत्या के आरोपी को नहीं खोज पा रही है। आरोपी की गिरफ्तारी न हो पाने के कारण पिछले डेढ़ साल से मामले की सुनवाई न्यायालय में अटकी है। डेढ़ साल पहले लगभग सभी गवाहों की गवाही भी पूरी हो चुकी है।
बेहटा गोकुल थाना क्षेत्र के रामापुर रहोलिया निवासी शिवनाथ ने 26 अगस्त 2020 को हरियावां थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि उन्होंने बेटी सुनीता की शादी हरियावां थाना क्षेत्र के गोड़ाखेड़ा निवासी मंशाराम के साथ घटना के 15 साल पहले की थी। आरोप लगाया था कि 25 अगस्त की रात पति ने सुनीता को ईंटों और डंडों से पीटा। सीएचसी से उसे हरदोई रेफर किया गया। परिजन शहर के हरदोई नर्सिंगहोम ले गए जहां 27 अगस्त को सुनीता की मौत हो गई। पुलिस ने पहले से दर्ज मारपीट के मामले को गैर इरादतन हत्या की धाराओं में तब्दील कर दिया। मामले की सुनवाई न्यायालय में चल रही है। घटना में गिरफ्तारी के बाद मंशाराम जमानत पर छूट गया था। इसके बाद से वह न्यायालय में हाजिर ही नहीं हुआ।
नौ फरवरी 2024 को लगभग सभी गवाहों की गवाही पूरी हो चुकी है। गवाही से पहले ही आरोप भी तय हो चुके हैं। आरोपी मंशाराम के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी हो चुका है लेकिन हरियावां थाने की पुलिस आरोपी को नहीं खोज पा रही है। इस कारण मामले की सुनवाई भी जहां की तहां रुकी हुई है। 17 अगस्त 2024 को पहली बार गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद से 18 पेशी हो चुकी हैं। आरोपी की गिरफ्तारी न हाेने के कारण सुनवाई आगे नहीं बढ़ पा रही है।
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बेहटा गोकुल थाना क्षेत्र के रामापुर रहोलिया निवासी शिवनाथ ने 26 अगस्त 2020 को हरियावां थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि उन्होंने बेटी सुनीता की शादी हरियावां थाना क्षेत्र के गोड़ाखेड़ा निवासी मंशाराम के साथ घटना के 15 साल पहले की थी। आरोप लगाया था कि 25 अगस्त की रात पति ने सुनीता को ईंटों और डंडों से पीटा। सीएचसी से उसे हरदोई रेफर किया गया। परिजन शहर के हरदोई नर्सिंगहोम ले गए जहां 27 अगस्त को सुनीता की मौत हो गई। पुलिस ने पहले से दर्ज मारपीट के मामले को गैर इरादतन हत्या की धाराओं में तब्दील कर दिया। मामले की सुनवाई न्यायालय में चल रही है। घटना में गिरफ्तारी के बाद मंशाराम जमानत पर छूट गया था। इसके बाद से वह न्यायालय में हाजिर ही नहीं हुआ।
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नौ फरवरी 2024 को लगभग सभी गवाहों की गवाही पूरी हो चुकी है। गवाही से पहले ही आरोप भी तय हो चुके हैं। आरोपी मंशाराम के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी हो चुका है लेकिन हरियावां थाने की पुलिस आरोपी को नहीं खोज पा रही है। इस कारण मामले की सुनवाई भी जहां की तहां रुकी हुई है। 17 अगस्त 2024 को पहली बार गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद से 18 पेशी हो चुकी हैं। आरोपी की गिरफ्तारी न हाेने के कारण सुनवाई आगे नहीं बढ़ पा रही है।