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UP: अखिलेश दुबे मामले की CBI जांच की मांग, कार्रवाई न होने व धमकियों से डरीं प्रज्ञा ने मांगी इच्छामृत्यु
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: शिखा पांडेय
Updated Wed, 29 Oct 2025 11:58 PM IST
सार
Kanpur News: अखिलेश दुबे मुक्ति मोर्चा ने पुलिस, केडीए, जिला प्रशासन की सुस्त कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं।
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कार्रवाई न होने व धमकियों से डरीं प्रज्ञा ने मांगी इच्छामृत्यु
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
अखिलेश दुबे के खिलाफ शिकायतों की जांच की गति धीमी होने, रिपोर्ट दर्ज न किए जाने, केडीए द्वारा अवैध निर्माण का ध्वस्तीकरण न करने जैसे मुद्दों पर अखिलेश दुबे मुक्ति मोर्चा ने आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया है। मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की गई। कार्रवाई न होने व धमकियों से डरीं प्रज्ञा त्रिवेदी ने तो सोशल मीडिया पर पोस्ट व मेल करके इच्छामृत्यु तक की मांग कर दी।
अखिलेश दुबे मुक्तिमोर्चा की ओर से मालरोड स्थित एक रेस्टोरेंट में पत्रकार वार्ता का की गई। भाजपा प्रदेश संयोजक रवि सतीजा ने बताया कि किस तरह अखिलेश ने उनके साथ-साथ कई लोगों को दुष्कर्म के झूठे मुकदमों में फंसाकर रंगदारी वसूली। बिना किसी वकालत के अरबों रुपये की संपत्ति का मालिक बन गया। एक पान मसाला कारोबारी के बेटे को पॉक्सो के झूठे मुकदमे में दो साल जेल काटनी पड़ी जबकि वह लड़की को जानता तक नहीं था। बाद में कोर्ट से बरी हुआ।
वहीं, प्रज्ञा त्रिवेदी ने कहा कि अखिलेश के खिलाफ 52 प्रार्थना पत्र लंबित हैं लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं की जा रही। कहा पुलिस रिपोर्ट दर्ज कर जांच करे। अगर जांच में मामला झूठा पाया जाए तो वादी के खिलाफ कार्रवाई करे। अधिवक्ता आशीष शुक्ला ने अखिलेश दुबे द्वारा कब्जाए गए सरकारी पार्कों की जमीनों को खाली न कराने पर केडीए, नगर निगम और शहर के जनप्रतिनिधियों तक को घेरा।
रजिस्ट्रार कार्यालय की सत्यापित प्रति दिखाते हुए कहा कि डॉ. बृजकिशोरी दुबे स्मारक संस्थान की प्रबंध समिति में अखिलेश, बृजेश, शालिनी, राजेश पांडे, इंद्राणी दुबे, निखिलेश, सरिता और मधु हैं। ऐसे में फर्जीवाड़े के सभी दोषी हैं। अधिवक्ता सौरभ भदौरिया ने अखिलेश व उसके परिवार के शस्त्र लाइसेंसों की जांच रिपोर्ट को दबाए जाने व कोई कार्रवाई न किए जाने पर सवाल खड़े किए। इनके अलावा पूर्व विधायक भूधर नारायण मिश्रा, समाजसेवी मनोज सिंह, शैलेंद्र शर्मा, अधिवक्ता सोहेल जफर, अधिवक्ता सचिन सिंह आदि ने भी अपनी पीड़ा बताई।
आईपीएस अफसर पर मदद के आरोप
