MSME for Bharat: लघु उद्योगों को बढ़ावा देने से सृजित होंगे रोजगार के अवसर, पाठ्यक्रम में शामिल हो एमएसएमई
MSME for Bharat In Kannauj: एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय अवसरों को प्रोत्साहित किया जाए और इसमें आने वाली कठिनाईयों को दूर किया जाए। इसके लिए युवाओं और छात्रों को जोड़ना अति आवश्यक है। शैक्षिक पाठ्यक्रम में एमएसएमई को शामिल किया जाए और हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में इसे पढ़ाया जाना चाहिए।

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कन्नौज में लघु उद्योगों को अगर बढ़ावा दिया जाए, तो रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, किसानों की आय भी बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा। एमएसएमई के अंतर्गत आने वाले इत्र सहित तमाम उद्योगों को आधुनिक तकनीक से सरल बनाया जाए और उनकी ब्रांडिंग व पैकेजिंग के लिए प्रशिक्षण दिया जाए, तो निश्चित रूप से इसके अभूतपूर्व परिणाम आएंगे।

अमर उजाला एमएसएमई फॉर भारत कान्क्लेव के द्वितीय सत्र कल के एमएसएमई विषय पर जानकारी देते हुए हरदोई के उद्योगपति लक्ष्मीरमण शुक्ला ने कहा कि सरकार लघु उद्योगों पर अधिक ध्यान दे। यही आगे चलकर वृहद उद्योग का रूप लेते हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था में अतुलनीय योगदान देते हैं। द अतर्स एंड परफ्यूमर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष पवन त्रिवेदी ने कहा कि कन्नौज का इत्र पारंपरिक श्रोतों और पुरातन विधियों से बनाया जाता है।
इत्र के साथ-साथ पर्यटन उद्योग भी विकसित होगा
वैश्वीकरण के इस युग में इत्र निर्माण विधि को आधुनिक तकनीक से समृद्ध किया जाना आवश्यक है। ईंधन की खपत को कम और प्रदूषण नियंत्रण के लिए कारखानों में एलपीजी की आपूर्ति होनी चाहिए। साथ ही चंदन समेत औषधीय खेती को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। वहीं, ग्लोबल फोरम फॉर कन्नौज इत्र उद्योग के चेयरमैन विवेक नारायन मिश्रा ने कहा कि एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए इत्र पार्क को पर्यटन हब के रूप में विकसित किया जाए और इसके साथ ही अरोमा पार्क बनाया जाए। इससे पर्यटक आकर्षित होंगे और इत्र के साथ-साथ पर्यटन उद्योग भी विकसित होगा।

शैक्षिक पाठ्यक्रम हो एमएसएमई, स्थानीय संशाधनों पर हो फोकस
एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय अवसरों को प्रोत्साहित किया जाए और इसमें आने वाली कठिनाईयों को दूर किया जाए। इसके लिए युवाओं और छात्रों को जोड़ना अति आवश्यक है। शैक्षिक पाठ्यक्रम में एमएसएमई को शामिल किया जाए और हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में इसे पढ़ाया जाना चाहिए। साथ ही सोलर एनर्जी को ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोत के रूप में एमएसएमई में शामिल किया जाना चाहिए।
स्थानीय अवसर एवं चुनौतियों पर उद्यमियों ने रखी राय
अमर उजाला एमएसएमई फॉर भारत कान्क्लेव के तृतीय सत्र में स्थानीय अवसर एवं चुनौतियों के विषय पर उद्यमियों ने कुछ इस तरह अपनी राय व्यक्त की। उत्तर प्रदेश लघु उद्योग संघ फर्रुखाबाद के अध्यक्ष कपिल साध ने कहा कि फर्रुखाबाद में छपाई और आलू मुख्य व्यवसाय है। इनको प्रोत्साहित करने के लिए कोई विशेष योजना चलाई जानी चाहिए। प्रदूषण को दूर करने के लिए एक सीटीपी प्लांट लगाया जाना आवश्यक है। लघु उद्योगों को प्रोत्साहन मिले तो किसानों की आय बढ़ेगी और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।

