नहीं पसंद प्रत्याशी ताे वाेट की चाेट की जगह करें नाेटा
अगर मतदाता को दिये गये चुनाव चिन्ह या उनके उम्मीदवार में से कोई भी पद के लिए उपयुक्त नहीं लग रहा हैं तो वह नाेटा पर निशान लगा सकता हैं।
वर्ष 2013 में चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के जरिये इस नाेटा चिन्ह को चुनाव में जगह दिलवाई थी। 27 सितम्बर 2013 को दिए गए अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि नकारात्मक वोट भी (अनुच्छेद 19-1 ए ) के अन्तर्गत अभिव्यक्ति की आजादी का संवधानिक अधिकार है।
अन्य चुनाव चिन्ह की तरह नाेटा का चिन्ह भी सभी इवीएम मशीन में सबसे निचे अंकित किये जायेंगे | इससे मतदाता को चुनाव बहिष्कार करने की सुविधा मिलेगी | अगर कोई मतदाता किसी भी कैंडिडेट से खुश नहीं हैं तो नाेटा आप्शन के जरिये इसे बता सकता हैं | इसके जरिये मतदाता बिना किसी परेशानी एवम डर के चुनाव का बहिष्कार कर सकेगा।
नाेटा का चिन्ह नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन अहमदाबाद द्वारा बनाया गया हैं | 16वें लोकसभा चुनाव में 60 लाख मतदाताओं ने नोटा का प्रयोग किया था। नोटा का सबसे अधिक प्रयोग पुदुचेरी में किया गया था।
यह चुनाव बहिष्कार का एक तरीका है। इस विकल्प का प्रयोग कर सभी राजनितिक दलों को चुनाव में ईमानदार और स्वच्छ छवि के उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के लिए मजबूर किया जा सकता है।