लखनऊ में बैठे एक आईपीएस अधिकारी पर अखिलेश दुबे की मदद करने के आरोप लगाए गए। भाजपा नेता रवि सतीजा ने बताया कि जब वह डीजीपी प्रशांत कुमार से मिलने गए थे तो उन्होंने कहा था कि अखिलेश की मदद वरिष्ठ आईपीएस अफसर कर रहा है उससे जाकर मिलो। बताया कि आईपीएस अफसर से मिलकर अपनी पीड़ा बताई थी। वहीं, प्रज्ञा त्रिवेदी ने भी अखिलेश की बेटी आंचल पर इसी आईपीएस अधिकारी के रहते उनके परिवार का कुछ न बिगड़ने व धमकी देने का आरोप लगाया। कहा अगर सरकार न्याय नहीं दिला सकती तो उन्हें इच्छामृत्यु दे।
केडीए नोटिस भेज कर रहा खानापूरी
अवैध तरीके से सरकारी जमीन पर बने अखिलेश दुबे के जूही स्थित ब्रजकिशोरी संस्थान, ब्रजकिशोरी वाटिका, किशोरी उद्यान, केशव नगर स्थित शक्तिदीप पैलेस, सिविल लाइंस स्थित आगमन गेस्ट हाउस, नवाबगंज स्थित आशुतोष धाम, जूडियो मॉल बिल्डिंग, तिलक नगर स्थित ऐश चेंबर, सिंहपुर गुजैनी स्थित ब्रजकिशोरी संस्थान के कैनरी फार्मस, ग्राम कठेरुआ स्थित महाविद्यालय के निर्माण पर रोक लगाने और कब्जों को खाली कराने के लिए केडीए से कई बार प्रार्थना पत्र दिए गए लेकिन सिर्फ नोटिस भेजकर केडीए खानापूरी कर लेता है। नोटिस भेजकर मदद करने की कोशिश की जाती है ताकि अखिलेश के साथी अदालत से कोई आदेश ला सकें। छह माह से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई सिर्फ कागजों पर ही चल रही है।
शहर के जनप्रतिनिधि निभाएं जिम्मेदारी
अखिलेश दुबे और उसके साथियों द्वारा एक नही कई सरकारी पार्कों पर कब्जे किए गए। अखिलेश साकेत नगर का रहने वाला है। उसका घर किदवई नगर विधानसभा क्षेत्र में आता है। क्षेत्रीय विधायक महेश त्रिवेदी की जिम्मेदारी है कि उसने जितने पार्कों पर कब्जा किया है, उन्हें खाली कराने के लिए आगे आएं। इसके अलावा सांसद होने के नाते रमेश अवस्थी और विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना के भी शहर का होने के नाते उनकी भी जिम्मेदारी बनती है कि वह सरकारी पार्कों पर कब्जा खाली कराने में मुक्ति मोर्चा का सहयोग करें।
बिना नाम के कर दिया म्यूटेशन
अधिवक्ता आशीष शुक्ला ने बताया कि साकेत नगर स्थित सरकारी पार्क की 1.11 एकड़ जमीन पर ब्रज किशोरी संस्थान अवैध रूप से निर्मित किया गया। यह जमीन सिर्फ दस साल के लिए रखरखाव के लिए संस्थान को दी गई लेकिन बिना नाम के ही नगर निगम में इस जमीन का म्यूटेशन कर दिया गया। पिछले 27 साल से पार्क की जमीन पर स्कूल का टैक्स जमा हो रहा है।
हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। पार्कों के संबंध में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण में भी शिकायत की गई हैं। पुलिस कमिश्रर के यहां जाने के बजाय, कोर्ट में अखिलेश और उनके परिजन अपना पक्ष रखें। - भूधर नारायण मिश्रा, पूर्व विधायक
मुझे और मेरे बच्चों की सुरक्षा के लिए सिर्फ एक पुलिसकर्मी दिया गया है। एक पुलिसकर्मी 24 घंटे परिवार की सुरक्षा नहीं कर सकता। मैंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, राज्यपाल, ब्रजेश पाठक और महिला आयोग को मेल व ट्वीट कर मांगी है इच्छामृत्यु। - प्रज्ञा त्रिवेदी, पीड़िता
