पीएम को पंसद आया स्टार्टअप सब्जीकोठी: इंक्यूबेटर निक्की को दी बधाई, कहा- मिट्टी कूल के साथ जोड़कर स्टडी करें, बेहतर परिणाम मिलेंगे
जम्मू के पल्ली गांव में लगी प्रदर्शनी में आईआईटी कानपुर के इंक्यूबेटेड स्टार्टअप सब्जीकोठी का प्रदर्शन किया गया। पीएम मोदी ने इंक्यूबेटर निक्की झा को बधाई देते हुए महत्वपूर्ण सलाह भी दी। बता दें कि निक्की झा की कंपनी सप्तकृषि साइंटिफिक प्राइवेट लिमिटेड ने इसे निर्मित किया है।
विस्तार
आत्मनिर्भर भारत की यात्रा में स्टार्टअप की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्टार्टअप इंडिया स्कीम युवाओं को सशक्त बना रही है। ऐसा ही एक स्टार्टअप है, सब्जीकोठी। यह कानपुर आईआईटी का इंक्यूबेटेड स्टार्टअप है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खासा पसंद आया है। उन्होंने इंक्यूबेटर निक्की झा को बधाई देते हुए सब्जीकोठी संबंधी तमाम सवाल किए और इसे बेहतर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
रविवार को पीएम जम्मू-कश्मीर के दौरे पर थे। जम्मू के पल्ली गांव में मिनिस्टरी ऑफ ग्राम पंचायत की ओर से आयोजित कार्यक्रम में शेर-ए-कश्मीर यूनिवसिर्टी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंक्यूबेशन सेंटर की ओर से प्रदर्शनी लगाई गई थी। इसमें सब्जीकोठी स्टार्टअप को भी आमंत्रित किया गया था। यहां पर पहुंचे पीएम ने निक्की के स्टॉल पर करीब ढाई मिनट तक रुके और सब्जीकोठी के बारे में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने पूछा कि यह कैसे काम करता है, किसानों को कितना फायदा होगा, कैसे डिजाइन किया, अभी तक कहां-कहां इस्तेमाल हो रहा है। यही नहीं, पीएम ने सलाह दी कि मिट्टी कूल के साथ इसे जोड़कर स्टडी करें और बेहतर परिणाम आ सकते हैं।
एक माह तक फल-सब्जी रहती है ताजी
निक्की आईआईटी से डिजाइन में पीएचडी कर रहे हैं। मूल रूप से बिहार के रहने वाले निक्की झा और उनकी बहन रश्मि झा ने किसानों की मदद के लिए स्टार्टअप कंपनी सप्तकृषि साइंटिफिक प्राइवेट लिमिटेड बनाई है। निक्की ने बताया कि सब्जीकोठी में सब्जी और फल एक माह तक ताजे रहते हैं। यह एक टेंट जैसा होता है, जिसमें 150 किलो से लेकर 1000 किलो तक सब्जी और फल रख सकते हैं। यह माइक्रोक्लाइमेट पोर्टेबल सिस्टम है जो कूलिंग के बजाय प्रिजर्वेटर के रतौर पर काम करता है। इथाइलीन हार्मोन को छोटे छोटे मॉलिक्यूल्स में बदल देता है। इस वजह से सब्जियों के पकने का वक्त बढ़ जाता है। इसको ऑपरेट करने के लिए 20 वॉट बिजली की जरूरत होती है। अभी विभिन्न कंपनियों को यह 12500 रुपये में बेचा रहा है।
कैसे काम करता है मिट्टी कूल
मिट्टी कूल एक प्राकृतिक रेफ्रिजरेटर है। यह मिट्टी का बना होता है। वाष्पीकरण के सिद्धांत पर काम करता है। ऊपरी कक्षों से पानी नीचे की ओर टपकता है, और अंदर से गर्मी को दूर करते हुए वाष्पित हो जाता है, जिससे कक्ष ठंडा हो जाता है। ऊपरी कक्ष का उपयोग पानी को स्टोर करने के लिए किया जाता है। पानी को बाहर निकालने के लिए इस प्राकृतिक फ्रिज के निचले सिरे पर एक छोटा नल भी होता है। निचले कक्ष में सब्जी, फल और दूध आदि रखने के लिए दो अलमारियां होती हैं। इसमें बिजली या बैटरी की जरूरत नहीं पड़ती है। दो से तीन दिन तक यह फलों-सब्जियों को ताजा रख सकता है।