Kanpur: निवेश के नाम पर तीन डॉक्टरों से साढ़े पांच करोड़ की ठगी, फर्जी एप डाउनलोड कराकर किया खेल, पढ़ें मामला
Kanpur News: शहर के कई और डॉक्टरों के साथ ठगी की आशंका है। पैथोलॉजिस्ट के साथ के दोनों डॉक्टरों का कहना है कि उनके पास बाद में लिंक आया था। पहले पैथोलॉजिस्ट के बाद लिंक भेजा गया था। ऐसे में आशंका है कि कई और डॉक्टरों के पास लिंक गया होगा। यह काफी बड़ा गिरोह लग रहा है। उन्होंने असली एप के जैसा ही हूबहू फर्जी एप बनाया था।
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कानपुर में शेयर मार्केट में निवेश कराने के नाम पर शहर के तीन डॉक्टरों से साढ़े पांच करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। साइबर अपराधियों ने नामी शेयर ट्रेडिंग के नाम से फर्जी एप डाउनलोड कराकर खेल किया है। करीब तीन महीने बाद अच्छी खासी राशि जमा हो जाने के बाद ठगों ने एप बंद कर लिया। क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने प्राथमिकी दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
अगस्त में स्वरूपनगर के पैथोलॉजिस्ट के मोबाइल पर नामी शेयर ट्रेडिंग कंपनी का एक मैसेज व लिंक आया। उसमें कई कंपनियों के शेयरों के दाम और अन्य सूचनाएं थीं। उस लिंक को खोलते ही मोबाइल में कंपनी के नाम का एप डाउनलोड हो गया। उसमें कई तरह की सूचनाएं और शेयरों की जानकारियां आने लगीं। पैथोलॉजिस्ट से कुछ सूचनाएं मांगी गईं जिसको अपलोड करते ही एप चालू हो गया।
मुनाफे की रकम एप से जुड़े खाते में दिखाई देती थी
उन्होंने शुरुआत में कुछ शेयर खरीदे, जिसकी वैल्यू हफ्ते भर में बढ़ती चली गई। इसके बाद और शेयर खरीदे। इसी तरह का मैसेज उनके दो अन्य डॉक्टर साथियों के पास भी आया। उन्होंने पैथोलॉजिस्ट से बातचीत कर निवेश कर दिया। यह सिलसिला लगभग तीन महीने तक चलता रहा। इस दौरान तीनों डॉक्टरों ने कई बार शेयर बेचे और नए की खरीदारी की। उनको मुनाफे की रकम एप से जुड़े खाते में दिखाई देती थी। तीनों डॉक्टरों ने निवेश जारी रखा।
साइबर सेल में अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कराई
अचानक नवंबर के दूसरे हफ्ते में एप ने कार्य करना बंद कर दिया। उनके शेयर और जमा रकम नजर नहीं आ रही थी। उन्होंने जिस नाम से एप बनाया गया था उस कंपनी से संपर्क किया। कॉल करते ही डॉक्टरों के होश उड़ गए। असली कंपनी ने किसी भी तरह के निवेश से इन्कार कर दिया। आनन फानन डॉक्टरों ने साइबर क्राइम टीम से संपर्क किया जिससे उनको ठगी की जानकारी हुई। पैथोलॉजिस्ट और अन्य दोनों डॉक्टरों की ओर से साइबर सेल में अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
कई और डॉक्टरों के साथ ठगी की आशंका
शहर के कई और डॉक्टरों के साथ ठगी की आशंका है। पैथोलॉजिस्ट के साथ के दोनों डॉक्टरों का कहना है कि उनके पास बाद में लिंक आया था। पहले पैथोलॉजिस्ट के बाद लिंक भेजा गया था। ऐसे में आशंका है कि कई और डॉक्टरों के पास लिंक गया होगा। यह काफी बड़ा गिरोह लग रहा है। उन्होंने असली एप के जैसा ही हूबहू फर्जी एप बनाया था।
साइबर ठगी के मामले बढ़े हैं। ऐसे में डॉक्टरों को सतर्क रहने की जरूरत है। मुनाफे के चक्कर में अनधिकृत प्लेटफार्म के माध्यम से निवेश न करें। साइबर अपराध होने पर साइबर सेल में शिकायत करें। तीनों डॉक्टरों के मामले में पुलिस को आरोपियों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। -डॉ. शालिनी मोहन, सचिव आईएमए कानपुर