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UP: 16 बरस से कानपुर थाने के मालखाने में 'राधारानी' कैद, बिन राधा जन्मदिन अकेले मनाते 'कान्हा'

राघवेंद्र सिंह यादव, अमर उजाला, घाटमपुर Published by: शिखा पांडेय Updated Mon, 26 Aug 2024 12:19 AM IST
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सार

11 फरवरी 2008 को भदरस गांव स्थित प्राचीन राधाकृष्ण मंदिर का ताला तोड़कर चोर 80 किग्रा वजन की अष्टधातु निर्मित राधाजी की मूर्ति चोरी कर ले गए थे। आरोपी कोर्ट से जमानत पर रिहा हो चुके हैं लेकिन राधारानी को आज तक मालखाने की कैद से रिहाई नहीं मिल सकी है।

'Radharani' imprisoned in the store room of Kanpur police station for 16 years
प्राचीन राधा कृष्ण मंदिर - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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कलयुग में कान्हा को अपनी राधारानी से मिलन का इंतजार है। घाटमपुर के भदरस गांव स्थित ठाकुरद्वारा में कान्हाजी इस बार भी अकेले ही अपना जन्मदिन मनाएंगे। अपने पिता वासुदेव और मां देवकी को कंस के कैद से छुड़ाने वाले श्रीकृष्ण की राधारानी आज भी घाटमपुर कोतवाली के मालखाना में कैद हैं। सोलह बरस से कान्हा अपना जन्मदिन राधारानी के बगैर ही मना रहे हैं। सोमवार रात जन्माष्टमी पर राधारानी के बगैर ही उनकी पूजा होगी। 
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मालूम हो कि 11 फरवरी वर्ष 2008 को भदरस गांव स्थित प्राचीन राधा कृष्ण मंदिर में स्थापित राधाजी की अष्टधातु निर्मित करीब 80 किग्रा वजन की मूर्ति को चोर ताला तोड़कर चोरी कर ले गए थे। मंदिर के तत्कालीन सर्वराकर प्रकाश चंद्र खरे ने घाटमपुर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। तत्कालीन पुलिस ने भी पखवाड़े भर के अंदर आरोपियों श्यामजी गुप्ता, विनोद मिश्र निवासीगण दमोदरनगर थाना नौबस्ता, अंकुर सिंह निवासी बलहापारा कोतवाली घाटमपुर, अमित कुशवाहा निवासी धानीखेड़ा थाना कल्याणपुर, दिनेश प्रजापति निवासी इमलीपुर थाना बिधनू एवं सर्राफ मोहम्मद हसीन निवासी प्रेमनगर थाना चमनगंज को गिरफ्तार कर राधारानी की मूर्ति बरामद कर ली थी।

तब मूर्ति को कोतवाली के मालखाने में रखे जाने के साथ ही आरोपियों को जेल भेज दिया गया था। कुछ दिन बाद आरोपी कोर्ट से जमानत पर रिहा हो गए थे, लेकिन राधारानी को आज तक मालखाने की कैद से रिहाई नहीं मिल सकी। भदरस के इस ठाकुर द्वारा मंदिर में सोलह बरस से कान्हा अकेले ही अपना जन्मदिन मना रहे हैं और अपनी राधारानी की रिहाई का इंतजार कर रहे हैं। भदरस के ग्रामीण बताते हैं कि घटना के वादी और मंदिर के सर्वराकार प्रकाश चंद्र खरे के निधन के बाद मामला ठंडे बस्ते में है। कई प्रयास के बाद भी राधारानी की अष्टधातु निर्मित मूर्ति रिलीज नहीं हो सकी।
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