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Kannauj News: बूंदाबांदी से बदला मौसम, 10 डिग्री लुढ़का पारा
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कन्नौज। दो दिनों से बिगड़े मौसम के मिजाज से सर्दी बढ़ गई है। शीत हवाओं के झोंकाें ने मौसम में ठंडक ला दी है। 15 मिलीमीटर बरसात के साथ तापमान 10 डिग्री सेल्सियस घटकर 16 पर पहुंच गया है। वहीं बेमौसम बारिश से फसलों को नुकसान हुआ है। कई जगह जलभराव व विद्युत फाल्ट होने से लोगों को परेशानी हुई। मौसम वैज्ञानिक डॉ. अमरेंद्र कुमार ने बताया कि बे मौसम बारिश से रबी की फसल को फायदा होगा। बुधवार को मौसम साफ रहने की संभावना है। सोमवार से लेकर मंगलवार तक जिले में 15 मिलीमीटर बारिश का अनुमान लगाया गया है।
सोमवार से हो रही बेमौसम बारिश ने किसानों की मेहनत और चिंता बढ़ा दी है। किसान इस समय आलू और सरसों की बोआई के लिए खेत तैयार करने में जुटे हैं। बारिश के कारण खाली खेतों में पानी भर गया है। किसान सत्यम पाठक, बबलू दुबे, मोहित पाठक, कमलकांत कटियार का कहना है कि खेतों में पानी भरने से उन्हें बोआई के लिए खेत सूखने का इंतजार करना पड़ेगा। इससे सरसों और आलू की बोआई समय से नहीं हो सकेगी। इसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ेगा। बारिश से उन किसानों को दोहरा नुकसान है, जिनकी धान की फसल कटने के लिए तैयार है या खेतों में कटी पड़ी है।
मंडी में भींग गया किसानों का धान
छिबरामऊ। मंगलवार की सुबह पांच बजे से ही तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश शुरू हो गई, जो शाम तक जारी रही। कभी तेज तो कभी बूंदाबांदी के रूप में जारी रही। बरसात की वजह से सड़कों पर वाहनों व पैदल राहगीरों की संख्या कम हो गई। बाजार का दिन होने के कारण दुकानें तो खुली पर ग्राहकों का इंतजार करना पड़ा। वहीं कृषि उत्पादन मंडी समिति में बिक्री के लिए धान की आवक शुरू हो चुकी है। बरसात से भीगने के लिए धान को बचान के लिए आढ़तियों व किसानों ने तिरपाल से ढक रखा था, इसके बाद भी आढ़तों व नीलामी चबूतरों के बाहर लगा कई क्विंतल धान भीग गया।
धान व सरसों के लिए आफत बनी बारिश
हसेरन। दो दिनों से लगातार हो रही बरसात से खेतों में पानी भर गया है, जिससे धान, आलू व सरसों की फसलें पूरी तरह से चौपट हो चुकी है। किसान बृह्मस्वरूप दुबे, जल सिंह, राजीव प्रताप उर्फ राना आदि का कहना है कि बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। किसानों ने बारिश से फसलों में हुए नुकसान का सर्वे कराने के साथ ही मुआवजा देने की मांग की है।
गेहूं की बोआई के लिए वरदान साबित होगी बारिश
खड़िनी। जिला कृषि अधिकारी संतलाल गुप्ता ने बताया कि इलाके के दोमट मिट्टी बारिश में गीली होने के कारण सख्त हो जाएगी। इससे आलू के बीज का अंकुरण कम होगा। मिट्टी ठोस होने से पैदावार कम होना तय है। वहीं खेतों में गेहूं की बोआई के लिए पलेवा लगना था। वह बारिश के कारण पूरा हो चुका है। पकी धान की फसल के भीगने से नुकसान की संभावना बढ़ गई है।
सहकारी समिति परिसर में जलभराव
जसोदा। बारिश के चलते कस्बा की साधन सहकारी समिति में जलभराव हो गया, इससे किसानों को समिति पर आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जसोदा - कुसुमखोर मार्ग की नाली जाम है। नेशनल हाईवे के अंडरपास के नीचे भी नाली नहीं बनी है। बारिश और घरों का पानी सड़क पर एकत्र हो रहा है। इस वजह से अंडरपास के नीचे भी पानी भरा रहता है। समिति पर खाद लेने आए किसान विशाल यादव, प्रमोद कटियार, संजय पाल, जयवीर सिंह कुशवाहा ने बताया कि यह समस्या लंबे समय से चली आ रही है।
आलू-धान पर संकट के बादल
रबी की फसल सरसों व आलू की बुवाई के इस महत्वपूर्ण समय में लौटते मानसून ने किसानों की चिंता बढ़ा दी हैं। सोमवार से शुरू हुई बारिश मंगलवार को पूर दिन होती रही। इसके चलते धान की फसलों को नुकसान हुआ है, वहीं सरसों और आलू के किसान बोआई में देरी होने से परेशान हैं। मौसम विभाग के अनुसार अधिकतम तापमान 23 डिग्री व न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
बारिश से सब्जी की फसलों को नुकसान
