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Kannauj News: डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट होने पर नहीं लगाने होंगे पेंशन के लिए चक्कर
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गुगरापुर। चलने-फिरने में असमर्थ या असाध्य बीमारी से जूझ रहे पेंशनरों को अब जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए बैंक या कोषागार के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। डाक विभाग ने ऐसे वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग पेंशनरों के लिए राहत भरी सुविधा शुरू की है। अब घर बैठे ही डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (डीएलसी) बनवाया जा सकेगा। इसके लिए डाक विभाग के कर्मचारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
एक नवंबर से प्रमाणपत्र जमा करने की प्रक्रिया शुरू हो रही है। डाक विभाग के अनुसार जो पेंशनर शारीरिक रूप से अक्षम हैं या अस्पताल में भर्ती हैं। वह अपने क्षेत्र के डाकिये से संपर्क कर सुविधा का लाभ ले सकेंगे। पेंशनर्स इसके लिए ऑनलाइन आवेदन भेजकर भी इस सेवा का लाभ ले सकेंगे। जीवन प्रमाण पत्र सुगमता से उपलब्ध कराने के लिए संबंधित क्षेत्र का डाकिया घर पहुंचकर पूरी प्रक्रिया डिजिटल माध्यम से पूरी करेगा। पेंशनर को इसके लिए70 रुपये शुल्क जमा करना होगा।
इस सुविधा का लाभ केंद्रीय सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार के पेंशनरों और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के पेंशनरों को भी मिलेगा। यह योजना सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए लागू रहेगी। एक नवंबर से प्रमाणपत्र जमा करने की प्रक्रिया शुरू होने के बाद विभिन्न पेंशनर्स संगठन भी अलग-अलग स्थानों पर शिविर लगाकर पेंशनरों को यह सुविधा उपलब्ध कराएंगे। इससे वृद्ध और असहाय पेंशनरों को विशेष राहत मिलेगी। फर्रुखाबाद के डाक अधीक्षक डीबी पांडेय का कहना है कि डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी पेंशनर अपनी असमर्थता या दूरी के कारण पेंशन से वंचित न रहे। डाक विभाग घर-घर जाकर यह सेवा एक नवंबर से प्रदान करेगा।
(संवाद)
एक नवंबर से प्रमाणपत्र जमा करने की प्रक्रिया शुरू हो रही है। डाक विभाग के अनुसार जो पेंशनर शारीरिक रूप से अक्षम हैं या अस्पताल में भर्ती हैं। वह अपने क्षेत्र के डाकिये से संपर्क कर सुविधा का लाभ ले सकेंगे। पेंशनर्स इसके लिए ऑनलाइन आवेदन भेजकर भी इस सेवा का लाभ ले सकेंगे। जीवन प्रमाण पत्र सुगमता से उपलब्ध कराने के लिए संबंधित क्षेत्र का डाकिया घर पहुंचकर पूरी प्रक्रिया डिजिटल माध्यम से पूरी करेगा। पेंशनर को इसके लिए70 रुपये शुल्क जमा करना होगा।
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इस सुविधा का लाभ केंद्रीय सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार के पेंशनरों और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के पेंशनरों को भी मिलेगा। यह योजना सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए लागू रहेगी। एक नवंबर से प्रमाणपत्र जमा करने की प्रक्रिया शुरू होने के बाद विभिन्न पेंशनर्स संगठन भी अलग-अलग स्थानों पर शिविर लगाकर पेंशनरों को यह सुविधा उपलब्ध कराएंगे। इससे वृद्ध और असहाय पेंशनरों को विशेष राहत मिलेगी। फर्रुखाबाद के डाक अधीक्षक डीबी पांडेय का कहना है कि डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी पेंशनर अपनी असमर्थता या दूरी के कारण पेंशन से वंचित न रहे। डाक विभाग घर-घर जाकर यह सेवा एक नवंबर से प्रदान करेगा।
(संवाद)