Kanpur: गंगा किनारे बनाया जा सकता ड्रोन टेस्टिंग कॉरिडोर, IIT में हुई बैठक में विशेषज्ञों ने DPR पर की चर्चा
Kanpur News: बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश सरकार के सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सुनील शर्मा के साथ होली के बाद एक उच्च स्तरीय बैठक आईआईटी में आयोजित की जाएगी। इसमें आईटी हब के लिए जमीन और बजट पर चर्चा की जाएगी।
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कानपुर महानगर में आईटी हब विकसित करने के संबंध में मंगलवार को आईआईटी में विशेषज्ञों की पहली बैठक आयोजित की गई। इसमें आईटी हब के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने पर चर्चा की गई। डीपीआर आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञ तैयार कर रहे हैं। वहीं, गंगा किनारे ड्रोन टेस्टिंग कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव तैयार करने की बात भी कही गई।
बैठक में एयरोस्पेस विभाग के प्रोफेसर व ड्रोन यूपी डिपार्टमेंट ऑफ आईटी इलेक्ट्रानिक्स के सीईओ प्रोफेसर अभिषेक ने महानगर में ड्रोन टेस्टिंग के लिए कॉरिडोर बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि कॉरिडोर के लिए पांच किलोमीटर खुली जगह होनी चाहिए। इस पर भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल ने सुझाव दिया कि गंगा नदी के किनारे-किनारे ड्रोन टेस्टिंग कॉरिडोर बनाया जा सकता है।
डीपीआर में सम्मिलित करने पर भी सहमति बनी
बैठक में तय किया गया कि 20-25 किमी का ड्रोन टेस्टिंग कॉरिडोर विकसित किया जाएगा। सुझाव दिया गया कि इस संबंध में नीति बनाकर प्रदेश सरकार के सहयोग से उन आईटी कंपनियों को वापस बुलाया जाए, जो पहले कानपुर में थीं पर मूलभूत सुविधाओं के अभाव होने के चलते बंगलूरू और दिल्ली जैसी जगहों पर चली गई हैं। इस सुझाव को डीपीआर में सम्मिलित करने पर भी सहमति बनी।
आईटी हब के लिए जमीन और बजट पर चर्चा
बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश सरकार के सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सुनील शर्मा के साथ होली के बाद एक उच्च स्तरीय बैठक आईआईटी में आयोजित की जाएगी। इसमें आईटी हब के लिए जमीन और बजट पर चर्चा की जाएगी। इस दौरान आईआईटी कानपुर के प्रो. अंकुश शर्मा ने संस्थान के सभी फैकल्टी सदस्यों की ओर से अभी तक तैयार की गई डीपीआर के विभिन्न बिंदुओं का एक पत्र बैठक में उपस्थित पदाधिकारियों को सौंपा। सभी ने फैकल्टी के प्रयास की सराहना की।
आईआईटी सस्ते दामों पर उपलब्ध कराएगा ड्रोन
ड्रोन यूपी डिपार्टमेंट ऑफ आईटी इलेक्ट्रानिक्स के तहत आईआईटी परिसर में स्थापित टेक्नोपार्क में ड्रोन बनाने और युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए कार्य चल रहा है। इसे जल्द और बेहतर किया जाएगा। प्राइवेट कंपनियों की ओर से अभी तक ड्रोन महंगे दामों पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उनके उपकरण विदेशों से मंगाकर असेंबल करने पड़ते हैं, इससे इनके दाम बढ़ जाते हैं। आईटी हब बनने के बाद उपकरणों को यहीं पर बनाया जा सकेगा, ऐसे में ड्रोन भी सस्ते दाम पर उपलब्ध हो सकेंगे। सबसे पहले चिकित्सा और कृषि क्षेत्र के लिए सस्ते ड्रोन विकसित किए जाएंगे।
ड्रोन के प्रशिक्षण के लिए हाईस्कूल पास होना जरूरी
आईटी हब में ड्रोन और रोबोट निर्माण के प्रशिक्षण के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी। इसमें युवाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें बेहतर रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में काम किया जाएगा। प्रोफेसर अभिषेक ने बताया कि ड्रोन के प्रशिक्षण के लिए योग्यता हाईस्कूल रखी गई है ताकि प्रशिक्षणार्थी शुरुआत से ही ठीक से सीख और समझ सकें। उन्होंने कहा कि ड्रोन के संचालन के अलावा रखरखाव और खराबी को दूर करने के संबंध में भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
सोलर पैनल की तरह ड्रोन का प्रयोग भी हो अनिवार्य
प्रोफेसर अभिषेक ने बताया कि आईटी हब स्थापित करने के लिए सबसे पहले कंपनियों को आगे आना होगा। साथ ही सोलर पैनल की तरह सरकार की ओर से जितने भी सरकारी संस्थान हैं, उनमें ड्रोन की उपयोगिता के हिसाब से प्रयोग को अनिवार्य भी करना होगा। यह इसलिए जरूरी है क्योंकि जब कंपनियां ड्रोन का निर्माण शुरू करें तो उन्हें बाजार की कमी न होने पाए।