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Kanpur: फर्जी दस्तावेज से लिया ठेका…माया बिल्डर होगी ब्लैकलिस्टेड, तत्कालीन अफसरों पर भी गिर सकती है गाज

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर Published by: हिमांशु अवस्थी Updated Tue, 25 Nov 2025 11:09 AM IST
सार

Kanpur News: केडीए ने फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र के आधार पर 10 करोड़ का ठेका हथियाने वाली फर्म माया बिल्डर्स को ब्लैकलिस्टेड करने की संस्तुति कर दी है। इसके प्रोपराइटर अश्वनी त्रिपाठी पर कार्रवाई होगी और तत्कालीन केडीए अफसरों पर भी गाज गिर सकती है।

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Kanpur Contract obtained with fake documents Maya Builder will be blacklisted officers may also face action
शताब्दी नगर योजना कानपुर - फोटो : amar ujala
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विस्तार
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कानपुर में केडीए ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 10 करोड़ का ठेका हथियाकर शताब्दीनगर योजना के किफायती घरों में फायर फाइटिंग सिस्टम लगाने वाली फर्म माया बिल्डर्स को ब्लैकलिस्टेड करने की संस्तुति कर दी है। शासन ने फर्म के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं। विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष मदन सिंह गर्ब्याल ने बताया कि माया बिल्डर्स को ब्लैकलिस्टेड करने का आदेश तैयार हो गया है। 25 नवंबर को कार्रवाई की जाएगी।

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माया बिल्डर के प्रोपराइटर अश्वनी त्रिपाठी पर आरोप था कि उसने फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र के आधार पर अभियंताओं की मिलीभगत से यह ठेका हथियाया, जबकि उसने इससे पहले इस तरह का कार्य नहीं किया था। केडीए ने 20 अगस्त 2020 को जवाहरनगर स्थित एफोडेबिल आवासों और शताब्दीनगर आवासीय योजना में फायर फाइटिंग सिस्टम लगाने के लिए टेंडर जारी किए थे। पनकी निवासी दिनेश सिंह ने शासन में शिकायत की थी।

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मिलीभगत के चलते जारी कर दिया कार्यादेश
उनके अनुसार इस कार्य को करने के लिए एकता इलेक्टि्रकल्स, कृष्णा रेफ्रिजरेशन, हर्ष कंस्ट्रक्शन, माया बिल्डर्स, रॉयल मेरीडियन, सुकाई इंजीनियर्स, यूपी डेवलपर्स एंड कंस्ट्रक्शन आदि फर्म ने टेंडर डाले। आरोप है कि केडीए अभियंत्रण विभाग ने माया बिल्डर्स के प्रमुख अश्वनी तिवारी से मिलीभगत के चलते उसे ही यह कार्य करने के लिए कार्यादेश जारी कर दिया, जबकि माया बिल्डर्स ने फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र लगाया था, लेकिन उसकी जांच भी नहीं कराई गई।

तत्कालीन अफसरों पर भी गिर सकती है गाज
अन्य पात्र फर्मों को रिजेक्ट कर दिया गया। आरोप यह हैं कि माया बिल्डर्स ने इससे पहले फायर फाइटिंग संयंत्र लगाने का कार्य नहीं किया था। उसी समय केडीए अफसरों से शिकायत की गई पर लीपापोती कर दी गई। इसके बाद शासन में शिकायत की। शासन के आदेश पर मंडलायुक्त की देखरेख में मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन ने इस मामले की जांच की। जांच में गड़बड़ी की पुष्टि हुई। बीते माह रिपोर्ट शासन को भेजी गई। शासन ने कार्रवाई के लिए केडीए उपाध्यक्ष मदन सिंह गर्ब्याल को रविवार को पत्र लिखा था। इसके बाद कार्रवाई शुरू हुई। प्राधिकरण में चर्चा होती रही कि माया बिल्डर को फायर फाइटिंग सिस्टम जैसा महत्वपूर्ण कार्य सौंपने वाले तत्कालीन अफसरों पर भी गाज गिर सकती है।

जनप्रतिनिधि से निकटता, पीडब्ल्यूडी में भी कर रहा ठेकेदारी
केडीए में चर्चा है कि माया बिल्डर्स के प्रमुख अश्वनी त्रिपाठी की एक जनप्रतिनिधि से निकटता है। इसके चलते उसे कई ठेके मिले। उसे पीडब्ल्यूडी में भी यशोदानगर बाईपास से पशुपतिनगर तिराहे तक सड़क चौड़ीकरण कार्य का ठेका आठ महीने पहले मिला। उसने बरसात का मौसम शुरू होने से पहले यह कार्य भी शुरू कराया पर कार्य अभी भी अधूरा है। तीन साल पहले उसे सिग्नेचर ग्रींस में सफाई, सुरक्षा आदि का भी ठेका मिला था पर तय समय बीतने के बावजूद यही ठेकेदार वहां कार्य करा रहा है। इस योजना के आवंटी वहां गंदगी, आवारा कुत्तों के आतंक सहित कई समस्याएं की शिकायत केडीए अफसरों से कर चुके हैं।

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