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Jhansi: मऊरानीपुर ब्लॉक में कचरा होते जा रहे कूड़ा निस्तारण केंद्र, 63 में से 55 सेंटर बंद पड़े
संवाद न्यूज एजेंसी, झांसी
Published by: दीपक महाजन
Updated Tue, 09 Dec 2025 11:22 AM IST
सार
गांव से निकलने वाले कचरा के लिए ग्राम पंचायतों में रिसोर्स रिकवरी सेंटर बनाए गए हैं। लेकिन इनका इस्तेमाल न होने से यह स्वयं कचरा बन गये हैं। मऊरानीपुर ब्लॉक में 63 आरआरसी में से 55 बंद पड़े हुए हैं।
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ग्राम पंचायत भंडरा में बना कूड़ा निस्तारण केंद्र
- फोटो : संवाद
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विस्तार
मऊरानीपुर ब्लॉकों में गांवों से निकलने वाले कचरे के निस्तारण के लिए ग्राम पंचायतों में रिसोर्स रिकवरी सेंटर (आरआरसी) बनाए गए हैं, लेकिन, ज्यादातर ग्राम पंचायतों में लाखों रुपये की लागत से बनाए गए ये सेंटर शोपीस भर साबित हो रहे हैं। इसका अंदाजा मऊरानीपुर विकासखंड की स्थिति देखकर लगाया जा सकता है। यहां बनाए गए 63 आरआरसी में से 55 बंद पड़े हुए हैं। कमोबेश यही स्थिति जिले के ब्लॉकों में भी बनी हुई है।
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कूड़ा निस्तारण केंद्र के अंदर पड़े शराब के पाउच
- फोटो : संवाद
55 ग्राम पंचायतों में नहीं हो रहा उपयोग
स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्राम पंचायतों में आरआरसी बनाए गए हैं। सरकार की ओर से इस योजना की शुरुआत साल 2022 में की गई थी। शुरुआत में वित्तीय वर्ष 2022-23 में मऊरानीपुर विकासखंड की सात ग्राम पंचायतों में आरआरसी बनाए गए थे। इसके अगले वर्ष 2023-24 में 28 और 2024-25 में 31 ग्राम पंचायतों में आरआरसी बनाए गए थे। मऊरानीपुर विकासखंड की 66 ग्राम पंचायतों में से 63 में आरआरसी बनकर तैयार हो चुके हैं। लेकिन, इनमें से ग्राम पंचायत स्यावरी, धवाकर, ढकरवारा, ककवारा, बम्होरी, घाट कोटरा, खिलारा व भानपुरा में ही इनका संचालन किया जा रहा है। शेष 55 ग्राम पंचायतों में यह सेंटर किसी उपयोग में नहीं आ रहे हैं।
भंडरा में आरआरसी बना शराबियों का अड्डा
मऊरानीपुर विकासखंड की ग्राम पंचायत भंडरा में बना कचरा निस्तारण केंद्र का उपयोग शुरू नहीं हो पाया है। ऐसे में यह शराबियों का अड्डा बनकर रह गया है। इसका अंदाजा सेंटर के अंदर फैले शराब के खाली पाउच को देखकर लगाया जा सकता है।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्राम पंचायतों में आरआरसी बनाए गए हैं। सरकार की ओर से इस योजना की शुरुआत साल 2022 में की गई थी। शुरुआत में वित्तीय वर्ष 2022-23 में मऊरानीपुर विकासखंड की सात ग्राम पंचायतों में आरआरसी बनाए गए थे। इसके अगले वर्ष 2023-24 में 28 और 2024-25 में 31 ग्राम पंचायतों में आरआरसी बनाए गए थे। मऊरानीपुर विकासखंड की 66 ग्राम पंचायतों में से 63 में आरआरसी बनकर तैयार हो चुके हैं। लेकिन, इनमें से ग्राम पंचायत स्यावरी, धवाकर, ढकरवारा, ककवारा, बम्होरी, घाट कोटरा, खिलारा व भानपुरा में ही इनका संचालन किया जा रहा है। शेष 55 ग्राम पंचायतों में यह सेंटर किसी उपयोग में नहीं आ रहे हैं।
भंडरा में आरआरसी बना शराबियों का अड्डा
मऊरानीपुर विकासखंड की ग्राम पंचायत भंडरा में बना कचरा निस्तारण केंद्र का उपयोग शुरू नहीं हो पाया है। ऐसे में यह शराबियों का अड्डा बनकर रह गया है। इसका अंदाजा सेंटर के अंदर फैले शराब के खाली पाउच को देखकर लगाया जा सकता है।
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धूल खा रहा ग्राम पंचायत का ई-रिक्शा
- फोटो : संवाद
ई-रिक्शे का इस्तेमाल नहीं
ग्राम पंचायतों में घर-घर से गीला और सूखा कचरा एकत्र करने के लिए ई-रिक्शे भी दिए गए थे। इन ई-रिक्शों के माध्यम से कचरा आरआरसी तक पहुंचाया जाना था। लेकिन, आरआरसी की तरह ई-रिक्शे भी किसी काम नहीं आ रहे हैं। इनके भी पहिये थमे हुए हैं।
जिन ग्राम पंचायतों में रिसोर्स रिकवरी सेंटर चालू नहीं हैं, उन्हें एक सप्ताह के अंदर शुरू कराया जाएगा। महेंद्र पटेल, एडीओ पंचायत
ग्राम पंचायत भंडरा में बने कूड़ा कचरा केंद्र का हाल...
ग्राम पंचायतों में घर-घर से गीला और सूखा कचरा एकत्र करने के लिए ई-रिक्शे भी दिए गए थे। इन ई-रिक्शों के माध्यम से कचरा आरआरसी तक पहुंचाया जाना था। लेकिन, आरआरसी की तरह ई-रिक्शे भी किसी काम नहीं आ रहे हैं। इनके भी पहिये थमे हुए हैं।
जिन ग्राम पंचायतों में रिसोर्स रिकवरी सेंटर चालू नहीं हैं, उन्हें एक सप्ताह के अंदर शुरू कराया जाएगा। महेंद्र पटेल, एडीओ पंचायत
ग्राम पंचायत भंडरा में बने कूड़ा कचरा केंद्र का हाल...