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Kanpur: आवास विकास के अवैध निर्माणों पर पूर्व सैनिक करेंगे कार्रवाई, एक नवंबर से शुरू करेगा काम…ये है वजह

आदर्श त्रिपाठी, अमर उजाला, कानपुर Published by: हिमांशु अवस्थी Updated Thu, 30 Oct 2025 12:08 PM IST
सार

Kanpur News: कानपुर आवास विकास परिषद ने अपनी योजनाओं में अवैध निर्माणों पर सीलिंग और ध्वस्तीकरण की सख्त कार्रवाई करने के लिए पहली बार पूर्व सैनिकों का नौ सदस्यीय प्रवर्तन दस्ता गठित किया है। यह दस्ता एक नवंबर से काम शुरू करेगा, क्योंकि पहले अभियंताओं की सांठगांठ और पुलिस फोर्स न मिलने के कारण कार्रवाई नहीं हो पाती थी।

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Kanpur Exservicemen will take action against illegal constructions of Housing Development
आवास विकास परिषद, कानपुर - फोटो : amar ujala
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विस्तार
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कानपुर में आवास विकास परिषद अपनी योजनाओं में हुए अवैध निर्माणों पर सीलिंग और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करेगा। इसके लिए परिषद में पहली बार पूर्व सैनिकों का नौ सदस्यीय प्रवर्तन दस्ता गठित किया गया है। यह दस्ता एक नवंबर से काम शुरू कर देगा। प्रवर्तन दस्ता न होने के कारण परिषद के अधिकारी पुलिस फोर्स मिलने के इंतजार में कार्रवाई नहीं कर पाते थे। अपनी कॉलोनियों में बढ़ते अवैध निर्माणों को रोकने के लिए परिषद लगातार प्रयास कर रहा था।


हालांकि परिषद की पूरी कार्रवाई सिर्फ नोटिस भेजने तक ही सीमित रह जाती थी। परिषद के अभियंताओं से अवैध निर्माण करने वालों और बिल्डरों की मिलीभगत के चलते नोटिस के बाद कोई कार्रवाई नहीं होती थी। इसके चलते परिषद की केशवपुरम, हंसपुरम, अंबेडकरपुरम योजनाओं में अवैध निर्माणों और कब्जों की भरमार है। बीते साल अवैध निर्माणों की लगातार शिकायतें मिलने पर उप आवास आयुक्त आत्मा स्वरूप श्रीवास्तव ने परिषद के अभियंताओं पर इनके खिलाफ कार्रवाई के कड़े निर्देश दिए।

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आठ पूर्व सैनिकों का प्रवर्तन दस्ता बनाया
इस पर अभियंताओं ने शिकायतें झूठी बताईं। उनके खिलाफ आवास आयुक्त से अनावश्यक कार्रवाई का दबाव बनाने की शिकायत भी करा दी। हालांकि आवास आयुक्त ने शिकायतों को दरकिनार करते हुए न केवल कार्रवाई बल्कि प्रवर्तन दस्ता गठित करने की मंजूरी दे दी। उप आवास आयुक्त ने बताया कि अवैध निर्माणों पर कार्रवाई के लिए अक्सर समय पर पुलिस नहीं मिल पाती थी। इसके चलते सेवानिवृत्त कर्नल गुरप्रीत सिंह बेदी के नेतृत्व में परिषद में पहली बार आठ पूर्व सैनिकों का प्रवर्तन दस्ता बनाया गया है। एक नवंबर से प्रवर्तन दस्ता अवैध निर्माणों पर कार्रवाई और निगरानी का काम शुरू कर देगा।

नोटिस के बाद ध्वस्तीकरण का अधिकार
आवास विकास अधिनियम, 1965 में परिषद अधिकारियों को 15 दिन की अवधि का नोटिस के बाद सीधे अवैध निर्माण गिराने का अधिकार है। परिषद ने इस अधिकार का हाल-फिलहाल इस्तेमाल नहीं किया। इसकी सबसे बड़ी वजह अभियंताओं की अवैध निर्माणकर्ताओं से सांठगांठ रही। जब कभी परिषद ने कार्रवाई की तैयारी की तो पुलिस फोर्स भी नहीं मिली। इसकी वजह पुलिस की भी अवैध निर्माण करने वालों से मिलीभगत रही। बीते दिनों क्षेत्र के बिल्डर नेगी से मिलीभगत के चक्कर में एक इंस्पेक्टर निलंबित भी हो चुका है।

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