Kanpur: तीन डॉक्टरों से 5.70 करोड़ की ठगी का मामला, कंबोडिया के हैकरों ने रची थी साजिश, ऐसे हुआ खुलासा
Kanpur News: कानपुर के तीन डॉक्टरों डॉसे शेयर ट्रेडिंग एप के नाम पर कुल 5.70 करोड़ की ठगी हुई है। साइबर सेल की जांच में पता चला है कि इस ठगी की साजिश कंबोडिया के साइबर अपराधियों ने रची थी।
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कानपुर के तीन डॉक्टरों से शेयर ट्रेडिंग के नाम पर हुई 5.70 करोड़ रुपये की ठगी की साजिश कंबोडिया के साइबर अपराधियों ने रची है। यह जानकारी क्राइम ब्रांच की साइबर सेल को प्रारंभिक जांच से हुई है। डॉक्टरों के मोबाइल में मिले लिंक की पड़ताल में आईपी एड्रेस कंबोडिया का निकला है। साइबर सेल नेशनल साइबर क्राइम रिपार्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) के सहयोग से अन्य जानकारियां जुटा रही हैं।
स्वरूपनगर के पैथोलॉजिस्ट डॉ. प्रवीण सारस्वत के मोबाइल पर अगस्त में नामी शेयर ट्रेडिंग कंपनी का एक मैसेज आया। लिंक पर क्लिक करते ही कंपनी के नाम का एप डाउनलोड हो गया। इसके बाद शेयर खरीदे। इसी तरह का मैसेज डॉ. राजीव रंजन और डॉ. कीर्ति निधि के पास भी आया। उन्होंने पैथोलॉजिस्ट से बातचीत कर निवेश कर दिया। यह सिलसिला लगभग ढाई से तीन महीने तक जारी रहा।
असली कंपनी का किसी भी तरह के निवेश से इन्कार
मुनाफे की रकम एप में दिखाई देती थी। तीनों डॉक्टरों ने नवंबर में रुपये निकालने का प्रयास किया जिस पर उनसे कुल रकम का 30 फीसदी जमा कराने के लिए कहा गया। उन्होंने शेयर मार्केट के विशेषज्ञों से जानकारी की तो उन्होंने उन्हें ठगी होने की जानकारी दी। उन्होंने जिस नाम से एप था उस कंपनी से संपर्क किया। असली कंपनी ने किसी भी तरह के निवेश से इन्कार किया।
आरोपियों की तलाश में जुटी टीम
डॉक्टरों ने क्राइम ब्रांच थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। साइबर सेल के इंस्पेक्टर सतीश यादव ने बताया कि डॉ. प्रवीण सारस्वत से 3.30 करोड़, राजीव रंजन से 1.03 करोड़ और कीर्ति निधि से 1.37 करोड़ रुपये की ठगी हुई है। यह राशि कई बार में निकाली गई है। डॉक्टरों के मोबाइल में मिले लिंक की जांच करने पर उसका आईपी एड्रेस कंबोडिया का मिला है। टीमें आरोपियों की तलाश में जुट गई हैं।
दो हफ्ते पहले ऐसे गिरोह का हुआ था राजफाश
क्राइम ब्रांच के साइबर सेल ने करीब दो हफ्ते पहले जोधपुर से महेंद्र, रामनिवास और दिनेश विश्नोई को गिरफ्तार कर गिरोह का राजफाश किया था। यह कंबोडिया के साइबर ठगों से जुड़े हुए थे। इनका कार्य म्यूल अकाउंट के जरिये ठगी के रुपयों को जमा करना और फिर उसको क्रिप्टो करेंसी में ट्रांसफर करना था। गिरोह का मास्टरमाइंड महेंद्र है। तीनों को कोर्ट में पेश कर जेल भेजा गया था। साइबर सेल की जांच में ऐसे करीब 60 म्यूल अकाउंट की जानकारी हुई थी।