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मुख्तार के अंतिम नौ दिन: जेल के खाने में जहर देने का आरोप, फिर पेट में दर्द; कोर्ट में बताया हत्या की साजिश

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बांदा/चित्रकूट Published by: हिमांशु अवस्थी Updated Fri, 29 Mar 2024 06:54 AM IST
सार

Mukhtar Ansari Death: हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मुख्तार की जान को खतरा बताया था। उनके स्वास्थ्य व सुरक्षा के इंतजाम की प्रतिदिन की रिपोर्ट जमा करने की मांग की गई। बांदा जेल में दो बार जहर देकर मारने के प्रयास की रिपोर्ट जिम्मेदारों ने अदालत में अभी तक नहीं दी।

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Mukhtar Ansari Death, Accused of poisoning jail food, then stomach ache; Murder conspiracy told in court
mukhtar ansari death - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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माफिया मुख्तार अंसारी के सारे मामलों की सुनवाई यूपी छोड़कर अन्य राज्य की अदालत में कराने के साथ उसकी जेल की भी बदलने की मांग हुई है। मुख्तार के अधिवक्ता की ओर से हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि उसे दो बार बांदा जेल में दोपहर के खाने में जहर दिया गया। शासन प्रशासन उसकी हत्या कराना चाहता है।

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पूर्व एमएलसी विजय सिंह को बचाने के लिए उसके खिलाफ गवाही देने से रोका जा रहा है। बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की दो दिन पूर्व तबियत खराब होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मुख्तार के अधिवक्ता सौभाग्य मिश्रा का आरोप है कि उनके साथ जेल में संविधान से हटकर कार्रवाई की जा रही है। उनके बेटे उमर व अन्य परिजन को मिलने या बात करने तक नहीं दी गई।

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40 दिन पहले भी उसे भोजन में जहर दिया गया। दस दिन पहले भी दोपहर के भोजन में जहर दिया गया।  उनका आरोप है कि जेल अधिनियमों के विपरीत शासन प्रशासन कार्य कर रहा है। दरअसल, एमपीएमएलए कोर्ट गाजीपुर में पूर्व विधायक विजय सिंह को बचाने के लिए उनकी गवाही रोकी जा रही है इसलिए पेशी नहीं कराई जा रही। हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई।

जिम्मेदारों ने अदालत में नहीं दी रिपोर्ट
इसमें मुख्तार की जान का खतरा बताया है। उनके स्वास्थ्य व सुरक्षा के इंतजाम की प्रतिदिन की रिपोर्ट जमा करने की मांग है। बांदा जेल में दो बार जहर देकर मारने के प्रयास की रिपोर्ट जिम्मेदारों ने अदालत में अभी तक नहीं दी है। मुख्तार के कई जगह दिल्ली, बाराबंकी, वाराणसी, गाजीपुर में मामले चल रहे हैं। ऐसे में उसके सभी मामलों की सुनवाई अन्य राज्य की अदालत में कराकर बांदा के जेल से भी शिफ्ट किया जाए।

दोपहर से बिगड़ी थी तबीयत, खाई थी सिर्फ खिचड़ी
दो दिन पहले मेडिकल कॉलेज से आने के बाद मुख्तार ने खाना-पीना न के बराबर कर दिया था। बुधवार तक कुछ फल ही खाए थे। जेल सूत्रों के मुताबिक गुरुवार दोपहर से उसकी तबीयत दोबारा बिगड़ने लगी थी। सूचना मिलते ही जिला अस्पताल के तीन डॉक्टरों की टीम ने मौके पर पहुंच कर उसकी सेहत की जांच की थी। गुरुवार को मुख्तार ने सिर्फ थोड़ी सी खिचड़ी ही खाई थी।

इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज पहुंचाया
सूत्रों के अनुसार रात को दवा खाने के लिए हल्का सा भोजन किया था। इसके बाद बुधवार को भी उसने सिर्फ फलों का ही सेवन किया था। गुरुवार को भी थोड़ी सी खिचड़ी खाई थी। इसके बाद उसने फिर से पेट में ऐंठन की शिकायत की। इस पर डॉक्टरों की टीम ने जांच की। इसके कुछ ही देर बाद एडीएम राजेश कुमार भी उसका हाल जानने कारागार पहुंचे थे। शाम सात बजे के आसपास दोबारा तबीयत खराब होने की शिकायत पर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज पहुंचाया।

पांच डॉक्टरों का पैनल करेगा पोस्टमार्टम
जिंदा मुख्तार तो पुलिस प्रशासन के सिर का दर्द रहा ही और मौत के बाद भी उसने अधिकारियों के पसीने छुड़ा दिए। प्रशासन रात 11 बजे से ही शव के पोस्टमार्टम की तैयारी में जुट गया। अधिकारियों के मुताबिक, मुख्तार के परिजनों के मेडिकल कॉलेज पहुंचने के बाद ही पांच डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम की प्रक्रिया कराई जाएगी। इसके अलावा पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। प्रयास किया जाएगा कि देर रात ही शव को परिजनों के सुपुर्द कर उसे गाजीपुर के लिए रवाना कर दिया जाए। इस बीच चर्चा रही कि मुख्तार के परिवार के कई सदस्यों से बांदा की सीमा पर ही रोका गया है। सिर्फ भाई अफजाल को ही मेडिकल कॉलेज के लिए रवाना किया गया है।

ये है अंतिम नौ दिनों का घटनाक्रम

  • 20 मार्च को माफिया मुख्तार अंसारी के वकील ने 19 जेल के खाने में जहर देने का आरोप लगाया।
  • 24 मार्च को शासन के निर्देश पर लापरवाही के आरोप में जेल के दो डिप्टी जेलर समेत तीन का निलंबन हुआ।
  • 25 मार्च की देर रात 3 बजे अचानक मुख्तार के पेट में दर्द उठा।
  • 26 मार्च को तड़के 5.30 बजे उसे एंबुलेंस से मेडिकल कॉलेज ले जाया गया।

  •  26 मार्च की शाम 6.30 बजे मुख्तार को मेडिकल कॉलेज से वापस मंडलीय कारागार भेज दिया गया।
  • 27 मार्च को परिजनों ने एमपी-एमएलए कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर हत्या की साजिश का आरोप लगाया।
  • 27 मार्च की शाम को बांदा एमपी-एमएलए कोर्ट जेल प्रशासन से मुख्तार की सेहत की रिपोर्ट तलब की।
  • 28 मार्च की दोपहर 2.30 बजे के आसपास मुख्तार को फिर से तकलीफ हुई। इस पर करीब 3.30 बजे डॉक्टरों की टीम ने उसका चेकअप किया।

  • 28 मार्च की शाम 5 बजे एडीएम राजेश कुमार ने जेल पहुंचकर मुख्तार के बारे में अधिकारियों से जानकारी की।
  •  28 मार्च की देर शाम 7.30 बजे डीएम और एसपी भी काफिले के साथ जेल पहुंचे।
  •  रात 8.15 बजे एंबुलेंस मंगाकर मुख्तार को बेहोशी की हालत में मेडिकल कॉलेज के लिए रवाना किया गया।
  •  8.30 बजे मेडिकल कॉलेज में मुख्तार का आईसीयू में इलाज शुरू किया गया।

  • 9.20 बजे उसे आईसीयू से सीसीयू में शिफ्ट किया गया।
  • देर रात 10.30 बजे प्रशासन ने मुख्तार की मौत की सूचना को सार्वजनिक किया।
  • देर रात 11 बजे कमिश्नर और डीआईजी भी मेडिकल कॉलेज पहुंचे।
  • देर रात 12.30 बजे शव को पोस्टमार्टम हाउस भेजा गया।
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