Kanpur: म्युचुअल फंड कंपनियां चांदी की तेजी के आगे नतमस्तक, सिल्वर ईटीएफ फंड ऑफ फंड्स में लगाई गई अस्थायी रोक
Kanpur News: एम्फी की रिपोर्ट के अनुसार 30 सितंबर 2025 तक देश में कुल निवेश 36,461 करोड़ रुपये का है। केवल सितंबर के महीने में 6,416 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। शहर में अक्तूबर तक कुल निवेश करीब 200 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।

विस्तार
चांदी के भावों में तेजी चल रही है। इसके आगे म्युचुअल फंड कंपनियां भी नतमस्तक हो गई हैं। सिल्वर ईटीएफ फंड ऑफ फंड्स में नए निवेश पर अस्थायी रोक लगा दी गई है। सिल्वर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में कुल 16 निवेश योजनाएं हैं। शहर में अब तक इसमें 200 करोड़ का निवेश भी हो चुका है। वहीं चांदी का भाव मंगलवार को फिर नई ऊंचाई पर पहुंचकर 1,86,000 रुपये किलो हो गया। सोने का भाव प्रति 10 ग्राम 1,30,600 पर पहुंच गया।

तेजी के बीच सराफ पुराना सोना और चांदी खरीदने से बचने लगे हैं। निवेश का संचालन और निगरानी करने वाली एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (एएमसी) ने सर्कुलर जारी किया है। इसमें कहा गया है कि हाल ही में देश में चांदी की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार के मुकाबले काफी ज्यादा बढ़ गई हैं। सितंबर की शुरुआत में यह अंतर (प्रीमियम) केवल 0.5 प्रतिशत था। अब 13 अक्तूबर तक यह 8-10 प्रतिशत तक पहुंच गया है। यह अंतर इसलिए बढ़ा क्योंकि भारतीय बाजार में चांदी की कमी है।
निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए लिया निर्णय
चांदी की कमी आगे भी रहने के आसार हैं। सिल्वर ईटीएफ में नया निवेश करने के लिए कंपनियों को बाजार से चांदी खरीदनी होती है और अभी वह उपलब्ध नहीं है। इसके चलते ईटीएफ मूल कीमत से महंगे बिक रहे हैं। ऐसे समय पर सिल्वर ईटीएफ फंड आफ फंड्स नए निवेश स्वीकार करेगा तो निवेशकों का पैसा बढ़ी हुई कीमत पर चांदी में फंस सकता है। निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए यह निर्णय लिया है। नए निवेश नहीं हो सकेंगे। पुराने निवेशक अपनी यूनिट्स को बेच सकते हैं] उस पर कोई रोक नहीं है।
2022 में आया था पहला ईटीएफ सिल्वर
सिल्वर ईटीएफ में न्यूनतम निवेश 100 यूनिट और अधिकतम कोई सीमा नहीं है। देश में सिल्वर ईटीएफ की शुरुआत के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने नवंबर 2021 में संचालन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे। पहला सिल्वर ईटीएफ 24 जनवरी 2022 को लांच किया गया था।
सिल्वर ईटीएफ में निवेश
एम्फी की रिपोर्ट के अनुसार 30 सितंबर 2025 तक देश में कुल निवेश 36,461 करोड़ रुपये का है। केवल सितंबर के महीने में 6,416 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। शहर में अक्तूबर तक कुल निवेश करीब 200 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
आगे की संभावना
चांदी की आपूर्ति में सुधार होते ही ईटीएफ की कीमतें सामान्य हो सकती हैं। इस स्थिति में नए निवेश फिर से शुरू कर सकते हैं। निवेशकों को फिलहाल शॉर्ट टर्म सट्टेबाज़ी से बचना चाहिए और निवेश निर्णय सोच-समझकर ले लेना चाहिए।
यह रोक अस्थायी है और निवेशकों की सुरक्षा के उद्देश्य से की गई है। चांदी के बाजार में स्थिरता लौटते ही यह फंड दोबारा निवेश के लिए खुल सकता है। इस बीच, निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करनी चाहिए और जल्दबाज़ी में कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए। -राजीव सिंह को फाउंडर, केश्री ब्रोकिंग