तालग्राम। तेज बारिश से ठंड का प्रभाव बढ़ गया है। तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई। किसानों का कहना है कि तैयार धान फसल तेज हवाओं से गिर कर खराब हो रही है, जो धान कटा पड़ा है, वह भीग जाने से खराब हो सकता है। आलू फसल को भी नुकसान है। ज्यादा बारिश हुई तो जलभराव से फसल खराब हो सकती है। साथ ही फूलगोभी, पत्तागोभी, टमाटर, धनिया आदि सब्जी फसलें भी प्रभावित हो सकती हैं।
सोमवार से हो रही बेमौसम बारिश ने किसानों की मेहनत और चिंता बढ़ा दी है। किसान इस समय आलू और सरसों की बोआई के लिए खेत तैयार करने में जुटे हैं। बारिश के कारण खाली खेतों में पानी भर गया है। किसान सत्यम पाठक, बबलू दुबे, मोहित पाठक, कमलकांत कटियार का कहना है कि खेतों में पानी भरने से उन्हें बोआई के लिए खेत सूखने का इंतजार करना पड़ेगा। इससे सरसों और आलू की बोआई समय से नहीं हो सकेगी। इसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ेगा। बारिश से उन किसानों को दोहरा नुकसान है, जिनकी धान की फसल कटने के लिए तैयार है या खेतों में कटी पड़ी है।
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मंडी में भींग गया किसानों का धान
छिबरामऊ। मंगलवार की सुबह पांच बजे से ही तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश शुरू हो गई, जो शाम तक जारी रही। कभी तेज तो कभी बूंदाबांदी के रूप में जारी रही। बरसात की वजह से सड़कों पर वाहनों व पैदल राहगीरों की संख्या कम हो गई। बाजार का दिन होने के कारण दुकानें तो खुली पर ग्राहकों का इंतजार करना पड़ा। वहीं कृषि उत्पादन मंडी समिति में बिक्री के लिए धान की आवक शुरू हो चुकी है। बरसात से भीगने के लिए धान को बचान के लिए आढ़तियों व किसानों ने तिरपाल से ढक रखा था, इसके बाद भी आढ़तों व नीलामी चबूतरों के बाहर लगा कई क्विंतल धान भीग गया।
धान व सरसों के लिए आफत बनी बारिश
हसेरन। दो दिनों से लगातार हो रही बरसात से खेतों में पानी भर गया है, जिससे धान, आलू व सरसों की फसलें पूरी तरह से चौपट हो चुकी है। किसान बृह्मस्वरूप दुबे, जल सिंह, राजीव प्रताप उर्फ राना आदि का कहना है कि बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। किसानों ने बारिश से फसलों में हुए नुकसान का सर्वे कराने के साथ ही मुआवजा देने की मांग की है।
गेहूं की बोआई के लिए वरदान साबित होगी बारिश
खड़िनी। जिला कृषि अधिकारी संतलाल गुप्ता ने बताया कि इलाके के दोमट मिट्टी बारिश में गीली होने के कारण सख्त हो जाएगी। इससे आलू के बीज का अंकुरण कम होगा। मिट्टी ठोस होने से पैदावार कम होना तय है। वहीं खेतों में गेहूं की बोआई के लिए पलेवा लगना था। वह बारिश के कारण पूरा हो चुका है। पकी धान की फसल के भीगने से नुकसान की संभावना बढ़ गई है।
सहकारी समिति परिसर में जलभराव
जसोदा। बारिश के चलते कस्बा की साधन सहकारी समिति में जलभराव हो गया, इससे किसानों को समिति पर आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जसोदा - कुसुमखोर मार्ग की नाली जाम है। नेशनल हाईवे के अंडरपास के नीचे भी नाली नहीं बनी है। बारिश और घरों का पानी सड़क पर एकत्र हो रहा है। इस वजह से अंडरपास के नीचे भी पानी भरा रहता है। समिति पर खाद लेने आए किसान विशाल यादव, प्रमोद कटियार, संजय पाल, जयवीर सिंह कुशवाहा ने बताया कि यह समस्या लंबे समय से चली आ रही है।
आलू-धान पर संकट के बादल
रबी की फसल सरसों व आलू की बुवाई के इस महत्वपूर्ण समय में लौटते मानसून ने किसानों की चिंता बढ़ा दी हैं। सोमवार से शुरू हुई बारिश मंगलवार को पूर दिन होती रही। इसके चलते धान की फसलों को नुकसान हुआ है, वहीं सरसों और आलू के किसान बोआई में देरी होने से परेशान हैं। मौसम विभाग के अनुसार अधिकतम तापमान 23 डिग्री व न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
बारिश से सब्जी की फसलों को नुकसान
तालग्राम। तेज बारिश से ठंड का प्रभाव बढ़ गया है। तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई। किसानों का कहना है कि तैयार धान फसल तेज हवाओं से गिर कर खराब हो रही है, जो धान कटा पड़ा है, वह भीग जाने से खराब हो सकता है। आलू फसल को भी नुकसान है। ज्यादा बारिश हुई तो जलभराव से फसल खराब हो सकती है। साथ ही फूलगोभी, पत्तागोभी, टमाटर, धनिया आदि सब्जी फसलें भी प्रभावित हो सकती हैं।