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Jalaun News: सुरेंद्र वो दीपक था जो दूसरों को रोशनी के लिए जला...
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फोटो-1-कवियों को सम्मानित करते आयोजक। स्रोत-आयोजक
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उरई। सुरेंद्र वो दीपक था जो दूसरों को रोशनी के लिए जला, दूसरों से जलने के लिए नहीं... शफीकुर्रहमान कशफी ने यह लाइनें पढ़ीं तो तालियां बज उठीं। राठ रोड स्थित विजय विक्रम रिसोर्ट में एक कवि सम्मेलन मुशायरा सुरेंद्र मौखरी की याद में यज्ञदत्त त्रिपाठी की अध्यक्षता में हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रिया श्रीवास्तव ने सरस्वती वंदना व मिर्जा साबिर बेग की नाते पाक से की। रचनाकारों ने शाब्दिक श्रद्धांजलि देकर गीत, गजल, मुक्तकों से भीड़ को बांधे रखा। इस दौरान जिले के मुहम्मद रफी नाम से प्रसिद्ध मिर्जा साबिर बेग को तृतीय नेताजी सम्मान से सम्मानित किया गया।
सिद्धार्थ त्रिपाठी ने पढ़ा कि प्रिय सुरेंद्र तुम गए नहीं हो हम सबके दिल में रहते हो, चित्र तुम्हारा जब भी देखें लगता है तुम कुछ कहते हो। शायर अख्तर जलील ने पढ़ा-तुमसे मिलने मैं आऊंगा जून में, बर्फ जब पिघलेगी देहरादून में। डॉ. अनुज भदौरिया ने पढ़ा-भला ह्रदय में कभी सभी के कोई केंद्र होता है, किंतु सभी के दिल में धड़के वो सुरेंद्र होता है।
इसके अलावा कृपाराम कृपालु, वीरेंद्र तिवारी, शिरोमणि सोनी, अभषेक सरल,अतीक खान, दिव्यांशु दिव्य, प्रगति मिश्र, गरिमा पाठक ने भी काव्यपाठ किया। बाद में सभी कलमकारों का सुरेंद्र मौखरी के बड़े भाई चंद्रशेखर मौखरी, रिंकू मौखरी,पुत्र सूर्यांश, सनी मौखरी ने स्मृति चिन्ह व शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
पत्नी संध्या मौखरी ने महिला कवियों को सम्मानित किया। इस दौरान पूर्व मंत्री हरिओम उपाध्याय, राघवेंद्र भदौरिया, अवधेश त्रिपाठी, डॉ. स्वदेश गुर्जर, आनंद परिहार, विक्की पटेल, शैलेंद्र श्रीवास, जीवन बाल्मीकि, गोपाल तिवारी, श्रवण तिवारी, फरहत उल्ला आदि रहे।
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कार्यक्रम की शुरुआत प्रिया श्रीवास्तव ने सरस्वती वंदना व मिर्जा साबिर बेग की नाते पाक से की। रचनाकारों ने शाब्दिक श्रद्धांजलि देकर गीत, गजल, मुक्तकों से भीड़ को बांधे रखा। इस दौरान जिले के मुहम्मद रफी नाम से प्रसिद्ध मिर्जा साबिर बेग को तृतीय नेताजी सम्मान से सम्मानित किया गया।
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सिद्धार्थ त्रिपाठी ने पढ़ा कि प्रिय सुरेंद्र तुम गए नहीं हो हम सबके दिल में रहते हो, चित्र तुम्हारा जब भी देखें लगता है तुम कुछ कहते हो। शायर अख्तर जलील ने पढ़ा-तुमसे मिलने मैं आऊंगा जून में, बर्फ जब पिघलेगी देहरादून में। डॉ. अनुज भदौरिया ने पढ़ा-भला ह्रदय में कभी सभी के कोई केंद्र होता है, किंतु सभी के दिल में धड़के वो सुरेंद्र होता है।
इसके अलावा कृपाराम कृपालु, वीरेंद्र तिवारी, शिरोमणि सोनी, अभषेक सरल,अतीक खान, दिव्यांशु दिव्य, प्रगति मिश्र, गरिमा पाठक ने भी काव्यपाठ किया। बाद में सभी कलमकारों का सुरेंद्र मौखरी के बड़े भाई चंद्रशेखर मौखरी, रिंकू मौखरी,पुत्र सूर्यांश, सनी मौखरी ने स्मृति चिन्ह व शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
पत्नी संध्या मौखरी ने महिला कवियों को सम्मानित किया। इस दौरान पूर्व मंत्री हरिओम उपाध्याय, राघवेंद्र भदौरिया, अवधेश त्रिपाठी, डॉ. स्वदेश गुर्जर, आनंद परिहार, विक्की पटेल, शैलेंद्र श्रीवास, जीवन बाल्मीकि, गोपाल तिवारी, श्रवण तिवारी, फरहत उल्ला आदि रहे।