अखिलेश ने मुझे बदनाम किया। मैं खून के आंसू रोया। अखिलेश की शिकायत जब मुख्यमंत्री से की थी उस समय रघुवीर लाल उनके साथ ही थे। कानपुर में चार्ज संभालने पर जब मैं पुलिस कमिश्रर से मिलने गया तो उन्होंने आवाज उठाने के लिए मेरी हौसलाअफजाई की। - रवि सतीजा, भाजपा नेता
अखिलेश ने सरकारी पार्कों पर कब्जा कर रखा है। केडीए और नगर निगम से कई बार शिकायत की गई लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही। अफसर धन उगाही में जुटे हैं। सबूतों के बावजूद व्यापारी नेता और उसके अधिवक्ता पुत्र पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। - आशीष शुक्ला, अधिवक्ता
अखिलेश दुबे मुक्तिमोर्चा की ओर से मालरोड स्थित एक रेस्टोरेंट में पत्रकार वार्ता का की गई। भाजपा प्रदेश संयोजक रवि सतीजा ने बताया कि किस तरह अखिलेश ने उनके साथ-साथ कई लोगों को दुष्कर्म के झूठे मुकदमों में फंसाकर रंगदारी वसूली। बिना किसी वकालत के अरबों रुपये की संपत्ति का मालिक बन गया। एक पान मसाला कारोबारी के बेटे को पॉक्सो के झूठे मुकदमे में दो साल जेल काटनी पड़ी जबकि वह लड़की को जानता तक नहीं था। बाद में कोर्ट से बरी हुआ।
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वहीं, प्रज्ञा त्रिवेदी ने कहा कि अखिलेश के खिलाफ 52 प्रार्थना पत्र लंबित हैं लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं की जा रही। कहा पुलिस रिपोर्ट दर्ज कर जांच करे। अगर जांच में मामला झूठा पाया जाए तो वादी के खिलाफ कार्रवाई करे। अधिवक्ता आशीष शुक्ला ने अखिलेश दुबे द्वारा कब्जाए गए सरकारी पार्कों की जमीनों को खाली न कराने पर केडीए, नगर निगम और शहर के जनप्रतिनिधियों तक को घेरा।
रजिस्ट्रार कार्यालय की सत्यापित प्रति दिखाते हुए कहा कि डॉ. बृजकिशोरी दुबे स्मारक संस्थान की प्रबंध समिति में अखिलेश, बृजेश, शालिनी, राजेश पांडे, इंद्राणी दुबे, निखिलेश, सरिता और मधु हैं। ऐसे में फर्जीवाड़े के सभी दोषी हैं। अधिवक्ता सौरभ भदौरिया ने अखिलेश व उसके परिवार के शस्त्र लाइसेंसों की जांच रिपोर्ट को दबाए जाने व कोई कार्रवाई न किए जाने पर सवाल खड़े किए। इनके अलावा पूर्व विधायक भूधर नारायण मिश्रा, समाजसेवी मनोज सिंह, शैलेंद्र शर्मा, अधिवक्ता सोहेल जफर, अधिवक्ता सचिन सिंह आदि ने भी अपनी पीड़ा बताई।
आईपीएस अफसर पर मदद के आरोप
लखनऊ में बैठे एक आईपीएस अधिकारी पर अखिलेश दुबे की मदद करने के आरोप लगाए गए। भाजपा नेता रवि सतीजा ने बताया कि जब वह डीजीपी प्रशांत कुमार से मिलने गए थे तो उन्होंने कहा था कि अखिलेश की मदद वरिष्ठ आईपीएस अफसर कर रहा है उससे जाकर मिलो। बताया कि आईपीएस अफसर से मिलकर अपनी पीड़ा बताई थी। वहीं, प्रज्ञा त्रिवेदी ने भी अखिलेश की बेटी आंचल पर इसी आईपीएस अधिकारी के रहते उनके परिवार का कुछ न बिगड़ने व धमकी देने का आरोप लगाया। कहा अगर सरकार न्याय नहीं दिला सकती तो उन्हें इच्छामृत्यु दे।
केडीए नोटिस भेज कर रहा खानापूरी
