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Kanpur News: नए बाजार तलाशने में सरकार करे मदद
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कानपुर। अमेरिका के टैरिफ संकट से उबारने के लिए फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशन (फियो) ने सरकार से निर्यातकों के लिए कार्यशील पूंजी और निर्यात ऋण सहायता को बढ़ाने के साथ ही निर्यात के लिए नए-नए बाजार तलाशने में मदद की मांग की है।
फियो के संयोजक आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री से मुलाकात की। 50 प्रतिशत टैरिफ के कारण निर्यातकों के सामने आने वाली चुनौतियों की जानकारी दी। वित्तमंत्री से मौजूदा चुनौतियों को दूर करने, निर्यात बाजारों में विविधता लाने और वैश्विक व्यापार में भारत की स्थिति को और मजबूत करने के लिए सरकार से मदद मांगी है। विशेष रूप से बाजार पहुंच, प्रतिस्पर्धा और रोजगार सृजन पर उच्च टैरिफ के प्रतिकूल प्रभाव पर प्रकाश डाला।
आलोक ने बताया कि कानपुर से अमेरिका को सालाना 1800-2000 करोड़ का निर्यात किया जाता था। 50 प्रतिशत टैरिफ लगने से निर्यात शून्य के स्तर पर आ गया है। चीन, वियतनाम, कंबोडिया के मुकाबले अमेरिका का टैरिफ अधिक है। इससे इन देशों के उत्पादों की मांग बढ़ने की संभावना है। अमेरिका के टैरिफ संकट को कम करने के लिए पीएलआई योजनाओं का विस्तार करने, बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और यूरोपीय संघ, ओमान, चिली, पेरू, अफ्रीका और अन्य लैटिन अमेरिकी देशों के साथ व्यापार समझौतों (एफटीए) पर जोर दिया गया है। इससे शुरुआती नुकसान की भरपाई करने में मदद मिल सकेगी। उन्होंने बताया कि वित्तमंत्री से एक वर्ष की अवधि तक के ऋण के लिए मूलधन और ब्याज के भुगतान का स्थगन करने की भी बता कही गई। इसके अतिरिक्त ईसीएलजीएस लाइनों पर मुक्त ऋण के साथ-साथ मौजूदा सीमा में 30 प्रतिशत की वृद्धि को भी आगे बढ़ाने की मांग रखी गई है।
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फियो के संयोजक आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री से मुलाकात की। 50 प्रतिशत टैरिफ के कारण निर्यातकों के सामने आने वाली चुनौतियों की जानकारी दी। वित्तमंत्री से मौजूदा चुनौतियों को दूर करने, निर्यात बाजारों में विविधता लाने और वैश्विक व्यापार में भारत की स्थिति को और मजबूत करने के लिए सरकार से मदद मांगी है। विशेष रूप से बाजार पहुंच, प्रतिस्पर्धा और रोजगार सृजन पर उच्च टैरिफ के प्रतिकूल प्रभाव पर प्रकाश डाला।
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आलोक ने बताया कि कानपुर से अमेरिका को सालाना 1800-2000 करोड़ का निर्यात किया जाता था। 50 प्रतिशत टैरिफ लगने से निर्यात शून्य के स्तर पर आ गया है। चीन, वियतनाम, कंबोडिया के मुकाबले अमेरिका का टैरिफ अधिक है। इससे इन देशों के उत्पादों की मांग बढ़ने की संभावना है। अमेरिका के टैरिफ संकट को कम करने के लिए पीएलआई योजनाओं का विस्तार करने, बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और यूरोपीय संघ, ओमान, चिली, पेरू, अफ्रीका और अन्य लैटिन अमेरिकी देशों के साथ व्यापार समझौतों (एफटीए) पर जोर दिया गया है। इससे शुरुआती नुकसान की भरपाई करने में मदद मिल सकेगी। उन्होंने बताया कि वित्तमंत्री से एक वर्ष की अवधि तक के ऋण के लिए मूलधन और ब्याज के भुगतान का स्थगन करने की भी बता कही गई। इसके अतिरिक्त ईसीएलजीएस लाइनों पर मुक्त ऋण के साथ-साथ मौजूदा सीमा में 30 प्रतिशत की वृद्धि को भी आगे बढ़ाने की मांग रखी गई है।