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Kanpur News: कार्बाइड पटाखों से जले 23 रोगी पहुंचे हैलट
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कानपुर। कार्बाइड पटाखों से जलने वाले रोगियों की संख्या कम नहीं हो रही है। बुधवार को इन पटाखों से जले 15 रोगी प्लास्टिक सर्जरी और आठ रोगी नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में आए। कुल 23 रोगी आए। कार्बाइड पटाखों से गहराई तक जलने से रोगियों की खाल सिकुड़ गई। जिन रोगियों की आंख जली है, उनकी कार्निया सफेद पड़ गई। एक रोगी की आंखों की दोनों कार्निया प्रभावित हुई हैं।
हैलट की प्लास्टिक सर्जरी की ओपीडी में आए 15 रोगियों में 11 पुरुष और चार महिलाएं हैं। सीनियर प्लास्टिक सर्जन डॉ. प्रेम शंकर ने बताया कि तीन रोगियों के दोनों हाथ बुरी तरह जल गए। कुछ के पैर, हाथ और मुंह जला है। कार्बाइड वाले पटाखे होने के वजह से घाव गहरे और जटिल हैं। किसी को भर्ती नहीं किया गया। ओपीडी स्तर से इलाज कर दिया गया।नेत्र रोग विभाग में आठ रोगी आए। एक युवक का कार्बाइड पटाखे से चेहरा जल गया।
वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. पारुल सिंह ने बताया कि युवक की दोनों आंखें प्रभावित हुई हैं। कार्बाइड के कण आंखों में गहराई तक भरे रहे। दोनों कार्निया 50 फीसदी प्रभावित हुई हैं। इसके अलावा सात रोगी और आए। डॉक्टरों ने बताया कि ये रोगी दीपावली में जले थे लेकिन कहीं और इलाज कराते रहे। बाद में हैलट आए हैं। कार्बाइड की वजह से रोगियों के गहरे और जटिल घाव हुए हैं।
हैलट की प्लास्टिक सर्जरी की ओपीडी में आए 15 रोगियों में 11 पुरुष और चार महिलाएं हैं। सीनियर प्लास्टिक सर्जन डॉ. प्रेम शंकर ने बताया कि तीन रोगियों के दोनों हाथ बुरी तरह जल गए। कुछ के पैर, हाथ और मुंह जला है। कार्बाइड वाले पटाखे होने के वजह से घाव गहरे और जटिल हैं। किसी को भर्ती नहीं किया गया। ओपीडी स्तर से इलाज कर दिया गया।नेत्र रोग विभाग में आठ रोगी आए। एक युवक का कार्बाइड पटाखे से चेहरा जल गया।
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वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. पारुल सिंह ने बताया कि युवक की दोनों आंखें प्रभावित हुई हैं। कार्बाइड के कण आंखों में गहराई तक भरे रहे। दोनों कार्निया 50 फीसदी प्रभावित हुई हैं। इसके अलावा सात रोगी और आए। डॉक्टरों ने बताया कि ये रोगी दीपावली में जले थे लेकिन कहीं और इलाज कराते रहे। बाद में हैलट आए हैं। कार्बाइड की वजह से रोगियों के गहरे और जटिल घाव हुए हैं।