घाटमपुर में भीतरगांव विकास खंड क्षेत्र के एकीकृत उच्च प्राथमिक विद्यालय सरसी में मिड-डे मील खाने के बाद करीब 50 बच्चों की हालत बिगड़ गई। एक छात्रा को उल्टी शुरू हुई तो स्कूल में अफरातफरी मच गई। आननफानन में चार एंबुलेंस विद्यालय भेजी गईं और बच्चों को भीतरगांव सीएचसी लाया गया।
सिर और पेट दर्द की शिकायत पर दो छात्राओं में ड्रिप चढ़ाई गई। हालत स्थिर होने पर सभी बच्चों को घर भेज दिया गया। ग्रामीणों ने विषाक्त भोजन होने का आरोप लगाया, जबकि विद्यालय प्रबंधन का कहना है कि भोजन में छिपकली के सिर जैसी कोई चीज देखी गई है।
स्कूल की प्रधानाध्यापिका शमीम खातून ने बताया कि भोजन में आलू-सोयाबीन की सब्जी बनी थी। पूर्वाह्न करीब 11 बजे बच्चे भोजन खा रहे थे, तभी कक्षा छह की छात्रा अंशिका की थाली में छिपकली के सिर जैसी कोई चीज दिखी।
इसी बीच भोजन में छिपकली पक जाने की बात बच्चों में फैलने से अफरातफरी मच गई। छात्रा अंशिका को उल्टी शुरू हो गई, जबकि गुड़िया के पेट में दर्द होने लगा। धीरे-धीरे करके अन्य बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी। कक्षा एक से लेकर आठ तक के 50 छात्र-छात्राओं का सीएचसी लाकर उपचार किया गया।
अंशिका और गुड़िया को ड्रिप चढ़ाई गई। देर शाम बीएसए डॉ. पवन तिवारी ने दोनों छात्राओं के घर जाकर उनका हालचाल जाना और भोजन से संबंधित जानकारी ली। इधर ग्रामीणों के आरोपों के बाद फेंके गए भोजन व रसोई में बचे भोजन का सैंपल लिया गया है।
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घाटमपुर में भीतरगांव विकास खंड क्षेत्र के एकीकृत उच्च प्राथमिक विद्यालय सरसी में मिड-डे मील खाने के बाद करीब 50 बच्चों की हालत बिगड़ गई। एक छात्रा को उल्टी शुरू हुई तो स्कूल में अफरातफरी मच गई। आननफानन में चार एंबुलेंस विद्यालय भेजी गईं और बच्चों को भीतरगांव सीएचसी लाया गया।
सिर और पेट दर्द की शिकायत पर दो छात्राओं में ड्रिप चढ़ाई गई। हालत स्थिर होने पर सभी बच्चों को घर भेज दिया गया। ग्रामीणों ने विषाक्त भोजन होने का आरोप लगाया, जबकि विद्यालय प्रबंधन का कहना है कि भोजन में छिपकली के सिर जैसी कोई चीज देखी गई है।
स्कूल की प्रधानाध्यापिका शमीम खातून ने बताया कि भोजन में आलू-सोयाबीन की सब्जी बनी थी। पूर्वाह्न करीब 11 बजे बच्चे भोजन खा रहे थे, तभी कक्षा छह की छात्रा अंशिका की थाली में छिपकली के सिर जैसी कोई चीज दिखी।
इसी बीच भोजन में छिपकली पक जाने की बात बच्चों में फैलने से अफरातफरी मच गई। छात्रा अंशिका को उल्टी शुरू हो गई, जबकि गुड़िया के पेट में दर्द होने लगा। धीरे-धीरे करके अन्य बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी। कक्षा एक से लेकर आठ तक के 50 छात्र-छात्राओं का सीएचसी लाकर उपचार किया गया।
अंशिका और गुड़िया को ड्रिप चढ़ाई गई। देर शाम बीएसए डॉ. पवन तिवारी ने दोनों छात्राओं के घर जाकर उनका हालचाल जाना और भोजन से संबंधित जानकारी ली। इधर ग्रामीणों के आरोपों के बाद फेंके गए भोजन व रसोई में बचे भोजन का सैंपल लिया गया है।