अवैध तरीके से सरकारी जमीन पर बने अखिलेश दुबे के जूही स्थित ब्रजकिशोरी संस्थान, ब्रजकिशोरी वाटिका, किशोरी उद्यान, केशव नगर स्थित शक्तिदीप पैलेस, सिविल लाइंस स्थित आगमन गेस्ट हाउस, नवाबगंज स्थित आशुतोष धाम, जूडियो मॉल बिल्डिंग, तिलक नगर स्थित ऐश चेंबर, सिंहपुर गुजैनी स्थित ब्रजकिशोरी संस्थान के कैनरी फार्मस, ग्राम कठेरुआ स्थित महाविद्यालय के निर्माण पर रोक लगाने और कब्जों को खाली कराने के लिए केडीए से कई बार प्रार्थना पत्र दिए गए लेकिन सिर्फ नोटिस भेजकर केडीए खानापूरी कर लेता है। नोटिस भेजकर मदद करने की कोशिश की जाती है ताकि अखिलेश के साथी अदालत से कोई आदेश ला सकें। छह माह से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई सिर्फ कागजों पर ही चल रही है।
शहर के जनप्रतिनिधि निभाएं जिम्मेदारी
अखिलेश दुबे और उसके साथियों द्वारा एक नही कई सरकारी पार्कों पर कब्जे किए गए। अखिलेश साकेत नगर का रहने वाला है। उसका घर किदवई नगर विधानसभा क्षेत्र में आता है। क्षेत्रीय विधायक महेश त्रिवेदी की जिम्मेदारी है कि उसने जितने पार्कों पर कब्जा किया है, उन्हें खाली कराने के लिए आगे आएं। इसके अलावा सांसद होने के नाते रमेश अवस्थी और विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना के भी शहर का होने के नाते उनकी भी जिम्मेदारी बनती है कि वह सरकारी पार्कों पर कब्जा खाली कराने में मुक्ति मोर्चा का सहयोग करें।
बिना नाम के कर दिया म्यूटेशन
अधिवक्ता आशीष शुक्ला ने बताया कि साकेत नगर स्थित सरकारी पार्क की 1.11 एकड़ जमीन पर ब्रज किशोरी संस्थान अवैध रूप से निर्मित किया गया। यह जमीन सिर्फ दस साल के लिए रखरखाव के लिए संस्थान को दी गई लेकिन बिना नाम के ही नगर निगम में इस जमीन का म्यूटेशन कर दिया गया। पिछले 27 साल से पार्क की जमीन पर स्कूल का टैक्स जमा हो रहा है।
हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। पार्कों के संबंध में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण में भी शिकायत की गई हैं। पुलिस कमिश्रर के यहां जाने के बजाय, कोर्ट में अखिलेश और उनके परिजन अपना पक्ष रखें। - भूधर नारायण मिश्रा, पूर्व विधायक
मुझे और मेरे बच्चों की सुरक्षा के लिए सिर्फ एक पुलिसकर्मी दिया गया है। एक पुलिसकर्मी 24 घंटे परिवार की सुरक्षा नहीं कर सकता। मैंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, राज्यपाल, ब्रजेश पाठक और महिला आयोग को मेल व ट्वीट कर मांगी है इच्छामृत्यु। - प्रज्ञा त्रिवेदी, पीड़िता
अखिलेश ने मुझे बदनाम किया। मैं खून के आंसू रोया। अखिलेश की शिकायत जब मुख्यमंत्री से की थी उस समय रघुवीर लाल उनके साथ ही थे। कानपुर में चार्ज संभालने पर जब मैं पुलिस कमिश्रर से मिलने गया तो उन्होंने आवाज उठाने के लिए मेरी हौसलाअफजाई की। - रवि सतीजा, भाजपा नेता
अखिलेश ने सरकारी पार्कों पर कब्जा कर रखा है। केडीए और नगर निगम से कई बार शिकायत की गई लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही। अफसर धन उगाही में जुटे हैं। सबूतों के बावजूद व्यापारी नेता और उसके अधिवक्ता पुत्र पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। - आशीष शुक्ला, अधिवक्ता