सोलर एनर्जी को एमएसएमई से जोड़ा जाए
लघु उद्योग भारती हरदोई के अध्यक्ष सजीव अग्रवाल ने कहा कि सौर ऊर्जा को एमएसएमई से जोड़ा जाए, तो इसके परिणाम सार्थक आएंगे। इसके अलावा मोटर बाइंडिंग, कारपेंटरी और गोबर व औद्योगिक कचरे से अगरबत्ती बनाने को प्रोत्साहन मिले, तो इससे गोवंश का संरक्षण भी होगा तथा लोगों को रोजगार भी मिलेगा। लघु उद्योग भारती कन्नौज के अध्यक्ष नवीन गुप्ता ने कहा कि एमएसएमई के अंतर्गत इत्र पार्क को विकसित किया जा रहा है। इसमें सब्सिडी की व्यवस्था हो। साथ ही ओडीओपी के अंतर्गत ब्रांडिंग व पैकेजिंग को भी शामिल किया जाए।
बिजली की समस्या को दूर करे सरकार
हरदोई के उद्योगपति बालकृष्ण जिंदल ने सुझाव दिया कि सरकार लघु उद्योगों को प्रोत्साहन देने से पहले बिजली की समस्या को दूर करे। बिजली न मिलने के कारण प्रोडक्शन घटता है और उत्पाद की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है। उन्होंने बताया कि सरकार को जीएसटी नीति में भी संशोधन करने की आवश्यकता है। उद्यमियों से जीएसटी विभाग के कर्मचारी एक दरोगा की तरह व्यवहार करते हैं, जिससे उद्यमी हतोत्साहित होते हैं।

बोले विशेषज्ञ
भारत ने बनाया पहला अगरबत्ती का मापदंड
सुरस एवं सुगंध विकास केंद्र (एफएफडीसी) के प्रधान निदेशक डॉ. शक्ति विनय शुक्ला ने बताया कि पूजा पद्धति में सभी धर्मों में अगरबत्ती का प्रचलन है, लेकिन इसका कोई निर्धारित मापदंड नहीं था। एमएसएमई के अंतर्गत एफएफडीसी ने पूरे विश्व को अगरबत्ती का पहला मापदंड प्रदान किया है। गाय के गोबर और फूलों के कचरे से अगरबत्ती बनाकर एक अनूठा नवाचार किया है, तो परफ्यूमरी पर पाठ्यक्रम छत्रपति शाहू जी महाराज विश्व विद्यालय कानपुर के सहयोग से शुरू किया गया है, जिसमें 37 छात्र-छात्राओं के प्रवेश हो चुके हैं। इत्र उद्योग से जुड़ी नवीन तकनीकों का भी विकास किया गया है।
उद्योगों को स्थापित करने में नहीं होगी जमीन की समस्या
जिला उद्योग केंद्र के उपायुक्त धनंजय कुमार सिंह ने बताया कि कन्नौज में उद्योगों को स्थापित करने और निवेश के लिए अपरिमित संशाधन हैं। उद्योग लगाने के लिए जमीन की समस्या नहीं होगी। इसके लिए 100 एकड़ जमीन पर विश्व स्तरीय इत्र पार्क और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के किनारे 300 एकड़ क्षेत्रफल में यूपीडा द्वारा इंडस्टि्रयल कॉरीडोर बनाया जा रहा है। इत्र पार्क में 65 प्लाट हैं, जिनमें अभी 16 प्लाट बचे हैं। विशेष बात यह है कि कन्नौज के उद्यमी इसके प्रति उदासीन हैं, जबकि सिंघापुर की एक कंपनी ने सात प्लाट खरीदे हैं। कृषि उत्पाद और खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े उद्योगों को स्थापित करने के लिए अब जमीन की समस्या आडे नहीं आएगी।

आपदा को अवसर बनाएं युवा उद्यमी
हरदोई की उद्योगपति पारिशा तिवारी ने बताया कि देशकाल एवं परिस्थितियों के अनुसार लक्ष्य तय करना ही एक सफल युवा उद्यमी की पहचान है। कोरोना काल में उन्होंने सोलर एनर्जी के क्षेत्र में स्टार्टअप किया तो ऐसा लगा कि इसमें बहुत कठिनाइयां हैं, लेकिन आपदा के कठिन समय में भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपने उद्योग को आगे बढ़ाने के लिए एमएसएमई तथा अन्य इंडस्ट्री विशेषज्ञों का सहयोग लिया। आज उनका कारोबार पूरे प्रदेश में एक वृहद रूप ले चुका है। समय का सदुपयोग और उद्यमशीलता का संवर्धन करने से निश्चित रूप से सफलता प्राप्त होती है। युवा उद्यमियों को शासन की योजनाओं का भरपूर लाभ लेना चाहिए, जब युवा नौकरी छोड़कर उद्योगों की तरफ आकर्षित होंगे तो निश्चित रूप से समृद्धि आएगी।