{"_id":"6735f283aedde9a45901a4c0","slug":"effect-of-fog-was-visible-26-trains-including-tejas-swarn-shatabdi-shramik-shakti-were-late-2024-11-14","type":"story","status":"publish","title_hn":"Kanpur: कोहरे के असर ने 26 ट्रेनों की रफ्तार में लगाया ब्रेक, ज्यादातर ट्रेनें 50 किलोमीटर की गति से चलीं","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Kanpur: कोहरे के असर ने 26 ट्रेनों की रफ्तार में लगाया ब्रेक, ज्यादातर ट्रेनें 50 किलोमीटर की गति से चलीं
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: शिखा पांडेय
Updated Thu, 14 Nov 2024 06:24 PM IST
सार
Kanpur News: धुंध के चलते तेजस, स्वर्ण शताब्दी, श्रमशक्ति समेत 26 ट्रेनें लेट रहीं। दृश्यता कम होने की वजह से ट्रेनें 50 किलोमीटर की गति से चलीं।
विज्ञापन
सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : सोशल मीडिया
विज्ञापन
विस्तार
ट्रेनों की दृश्यता बढ़ाने की तमाम कोशिशों के बीच सीजन की पहली ही धुंध का ट्रेनों के संचालन पर भारी असर पड़ा। गुरुवार की सुबह वाराणसी-दिल्ली वंदे भारत, भुवनेश्वर दुरंतो, शताब्दी और स्वर्ण शताब्दी जैसी प्रीमियम ट्रेनों के अलावा पूर्वाेत्तर संपर्क क्रांति, श्रमशक्ति समेत 26 ट्रेनें कई घंटे की देरी से सेंट्रल स्टेशन पर पहुंची। कुछ ट्रेनें सात से आठ घंटे लेट रहीं।
Trending Videos
उनकी स्थिति जानने के लिए यात्री परेशान रहे। कभी पूछताछ केंद्र तो कभी रेलवे के एप से ट्रेनों की जानकारी जुटाई। कई यात्री तो यात्रा रद कराकर दूसरी ट्रेनों से अपने गंतव्य के लिए रवाना हुए। श्रमशक्ति सात घंटे 37 मिनट की देरी से सेंट्रल स्टेशन आई। दरअसल, दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा और पंजाब में पिछले तीन दिन से धुंध का असर ट्रेनों के संचालन पर पड़ रहा था। लेकिन कानपुर से आगे के क्षेत्रों में दृश्यता होने की वजह से ट्रेनें समय कवर कर ले रही थीं। हालांकि अब ठंड व धुंध बढ़ने के चलते कानपुर में भी संचालन पर असर पड़ रहा है।
विज्ञापन
विज्ञापन
विशेषज्ञ इसके पीछे मौसम में ठंड बढ़ना और वायु प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी को वजह मान रहे हैं। इसी का असर गुरुवार की सुबह चार बजे कानपुर और आसपास के शहरों में रहा। दिल्ली की ओर से प्रयागराज व पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन की ओर जाने और हावड़ा की ओर से दिल्ली के लिए जाने वाली ट्रेनें धुंध के असर से प्रभावित हो गईं। कम दृश्यता की वजह से ट्रेनों की रफ्तार कम रही। 50 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से सेंट्रल स्टेशन आईं और रवाना हुईं।
यह ट्रेनें कई घंटे देरी से आईं और गईं
पटना साबरमती स्पेशल 10 घंटे,झांसी लखनऊ चारबाग स्पेशल साढ़े आठ घंटे, श्रमशक्ति 7.37 घंटे, फरक्का एक्सप्रेस 6.45 घंटे, बरौनी नई दिल्ली साढ़े छह घंटे, दरभंगा 5.45 घंटे, ब्रह्मपुत्र एक्सप्रेस पांच घंटे, कालिंदी एक्सप्रेस 4.17 घंटे, अहमदाबाद गोरखपुर 4.20 घंटे, ऊंचाहार एक्सप्रेस, जोगबनी साढ़े तीन घंटे, शताब्दी सवा तीन घंटे, स्वर्ण शताब्दी 3.10 घंटे, भुवनेश्वर दुरंतो 3.35 घंटे, सियालदह राजधानी 2.05 घंटे देरी से गईं।