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22 साल पुराने हत्याकांड मामले में भाजपा विधायक चंदेल ने किया सरेंडर, 300 समर्थकों पर मुकदमे दर्ज

यूपी डेस्क, अमर उजाला, हमीरपुर Published by: शिखा पांडेय Updated Tue, 14 May 2019 12:08 AM IST
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Hamirpur bjp mla ashok singh chandel reach before court, police arrested
नारेबाजी करते विधायक के समर्थक - फोटो : अमर उजाला
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उम्रकैद की सजा पाए भाजपा के सदर विधायक अशोक सिंह चंदेल समेत पांच दोषियों ने गिरफ्तारी वारंट के अंतिम दिन सोमवार को भारी भीड़ के साथ अदालत में सरेंडर किया, जबकि तीन को गिरफ्तार कर पुलिस कोतवाली लेकर आई। यहां से लिखापढ़ी की औपचारिकता पूरी करने के बाद तीनों का जिला अस्पताल में मेडिकल कराया गया और कोर्ट में पेश कर दिया गया। दो घंटे की अदालती कार्रवाई के बाद सभी आठ अभियुक्तों को जेल भेजा गया। वहीं विधायक को जिला कारागार ले जाने के दौरान भीड़ को आते देख पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा।
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सदर विधायक अशोक चंदेल के सोमवार को सरेंडर करने को लेकर मुख्यालय को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था। सुबह छह बजे से शहर के प्रमुख चौराहों पर फोर्स रही। जिले के साथ बाहरी फोर्स को भी चौराहों पर लगाया गया। पुलिस की गिरफ्तारी से बचकर सीधे अदालत पहुंचने के लिए विधायक ने अपने समर्थकों तक को झटका दिया। समर्थकों के साथ विधायक के बेटे अभय राज सिंह कानपुर-सागर हाईवे से आने पर यमुना पुल पर डट गए। लेकिन विधायक अन्य मुजरिमों के साथ कानपुर-मूसानगर के यमुना पुल से कुरारा होते हुए 11 बजे अदालत परिसर पहुंचे। विधायक चंदेल के साथ रघुवीर सिंह उनके पुत्र आशुतोष सिंह भी थे। 
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तीन सौ लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया है

विधायक के अदालत परिसर पहुंचते ही समर्थकों ने उनकी गाड़ी को घेर लिया और नारेबाजी शुरू कर दी। विधायक के साथ समर्थकों की भीड़ भी परिसर में पहुंच गई। यहां सबसे पहले नसीम खां, इसके बाद भानसिंह ने कोर्ट नंबर दो में आत्मसमर्पण किया। जबकि उत्तम सिंह, प्रदीप सिंह व साहब सिंह को कोतवाल केपी सिंह ने यमुना पुल के पास गिरफ्तार कर लिया। कोतवाल ने बताया तीनों अभियुक्तों को गिरफ्तार करने के बाद कोतवाली ले जाया गया। जहां दाखिला करने के बाद जिला अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराया और फिर तीनों को अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
 


विधायक के सरेंडर करने की सूचना पर उनके समर्थकों की भीड़ मुख्यालय में एकत्र हुई। जिसके चलते समर्थकों ने तहसील तिराहा व पोस्टमार्टम हाउस में लगे बैरियर पर हंगामा कर हुजूम बनाकर चलने से निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया। मामले में कोतवाल केपी सिंह ने दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज करा करीब तीन सौ लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया है।

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