UP: ब्रह्मानंद कॉलेज में हुई नियुक्तियों में भ्रष्टाचार की जांच के आदेश, प्राचार्य ने कहा- आरोप बेबुनियाद हैं
Kanpur News: बीएनडी महाविद्यालय में नियुक्तियों के नाम पर करोड़ों के भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के आरोपों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दिए हैं। पूर्व कर्मचारी शशांक शुक्ला द्वारा लगाए गए इन गंभीर आरोपों में ऑडियो रिकॉर्डिंग भी सबूत के तौर पर प्रस्तुत की गई है।

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कानपुर में ब्रह्मानंद (बीएनडी) महाविद्यालय में नियुक्तियों के नाम पर करोड़ों के भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के आदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए हैं। कॉलेज के पूर्व अस्थायी कर्मचारी शशांक शुक्ला ने मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजकर प्राचार्य पर लाखों रुपये की रिश्वत लेने का गंभीर आरोप लगाया था। मामले में भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी सुदीप सक्सेना ने भी मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर जांच की मांग की थी।

इस पर प्रमुख सचिव (मुख्यमंत्री) संजय प्रसाद ने प्रमुख सचिव (उच्च शिक्षा) को मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। मामले के शिकायतकर्ता शशांक ने मुख्यमंत्री को भेजे शिकायती पत्र में आरोप लगाया कि कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विवेक द्विवेदी ने उनसे स्थायी नौकरी देने के नाम पर रिश्वत की मांग की थी। रिश्वत देने से इन्कार पर उन्हें सेवा से हटा दिया गया।
15 से 32 लाख तक लेकर की जा रही हैं नियुक्तियां
उनकी जगह अन्य व्यक्तियों की नियुक्ति की गई। उन्होंने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि जब ये नियुक्तियां की गईं, उस समय कॉलेज प्रबंध समिति का अनुमोदन समाप्त हो चुका था। इसके बावजूद नियमों की अनदेखी करते हुए नियुक्तियां जारी रहीं। शशांक ने अपने पत्र में आरोप लगाया कि कॉलेज में 15 से 32 लाख रुपये तक लेकर नियुक्तियां की जा रही हैं।
न्याय न मिलने पर मांगी थी इच्छामृत्यु की अनुमति
प्राचार्य के परिजन व करीबी लोग ही इन पदों पर नियुक्त किए गए हैं। शशांक ने प्राचार्य की कथित बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी प्रस्तुत की जिसमें नियुक्तियों के रेट और कथित लेन-देन का उल्लेख बताया गया है। रिकॉर्डिंग में कानपुर से लेकर प्रयागराज तक के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों व अन्य के नाम भी संदर्भित किए गए हैं। उन्होंने न्याय न मिलने पर इच्छामृत्यु की अनुमति तक मांगी थी।
प्राचार्य बोले- आरोप बेबुनियाद हैं
शशांक के पत्र के समर्थन में सुदीप सक्सेना ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। इसमें शशांक और उनके परिजनों को पार्टी से जुड़ा बताते हुए विश्वविद्यालय में हुए भ्रष्टाचार की जांच कराने का अनुरोध किया था। वहीं बीएनडी प्राचार्य प्रो. विवेक द्विवेदी ने कहा कि आरोप बेबुनियाद हैं। वह किसी भी जांच के लिए तैयार हैं।