Kanpur: पटाखों से 10 गुना बढ़ा प्रदूषण, दमा और हार्ट अटैक के मरीजों की बढ़ी संख्या, विशेषज्ञों ने कही ये बात
Kanpur News: शहर में दीपावली की रात पटाखों के धुएं से एक्यूआई 10 गुना बढ़कर 525 पहुंच गया, जिससे हृदय, अस्थमा और दमा के रोगियों की हालत बिगड़ गई। प्रदूषण के कारण कार्डियोलॉजी में हृदय रोगियों की भर्ती भी हुई।

विस्तार
कानपुर में दिवाली पर पटाखों के धुएं से शहर में प्रदूषण 10 गुना बढ़ गया। सोमवार रात तीन बजे एयर क्वालिटी इंडेक्शन (एक्यूआई) 525 दर्ज किया गया जो सामान्य प्रदूषण से 10 गुना से भी अधिक है। प्रदूषण बढ़ने से लोगों की सांस फूल गई। हृदय, अस्थमा, दमा के रोगियों पर प्रदूषण का यह स्तर भारी पड़ गया।

कार्डियोलॉजी में हार्ट के दाएं हिस्से के फेल होने के रोगी भर्ती किए गए। आम लोगों को भी गले में खराबी, सीने में जकड़न दिक्कत हो गई। टूटी सड़कों से उड़ते धूल कण, कचरा जलाने, वाहनों के धुएं की वजह से शहर में आमतौर पर प्रदूषण का स्तर सामान्य एक्यूआई 50 से तीन गुना अधिक रहता है।

बुधवार को 158 रहा एक्यूआई
दीपावली में पटाखों के धुंए से प्रदूषण 10 गुना से भी अधिक हो गया। हल्के बादल छाए रहने की वजह से वायु मंडल पर हल्की चादर तन गई, जिससे धुआं और धूल ऊपर नहीं जा पाई। प्रदूषण खतरे के निशान के ऊपर खतरनाक श्रेणी में चला गया। हालांकि दिवाली के अगले दिन एक्यूआई नीचे आना शुरू हुआ। मंगलवार को 310 और गोवर्धन पूजा के दिन बुधवार को एक्यूआई 158 रहा।

दमा, अस्थमा और सांस रोग हो जाते हैं ट्रिगर
प्रदूषण बढ़ने की वजह से हृदय, डायबिटीज, अस्थमा और दमा के रोगियों की हालत बिगड़ गई। अस्पतालों में रोगी सांस फुलाते हुए पहुंचे। प्रदूषित हवा के कारण गर्भवती महिलाओं को भी सांस फूलने की दिक्कत हुई। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य सीनियर चेस्ट फिजीशियन डॉ. एसके कटियार का कहना है कि प्रदूषण बढ़ने से दमा, अस्थमा और सांस रोग ट्रिगर हो जाते हैं।

बादलों में प्रदूषण को ऊपर जाने से रोका
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय का कहना है कि बादल होने की वजह से प्रदूषण ऊपर नहीं जा पाया और वातावरण में बना रहा। इसका असर तापमान पर भी आता है। एक-दो दिन तक इसका असर अभी बना रहेगा। 24 घंटे में दिन का अधिकतम तापमान एक डिग्री सेल्सियस बढ़ गया। यह सामान्य औसत से 1.7 डिग्री अधिक रहा।