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दर्द की ‘दवा’ बनेगा मल्टीमॉडल पेन क्लीनिक
अमर उजाला ब्यूराो
Updated Mon, 18 Dec 2017 01:21 AM IST
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medical jhansi news
- फोटो : demo
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लंबे समय और गंभीर दर्द से परेशान रोगियों के लिए अच्छी खबर है। महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में दर्द से पीड़ित मरीजों के लिए मल्टीमॉडल पेन क्लीनिक खुलने जा रहा है। आने वाले दस दिन में इसके शुरू होने की संभावना है। महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज प्रदेश का पहला राजकीय कॉलेज होगा, जहां यह सुविधा शुरू होगी। अब तक सिर्फ लखनऊ के पीजीआई, केजीएमयू और बीएचयू में ये क्लीनिक खुला है।
मेडिकल कॉलेज के कमरा नंबर 134 में क्लीनिक खुलेगा। क्लीनिक में कैंसर के दर्द से लेकर डायबिटीज, गठिया, माइग्रेन, कमर, न्यूरो, स्पोंडलिसिस, पुराने ऑपरेशन के दर्द, कंधे का दर्द आदि का इलाज हो सकेगा। जिन मरीजों को दवाओं की जरूरत होगी, उन्हें इसके जरिए दर्द से निजात दिलाई जाएगी। जो दवाओं से ठीक नहीं होंगे, उनकी दर्द करने वाली नस का सीटी स्कैन करके पता लगाया जाएगा। आधुनिक तकनीकी की मदद से इंजेक्शन लगाकर मात्र एक इंजेक्शन से तीन-चार महीने तक दर्द दूर किया जा सकेगा। अति गंभीर मरीजों के लिए टेली मेडिसिन द्वारा एम्स के डॉक्टरों से विचार विमर्श किया जाएगा। मेडिकल कॉलेज के विभिन्न विभाग जैसे रेडियोलॉजी, एनेस्थीसिया, ऑर्थोपेडिक्स, फिजियोथेरेपी, कैंसर रोग विभागों में सामंजस्य बनाकर क्लीनिक शुरू की जा रही है। क्लीनिक के ज्यादातर उपकरण पहले से ही अलग-अलग विभागों में मौजूद है। प्राचार्य डॉ. एनएस सेंगर ने इसे बढ़ी उपलब्धि बताया है।
एम्स में मिला प्रशिक्षण
क्लीनिक शुरू करने के लिए महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के एनेस्थीसिया विभाग के सह आचार्य डॉ. अंशुल जैन को नई दिल्ली के एम्स से पेन मैनेजमेंट का प्रशिक्षण दिलाया गया है। कुछ और डॉक्टरों को भी प्रशिक्षण मिलेगा।
नि:शुल्क लगेंगे इंजेक्शन
दर्द में लगने वाले बुपीविकेन, जायलोकेन, डेक्सामीटासोन मरीजों को नि:शुल्क लगाए जाएंगे। इसके अलावा कैंसर और न्यूरो संबंधी दर्द के लिए एल्कोहॉल, फिनोल का भी इंजेक्शन के रूप में प्रयोग किया जाएगा। इनको लगाने से मरीज की दर्द कर रही नस तीन से चार महीने के लिए सुन्न हो जाएगी। इसके बाद मरीज फिजियोथैरेपी, व्यायाम करके दर्द कम अथवा दूर कर सकेंगे।

मेडिकल कॉलेज के कमरा नंबर 134 में क्लीनिक खुलेगा। क्लीनिक में कैंसर के दर्द से लेकर डायबिटीज, गठिया, माइग्रेन, कमर, न्यूरो, स्पोंडलिसिस, पुराने ऑपरेशन के दर्द, कंधे का दर्द आदि का इलाज हो सकेगा। जिन मरीजों को दवाओं की जरूरत होगी, उन्हें इसके जरिए दर्द से निजात दिलाई जाएगी। जो दवाओं से ठीक नहीं होंगे, उनकी दर्द करने वाली नस का सीटी स्कैन करके पता लगाया जाएगा। आधुनिक तकनीकी की मदद से इंजेक्शन लगाकर मात्र एक इंजेक्शन से तीन-चार महीने तक दर्द दूर किया जा सकेगा। अति गंभीर मरीजों के लिए टेली मेडिसिन द्वारा एम्स के डॉक्टरों से विचार विमर्श किया जाएगा। मेडिकल कॉलेज के विभिन्न विभाग जैसे रेडियोलॉजी, एनेस्थीसिया, ऑर्थोपेडिक्स, फिजियोथेरेपी, कैंसर रोग विभागों में सामंजस्य बनाकर क्लीनिक शुरू की जा रही है। क्लीनिक के ज्यादातर उपकरण पहले से ही अलग-अलग विभागों में मौजूद है। प्राचार्य डॉ. एनएस सेंगर ने इसे बढ़ी उपलब्धि बताया है।
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एम्स में मिला प्रशिक्षण
क्लीनिक शुरू करने के लिए महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के एनेस्थीसिया विभाग के सह आचार्य डॉ. अंशुल जैन को नई दिल्ली के एम्स से पेन मैनेजमेंट का प्रशिक्षण दिलाया गया है। कुछ और डॉक्टरों को भी प्रशिक्षण मिलेगा।
नि:शुल्क लगेंगे इंजेक्शन
दर्द में लगने वाले बुपीविकेन, जायलोकेन, डेक्सामीटासोन मरीजों को नि:शुल्क लगाए जाएंगे। इसके अलावा कैंसर और न्यूरो संबंधी दर्द के लिए एल्कोहॉल, फिनोल का भी इंजेक्शन के रूप में प्रयोग किया जाएगा। इनको लगाने से मरीज की दर्द कर रही नस तीन से चार महीने के लिए सुन्न हो जाएगी। इसके बाद मरीज फिजियोथैरेपी, व्यायाम करके दर्द कम अथवा दूर कर सकेंगे।