Hamirpur: लोकेशन गिरोह पर शिकंजा डीएम-एसपी के निर्देश पर रातभर कार्रवाई, 23 नामजद पर एफआईआर, दो हिरासत में
Hamirpur News: अमर उजाला द्वारा ओवरलोडिंग पर लगातार रिपोर्टिंग के बाद हमीरपुर में डीएम घनश्याम मीणा और एसपी दीक्षा शर्मा के निर्देश पर पुलिस, खनन और परिवहन विभाग ने कार्रवाई की है। इसके तहत सरकारी टीमों की लोकेशन व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए ट्रैक कर अवैध खनन में मदद करने वाले 23 लोगों के लोकेशन गिरोह पर गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की है और दो लोगों को हिरासत में लिया गया है।
विस्तार
हमीरपुर में ओवरलोडिंग और अवैध खनन को लेकर अमर उजाला द्वारा 14 नवंबर के अंक में प्रकाशित रिपोर्टों के बाद जिले में सक्रिय लोकेशन गिरोह का बड़ा खुलासा हुआ है। 14 नवंबर की रिपोर्ट में पहली बार यह सामने आया था कि कुछ लोग सरकारी प्रवर्तन टीमों की मूवमेंट को ट्रैक कर व्हाट्सएप ग्रुप में समय सहित लोकेशन भेज रहे हैं। लगातार तीन दिनों से प्रकाशित खबर से प्रशासन का ध्यान इस नेटवर्क की तरफ खींचा। इसे गंभीर मानते हुए जिलाधिकारी घनश्याम मीणा और पुलिस अधीक्षक दीक्षा शर्मा ने अधिकारियों को लोकेशन गिरोह की गहराई तक जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
निर्देश मिलते ही पुलिस खनन और परिवहन विभाग ने रातभर अभियान चलाया और खनन निरीक्षक उमाकांत की तहरीर पर 23 लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। जांच में सामने आया कि संगठित लोकेटर गिरोह एसडीएम एआरटीओ खान निरीक्षक और राजस्व टीम की गाड़ियों को दूर से ट्रैक कर रहा था। जैसे ही कोई सरकारी वाहन किसी क्षेत्र में पहुंचता ग्रुप में तत्काल संदेश भेजा जाता सरीला एसडीएम कदोरा पार कर चुके हैं हमीरपुर एआरटीओ राठ तिराहे की तरफ बढ़ रहे हैं चिकासी नहर पर पीटीओ दिखाई दिया।
न्यू नरायच ट्रांसपोर्ट नाम का व्हाट्सएप ग्रुप मिला
इन संदेशों के आधार पर ओवरलोड ट्रक ग्रामीण मार्गों या खेतों के रास्ते में छुपा दिए जाते थे जिससे कार्रवाई के दौरान टीम को बार–बार खाली स्थान मिलता था। लगातार कई दिनों तक ऐसे ही घटनाक्रम के बाद प्रशासन को शक हुआ कि सरकारी टीम की लोकेशन किसी को पहले से मिल रही है। जिलाधिकारी और एसपी द्वारा तकनीकी जांच के आदेश दिए जाने पर जब अवैध परिवहन में शामिल चालकों के मोबाइल फोन खंगाले गए तो न्यू नरायच ट्रांसपोर्ट नाम का व्हाट्सएप ग्रुप मिला, जिसमें 200 से अधिक लोग जुड़े थे।
अचानक रास्ते से गायब हो जाती थीं गाड़ियां
इसी ग्रुप से लोकेशन भेजी जा रही थी। कई ऑडियो और स्क्रीनशॉट में सरकारी टीम की सही लोकेशन दिशा और समय दर्ज मिला है। विभाग ने इस नेटवर्क को सरकारी कार्य में बाधा और राजस्व हानि का बड़ा कारण माना।ऐसे ग्रुपों पर अमर सिंह उजाला ने 14 तारीख को प्रकाशित खबर में ही बड़ा खुलासा कर चुका था।इसके चार दिन बाद ही प्रसासन ने चालकों के मोबाइल के जरिये व्हाट्सएप ग्रुप खंगाले और फिर लोकेटरों को चिन्हित कर कार्रवाई शुरू की। सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी अमिताभ राय ने बताया कि हाल के दिनों में कार्रवाई के दौरान कई बार ऐसा हुआ कि गाड़ियां अचानक रास्ते से गायब हो जाती थीं।
नेटवर्क को पूरी तरह खत्म किया जाएगा
पुलिस ने दो लोगों को पकड़ा है, जिनसे पूछताछ चल रही है। उन्होंने बताया कि चालकों के मोबाइल में मिले व्हाट्सएप ग्रुप के आधार पर लोकेटरों तक पहुंचे और नियमित लोकेशन भेजने वालों की पुष्टि खनन विभाग से भी हुई, जिसके बाद मुकदमा दर्ज कराया गया। खनन निरीक्षक उमाकांत द्वारा 23 लोगों को नामजद किया गया है। इन सभी पर भारतीय न्याय संहिता की धाराओं में मामला दर्ज हुआ है। जिलाधिकारी घनश्याम मीणा ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि ऐसे नेटवर्क को पूरी तरह खत्म किया जाए और ओवरलोडिंग के खिलाफ विशेष अभियान लगातार चलाया जाए। पुलिस अधीक्षक दीक्षा शर्मा ने साइबर जांच मोबाइल डाटा एनॉलिसिस और व्हाट्सएप ग्रुप की तकनीकी जांच के आदेश दिए हैं।