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Hardoi News: 11 से थम जाएंगी शहनाई की आवाज और मांगलिक कार्यक्रम
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फोटो 22 : शास्त्री उमाकांत अवस्थी। स्रोत : स्वयं
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हरदाई। बृहस्पतिवार यानी 11 दिसंबर से शहनाइयों की आवाज थम जाएंगी और मांगलिक कार्यक्रमों पर भी विराम लग जाएगा। 11 दिसंबर से शुक्र अस्त हो रहे हैं और भगवान सूर्य धनु राशि में चले जाएंगे। शुक्रास्त और धनु राशि में सूर्य की संक्रांति के कारण दो फरवरी तक मांगलिक कार्यक्रम नहीं हो सकेंगे। अब तीन फरवरी को पहला विवाह मुहूर्त होगा।
मांगलिक कार्यक्रमों पर 11 दिसंबर की रात को शुक्र के अस्त होने के कारण विराम लगेगा। वहीं, भगवान सूर्य भी धनु राशि में प्रवेश कर जाएंगे। इससे सूर्य की धनु राशि की संक्रांति और शुक्रास्त के चलते मांगलिक कार्यक्रम न होने से शहनाइयां भी बजनी बंद हो जाएंगी। डीजे, बैंड बाजा आदि भी नहीं सुनाई देंगे। एक फरवरी को शुक्र उदय होगा। तीन फरवरी को पहला विवाह मुहूर्त है।
इसके बाद फरवरी माह में कुल 15 लग्न मुहूर्त हैं जिसमें तीन से 12 फरवरी तक लगातार लग्न मुहूर्त हैं फिर 14, 19, 20, 22 और 24 फरवरी को विवाह के लिए लग्न है। वहीं, दो मार्च को होलिका दहन होने से होलाष्टक लग जाएंगे जिससे मांगलिक कार्य नहीं हो सकेंगे। 13 मार्च से फिर से विवाह आदि मांगलिक कार्यक्रम हो सकेंगे।
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फोटो 21 : आचार्य सनत्कुमार मिश्र। स्रोत : स्वयं
आचार्य सनत्कुमार मिश्रा ने बताया कि शुक्रास्त और भगवान सूर्य के धनु राशि में होने के कारण विवाह लग्न, मुंडन और अन्य मांगलिक कार्यक्रमों पर विराम लग जाता है। 11 दिसंबर से शुक्र अस्त हो रहे हैं। वहीं, 25 फरवरी से होलाष्टक लग जाएंगे जिससे 25 फरवरी से 12 मार्च तक मांगलिक कार्य पर विराम रहेगा। इससे उस अवधि में शादी-विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि मांगलिक कार्यक्रम नहीं हो सकेंगे।
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फोटो 22 : शास्त्री उमाकांत अवस्थी। स्रोत : स्वयं
शास्त्री उमाकांत अवस्थी ने बताया कि 11 दिसंबर की रात 12 बजे पश्चिम दिशा में शुक्रास्त होगा। एक फरवरी को शाम छह बजे शुक्र उदय होंगे। उसी के बाद सभी यज्ञोपवीन, मुंडन, विवाह, भवन निर्माण और प्रवेश आदि के कार्यक्रम हो सकेंगे। उसी अवधि में चार जनवरी से एक फरवरी तक पौष माह की गंगा स्नान होगी। छह जनवरी को सकट पूजा होगी। तीन फरवरी से 14 मार्च तक 26 विवाह मुहूर्त हैं।
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मांगलिक कार्यक्रमों पर 11 दिसंबर की रात को शुक्र के अस्त होने के कारण विराम लगेगा। वहीं, भगवान सूर्य भी धनु राशि में प्रवेश कर जाएंगे। इससे सूर्य की धनु राशि की संक्रांति और शुक्रास्त के चलते मांगलिक कार्यक्रम न होने से शहनाइयां भी बजनी बंद हो जाएंगी। डीजे, बैंड बाजा आदि भी नहीं सुनाई देंगे। एक फरवरी को शुक्र उदय होगा। तीन फरवरी को पहला विवाह मुहूर्त है।
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इसके बाद फरवरी माह में कुल 15 लग्न मुहूर्त हैं जिसमें तीन से 12 फरवरी तक लगातार लग्न मुहूर्त हैं फिर 14, 19, 20, 22 और 24 फरवरी को विवाह के लिए लग्न है। वहीं, दो मार्च को होलिका दहन होने से होलाष्टक लग जाएंगे जिससे मांगलिक कार्य नहीं हो सकेंगे। 13 मार्च से फिर से विवाह आदि मांगलिक कार्यक्रम हो सकेंगे।
फोटो 21 : आचार्य सनत्कुमार मिश्र। स्रोत : स्वयं
आचार्य सनत्कुमार मिश्रा ने बताया कि शुक्रास्त और भगवान सूर्य के धनु राशि में होने के कारण विवाह लग्न, मुंडन और अन्य मांगलिक कार्यक्रमों पर विराम लग जाता है। 11 दिसंबर से शुक्र अस्त हो रहे हैं। वहीं, 25 फरवरी से होलाष्टक लग जाएंगे जिससे 25 फरवरी से 12 मार्च तक मांगलिक कार्य पर विराम रहेगा। इससे उस अवधि में शादी-विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि मांगलिक कार्यक्रम नहीं हो सकेंगे।
फोटो 22 : शास्त्री उमाकांत अवस्थी। स्रोत : स्वयं
शास्त्री उमाकांत अवस्थी ने बताया कि 11 दिसंबर की रात 12 बजे पश्चिम दिशा में शुक्रास्त होगा। एक फरवरी को शाम छह बजे शुक्र उदय होंगे। उसी के बाद सभी यज्ञोपवीन, मुंडन, विवाह, भवन निर्माण और प्रवेश आदि के कार्यक्रम हो सकेंगे। उसी अवधि में चार जनवरी से एक फरवरी तक पौष माह की गंगा स्नान होगी। छह जनवरी को सकट पूजा होगी। तीन फरवरी से 14 मार्च तक 26 विवाह मुहूर्त हैं।