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Jalaun News: पैथोलॉजी सेवाओं का बढ़ेगा समय, मरीजों को मिलेगी राहत
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उरई। जिला अस्पताल की पैथोलॉजी में अब रात आठ बजे तक जांच सुविधाएं उपलब्ध कराने की तैयारी है। अस्पताल प्रशासन ने मरीजों की बढ़ती संख्या और समय पर जांच रिपोर्ट न मिल पाने की शिकायतों को देखते हुए यह निर्णय लिया है।
जिला अस्पताल की पैथोलॉजी लैब अभी तक सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक संचालित होती थी। दो बजे ओपीडी बंद होने के कारण देर शाम आने वाले मरीजों को अगली सुबह तक इंतजार करना पड़ता था। सीएमएस डॉ. आनंद उपाध्याय ने बताया कि लैब में स्टाफ की शिफ्टें पुनर्गठित की जा रही ताकि जांचों की गुणवत्ता और समयबद्धता दोनों बनी रहें।
उन्होंने कहा कि आपातकालीन मामलों में अक्सर हेमेटोलॉजी, बायोकैमिस्ट्री, हारमोनल व वायरल और अन्य आवश्यक परीक्षणों की तुरंत जरूरत होती है, जिसे देखते हुए लैब के समय विस्तार का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि स्टाफ की उपलब्धता बढ़ाने के साथ-साथ मशीनों की नियमित सर्विसिंग और बैकअप सिस्टम को भी मजबूत किया जा रहा है, ताकि किसी तकनीकी समस्या के कारण जांच कार्य प्रभावित न हो।
बता दें कि पैथोलॉजी में रोजाना 200 से 250 मरीजों की पंजीकरण होता है। इसमें ऐसे मरीज जो 12 बजे के पहले जांच करा लेते हैं। ऐसे सौ से सवा सौ मरीजों को तो उसी दिन जांच रिपोर्ट मिल जाती है, जबकि 12 बजे के बाद रजिस्ट्रेशन कराने वाले मरीजों को अगले दिन रिपोर्ट का इतंजार करना पड़ता है। अगले दिन चिकित्सालय आने की मजबूरी होती है। नई व्यवस्था से खासकर दूरदराज से आने वाले मरीजों, कर्मियों व आपातकालीन सेवाओं को राहत मिलेगी। द)
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जिला अस्पताल की पैथोलॉजी लैब अभी तक सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक संचालित होती थी। दो बजे ओपीडी बंद होने के कारण देर शाम आने वाले मरीजों को अगली सुबह तक इंतजार करना पड़ता था। सीएमएस डॉ. आनंद उपाध्याय ने बताया कि लैब में स्टाफ की शिफ्टें पुनर्गठित की जा रही ताकि जांचों की गुणवत्ता और समयबद्धता दोनों बनी रहें।
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उन्होंने कहा कि आपातकालीन मामलों में अक्सर हेमेटोलॉजी, बायोकैमिस्ट्री, हारमोनल व वायरल और अन्य आवश्यक परीक्षणों की तुरंत जरूरत होती है, जिसे देखते हुए लैब के समय विस्तार का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि स्टाफ की उपलब्धता बढ़ाने के साथ-साथ मशीनों की नियमित सर्विसिंग और बैकअप सिस्टम को भी मजबूत किया जा रहा है, ताकि किसी तकनीकी समस्या के कारण जांच कार्य प्रभावित न हो।
बता दें कि पैथोलॉजी में रोजाना 200 से 250 मरीजों की पंजीकरण होता है। इसमें ऐसे मरीज जो 12 बजे के पहले जांच करा लेते हैं। ऐसे सौ से सवा सौ मरीजों को तो उसी दिन जांच रिपोर्ट मिल जाती है, जबकि 12 बजे के बाद रजिस्ट्रेशन कराने वाले मरीजों को अगले दिन रिपोर्ट का इतंजार करना पड़ता है। अगले दिन चिकित्सालय आने की मजबूरी होती है। नई व्यवस्था से खासकर दूरदराज से आने वाले मरीजों, कर्मियों व आपातकालीन सेवाओं को राहत मिलेगी। द)